- विज्ञापन (Article Top Ad) -
बिलासपुर ! हिमाचल प्रदेश की महत्वाकांक्षी उपोष्णकटिबंधीय बागवानी सिंचाई एवं मूल्यवर्धन परियोजना (एचपी शिवा) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रही है। इसी क्रम में दुबई के प्रतिष्ठित व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल अब्दुल्ला अल अली एवं सगीर खान ने 31 अक्तूबर को निदेशालय उद्यान विभाग, नवबहार, शिमला में परियोजना निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ठाकुर तथा एचपी शिवा पीएमयू टीम के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में एचपी शिवा परियोजना के अंतर्गत उत्पादित फलों (मीठे संतरे, अनार) एवं कट फ्लावर (गुलाब एवं कार्नेशन) के मध्य पूर्व देशों, विशेषकर दुबई को निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा करना रहा। बैठक के दौरान परियोजना निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ठाकुर ने परियोजना की प्रगति एवं उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एचपीशिवा के तहत प्रदेश के सात जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, ऊना, सोलन और सिरमौर में वैज्ञानिक दृष्टि से विकसित क्लस्टरों की स्थापना की गई है। इनमें उच्च उत्पादकता एवं निर्यातोन्मुख किस्मों की खेती की जा रही है, जो रंग, आकार, मिठास, बिक्स स्तर और शेल्फ लाइफ के सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती हैं। डॉ. ठाकुर ने बताया कि किसानों को गुड एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेज , प्रिसीजन इरिगेशन, फर्टिगेशन, तथा एकीकृत कीट एवं पोषण प्रबंधन जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप परियोजना क्षेत्र में उत्पादन की गुणवत्ता और निरंतरता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि क्लस्टर-आधारित मॉडल से उत्पादों की ट्रेसबिलिटी, क्वालिटी स्थिरता और वॉल्यूम एग्रीगेशन संभव हुआ है, जो अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की प्राथमिक आवश्यकता है। सहायक परियोजना निदेशक, डॉ. रमल अंगारिया ने कहा कि एचपी शिवा परियोजना हिमाचल के किसानों को केवल उत्पादन तक सीमित नहीं रख रही, बल्कि उन्हें वैश्विक बाजारों तक पहुँचाने के लिए भी मार्ग प्रशस्त कर रही है। परियोजना के तहत किसानों की क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है ताकि वे गुणवत्ता, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और निर्यात मानकों को स्वयं समझकर आत्मनिर्भर बन सकें। आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश ‘फ्रूट स्टेट ऑफ इंडिया’ ही नहीं बल्कि ‘एक्सपोर्ट हब ऑफ हिल्स’ के रूप में भी स्थापित होगा।बैठक के उपरांत, 1 नवंबर 2025 को दुबई प्रतिनिधिमंडल ने जिला बिलासपुर के करोट क्लस्टर का दौरा किया। यहां उन्होंने किसानों से संवाद किया और क्लस्टर में अपनाई जा रही आधुनिक तकनीकों, जैसे हाइटेक ड्रिप इरिगेशन, एनिमल प्रूफ सोलर फेंसिंग और फर्टिगेशन सिस्टम, का निरीक्षण किया।डॉ. जगदीश वर्मा, उपनिदेशक उद्यान, बिलासपुर, ने प्रतिनिधिमंडल को क्लस्टर की कार्यप्रणाली और बागवानी तकनीकों की जानकारी देते हुए बताया कि एचपीशिवा परियोजना के तहत बिलासपुर जिला अब निर्यात केंद्रित बागवानी उत्पादन में तेजी से उभर रहा है। हमारे किसान अब वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती कर रहे हैं, जिससे उनके उत्पाद गुणवत्ता, स्वाद और शेल्फ लाइफ के मामले में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बन रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दुबई जैसे बाजारों में हिमाचली फलों और कट फ्लावर की मांग बढ़ना हमारे किसानों के लिए एक नई आर्थिक संभावना है। यह पहल किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी। प्रतिनिधिमंडल ने एचपी शिवा परियोजना की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की जलवायु, प्राकृतिक संसाधन और वैज्ञानिक खेती की तकनीकें इसे विश्वस्तरीय फल एवं फूल उत्पादक राज्य बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि एचपी शिवा के उत्पाद इंटरनेशनल क्वालिटी स्टैंडर्ड्स के अनुरूप हैं, और वे जल्द ही दीर्घकालिक व्यापारिक सहयोग के लिए विस्तृत प्रस्ताव पर कार्य करेंगे।
