


एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” थीम के साथ सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन*
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शिमला, 21 जून [ विशाल सूद ] ! भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), और जिला आयुष विभाग (हिमाचल प्रदेश) के संयुक्त तत्वाधान में आज प्रातः 6:30 बजे से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 का आयोजन ऐतिहासिक मुख्य भवन प्रांगण में भव्यता एवं गरिमा के साथ संपन्न हुआ। योग की भारतीय परंपरा का यह उत्सव स्वास्थ्य जागरूकता, अनुशासन और सामूहिक सहभागिता का सशक्त उदाहरण बना। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रही, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की पारस्परिकता को रेखांकित करती है। कार्यक्रम का प्रारंभ संस्थान के सचिव श्री मेहर चंद नेगी के स्वागत भाषण से हुआ, जिन्होंने योग की सार्वभौमिकता और इसकी जीवन उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित अधिकारियों, प्रतिभागियों तथा अतिथियों का अभिनंदन किया। इसके पश्चात् जिला आयुष अधिकारी डॉ. अश्विन शर्मा ने मुख्य वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने योग को भारतीय ज्ञान परंपरा का अमूल्य योगदान बताते हुए इसे आंतरिक और बाह्य स्वास्थ्य का समन्वित माध्यम बताया। प्रातः 7:00 बजे से कॉमन योग प्रोटोकॉल सत्र का संचालन किया गया, जिसका नेतृत्व डॉ. निशा और डॉ. स्वाति शर्मा ने किया। उनके साथ मंच पर डॉ. पारुल शर्मा एवं सुश्री ऋतु रावत ने सह-प्रशिक्षिकाओं के रूप में प्रतिभाग किया और आसनों, प्राणायाम तथा ध्यान के विभिन्न अभ्यासों का प्रदर्शन कर सभी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। प्रांगण में उपस्थित संस्थान के अध्येताओं, अधिकारियों, एनसीसी कैडेटों, कर्मचारियों एवं योग प्रेमियों ने अनुशासित रूप से योगाभ्यास किया और कार्यक्रम की मुख्य भावना में सहभागी बने। कार्यक्रम के अंत में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रवीण ठाकुर, अधिकारी कमांडिंग, एनसीसी शिमला द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने संस्थान, आयुष विभाग, एनसीसी, इकाई तथा सभी सहभागी प्रशिक्षकों एवं कैडेटों का आभार व्यक्त किया। पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी श्री अखिलेश पाठक, सेल एवं जनसंपर्क अधिकारी द्वारा किया गया, जिनके प्रेरक एवं व्यवस्थित संचालन ने कार्यक्रम को एक ऊर्जावान प्रवाह और सार्थक अनुशासन प्रदान किया। संस्थान द्वारा आयोजित यह आयोजन न केवल एक स्वास्थ्यपरक पहल रही, बल्कि यह योग के सार्वभौमिक संदेश को जनसामान्य तक पहुँचाने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास भी सिद्ध हुआ।
शिमला, 21 जून [ विशाल सूद ] ! भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), और जिला आयुष विभाग (हिमाचल प्रदेश) के संयुक्त तत्वाधान में आज प्रातः 6:30 बजे से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 का आयोजन ऐतिहासिक मुख्य भवन प्रांगण में भव्यता एवं गरिमा के साथ संपन्न हुआ। योग की भारतीय परंपरा का यह उत्सव स्वास्थ्य जागरूकता, अनुशासन और सामूहिक सहभागिता का सशक्त उदाहरण बना। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रही, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की पारस्परिकता को रेखांकित करती है।
कार्यक्रम का प्रारंभ संस्थान के सचिव श्री मेहर चंद नेगी के स्वागत भाषण से हुआ, जिन्होंने योग की सार्वभौमिकता और इसकी जीवन उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित अधिकारियों, प्रतिभागियों तथा अतिथियों का अभिनंदन किया। इसके पश्चात् जिला आयुष अधिकारी डॉ. अश्विन शर्मा ने मुख्य वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने योग को भारतीय ज्ञान परंपरा का अमूल्य योगदान बताते हुए इसे आंतरिक और बाह्य स्वास्थ्य का समन्वित माध्यम बताया।
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प्रातः 7:00 बजे से कॉमन योग प्रोटोकॉल सत्र का संचालन किया गया, जिसका नेतृत्व डॉ. निशा और डॉ. स्वाति शर्मा ने किया। उनके साथ मंच पर डॉ. पारुल शर्मा एवं सुश्री ऋतु रावत ने सह-प्रशिक्षिकाओं के रूप में प्रतिभाग किया और आसनों, प्राणायाम तथा ध्यान के विभिन्न अभ्यासों का प्रदर्शन कर सभी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। प्रांगण में उपस्थित संस्थान के अध्येताओं, अधिकारियों, एनसीसी कैडेटों, कर्मचारियों एवं योग प्रेमियों ने अनुशासित रूप से योगाभ्यास किया और कार्यक्रम की मुख्य भावना में सहभागी बने।
कार्यक्रम के अंत में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रवीण ठाकुर, अधिकारी कमांडिंग, एनसीसी शिमला द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने संस्थान, आयुष विभाग, एनसीसी, इकाई तथा सभी सहभागी प्रशिक्षकों एवं कैडेटों का आभार व्यक्त किया।
पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी श्री अखिलेश पाठक, सेल एवं जनसंपर्क अधिकारी द्वारा किया गया, जिनके प्रेरक एवं व्यवस्थित संचालन ने कार्यक्रम को एक ऊर्जावान प्रवाह और सार्थक अनुशासन प्रदान किया।
संस्थान द्वारा आयोजित यह आयोजन न केवल एक स्वास्थ्यपरक पहल रही, बल्कि यह योग के सार्वभौमिक संदेश को जनसामान्य तक पहुँचाने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास भी सिद्ध हुआ।
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