बिलासपुर ! हिमाचल प्रदेश की महत्वाकांक्षी उपोष्णकटिबंधीय बागवानी सिंचाई एवं मूल्यवर्धन परियोजना (एचपी शिवा) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रही है। इसी क्रम में दुबई के प्रतिष्ठित व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल अब्दुल्ला अल अली एवं सगीर खान ने 31 अक्तूबर को निदेशालय उद्यान विभाग, नवबहार, शिमला में परियोजना निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ठाकुर तथा एचपी शिवा पीएमयू टीम के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में एचपी शिवा परियोजना के अंतर्गत उत्पादित फलों (मीठे संतरे, अनार) एवं कट फ्लावर (गुलाब एवं कार्नेशन) के मध्य पूर्व देशों, विशेषकर दुबई को निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा करना रहा।
बैठक के दौरान परियोजना निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ठाकुर ने परियोजना की प्रगति एवं उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एचपीशिवा के तहत प्रदेश के सात जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, ऊना, सोलन और सिरमौर में वैज्ञानिक दृष्टि से विकसित क्लस्टरों की स्थापना की गई है। इनमें उच्च उत्पादकता एवं निर्यातोन्मुख किस्मों की खेती की जा रही है, जो रंग, आकार, मिठास, बिक्स स्तर और शेल्फ लाइफ के सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती हैं।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
डॉ. ठाकुर ने बताया कि किसानों को गुड एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेज , प्रिसीजन इरिगेशन, फर्टिगेशन, तथा एकीकृत कीट एवं पोषण प्रबंधन जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप परियोजना क्षेत्र में उत्पादन की गुणवत्ता और निरंतरता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि क्लस्टर-आधारित मॉडल से उत्पादों की ट्रेसबिलिटी, क्वालिटी स्थिरता और वॉल्यूम एग्रीगेशन संभव हुआ है, जो अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की प्राथमिक आवश्यकता है।
सहायक परियोजना निदेशक, डॉ. रमल अंगारिया ने कहा कि एचपी शिवा परियोजना हिमाचल के किसानों को केवल उत्पादन तक सीमित नहीं रख रही, बल्कि उन्हें वैश्विक बाजारों तक पहुँचाने के लिए भी मार्ग प्रशस्त कर रही है। परियोजना के तहत किसानों की क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है ताकि वे गुणवत्ता, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और निर्यात मानकों को स्वयं समझकर आत्मनिर्भर बन सकें। आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश ‘फ्रूट स्टेट ऑफ इंडिया’ ही नहीं बल्कि ‘एक्सपोर्ट हब ऑफ हिल्स’ के रूप में भी स्थापित होगा।
बैठक के उपरांत, 1 नवंबर 2025 को दुबई प्रतिनिधिमंडल ने जिला बिलासपुर के करोट क्लस्टर का दौरा किया। यहां उन्होंने किसानों से संवाद किया और क्लस्टर में अपनाई जा रही आधुनिक तकनीकों, जैसे हाइटेक ड्रिप इरिगेशन, एनिमल प्रूफ सोलर फेंसिंग और फर्टिगेशन सिस्टम, का निरीक्षण किया।
डॉ. जगदीश वर्मा, उपनिदेशक उद्यान, बिलासपुर, ने प्रतिनिधिमंडल को क्लस्टर की कार्यप्रणाली और बागवानी तकनीकों की जानकारी देते हुए बताया कि एचपीशिवा परियोजना के तहत बिलासपुर जिला अब निर्यात केंद्रित बागवानी उत्पादन में तेजी से उभर रहा है। हमारे किसान अब वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती कर रहे हैं, जिससे उनके उत्पाद गुणवत्ता, स्वाद और शेल्फ लाइफ के मामले में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बन रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि दुबई जैसे बाजारों में हिमाचली फलों और कट फ्लावर की मांग बढ़ना हमारे किसानों के लिए एक नई आर्थिक संभावना है। यह पहल किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी।
प्रतिनिधिमंडल ने एचपी शिवा परियोजना की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की जलवायु, प्राकृतिक संसाधन और वैज्ञानिक खेती की तकनीकें इसे विश्वस्तरीय फल एवं फूल उत्पादक राज्य बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि एचपी शिवा के उत्पाद इंटरनेशनल क्वालिटी स्टैंडर्ड्स के अनुरूप हैं, और वे जल्द ही दीर्घकालिक व्यापारिक सहयोग के लिए विस्तृत प्रस्ताव पर कार्य करेंगे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -