तिरपाल, कंबल, सोलर लाइट और राशन प्रभावित परिवारों तक पहुंचाया जाएगा
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शिमला , 24 सितंबर [ विशाल सूद ] ! नोफल एक उम्मीद चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष गुरमीत ने शिमला में बताया कि आपदा आने के बाद से लेकर अब तक संस्था ने ढाई करोड़ रुपये का राहत कार्य किया है। सेवा भारती हिमाचल प्रदेश के साथ मिलकर यह आंकड़ा पांच करोड़ रुपये से भी अधिक हो चुका है। संस्था का कहना है कि राहत सामग्री भेजने का कार्य लगातार जारी है। चाहे चंबा हो, हमीरपुर हो, कुल्लू हो या मंडी—जहां भी आपदा या नुकसान हुआ है, वहां पर टीमों ने तुरंत सहायता पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि आज भी एक गाड़ी राहत सामग्री लेकर चम्बा के लिए रवाना हुई है, जबकि कल चंडीगढ़ से वाहन तीसा (चंबा) के लिए भेजा जाएगा। बरसात के बाद भी कार्य जारी रखना आवश्यक है। आने वाले दिनों में सर्दियों को देखते हुए कंबल, रजाइयां और मैट्रेस जैसी सामग्री जुटाई जा रही है। गुरमीत ने अपील की कि सभी संस्थाएं सिर्फ मुख्य सड़कों तक ही सीमित न रहें, बल्कि उन गांवों तक भी जाएं जो सड़क से 2 से 6 किलोमीटर दूर हैं। नोफल और सेवा भारती की टीम घर-घर जाकर जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचा रही है और उनकी वास्तविक आवश्यकताओं की सूची बनाकर उन्हें पूरा करने का प्रयास कर रही है। अब तक संस्था द्वारा तिरपाल, सोलर लाइट, कंबल, राशन, मेडिकल किट, बर्तन, कपड़े, डेली नीड्स का सामान और फोल्डिंग बेड जैसी राहत सामग्री चंबा व तीसा भेजी गई है। मंडी में ही अब तक डेढ़ सौ गाड़ियों से अधिक सामग्री उतारी जा चुकी है। गुरमीत के अनुसार, संस्था द्वारा अभी तक पांच करोड़ से अधिक का कार्य हो चुका है और आगे भी करीब दो करोड़ रुपये का अतिरिक्त राहत कार्य किया जाएगा। संस्था का कहना है कि हर घर तक पहुंचने और हर जरूरत का पूरा हिसाब रखने की व्यवस्था की गई है ताकि आने वाले समय में भी सभी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
शिमला , 24 सितंबर [ विशाल सूद ] ! नोफल एक उम्मीद चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष गुरमीत ने शिमला में बताया कि आपदा आने के बाद से लेकर अब तक संस्था ने ढाई करोड़ रुपये का राहत कार्य किया है। सेवा भारती हिमाचल प्रदेश के साथ मिलकर यह आंकड़ा पांच करोड़ रुपये से भी अधिक हो चुका है। संस्था का कहना है कि राहत सामग्री भेजने का कार्य लगातार जारी है। चाहे चंबा हो, हमीरपुर हो, कुल्लू हो या मंडी—जहां भी आपदा या नुकसान हुआ है, वहां पर टीमों ने तुरंत सहायता पहुंचाई है।
उन्होंने कहा कि आज भी एक गाड़ी राहत सामग्री लेकर चम्बा के लिए रवाना हुई है, जबकि कल चंडीगढ़ से वाहन तीसा (चंबा) के लिए भेजा जाएगा। बरसात के बाद भी कार्य जारी रखना आवश्यक है। आने वाले दिनों में सर्दियों को देखते हुए कंबल, रजाइयां और मैट्रेस जैसी सामग्री जुटाई जा रही है।
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गुरमीत ने अपील की कि सभी संस्थाएं सिर्फ मुख्य सड़कों तक ही सीमित न रहें, बल्कि उन गांवों तक भी जाएं जो सड़क से 2 से 6 किलोमीटर दूर हैं। नोफल और सेवा भारती की टीम घर-घर जाकर जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचा रही है और उनकी वास्तविक आवश्यकताओं की सूची बनाकर उन्हें पूरा करने का प्रयास कर रही है।
अब तक संस्था द्वारा तिरपाल, सोलर लाइट, कंबल, राशन, मेडिकल किट, बर्तन, कपड़े, डेली नीड्स का सामान और फोल्डिंग बेड जैसी राहत सामग्री चंबा व तीसा भेजी गई है। मंडी में ही अब तक डेढ़ सौ गाड़ियों से अधिक सामग्री उतारी जा चुकी है। गुरमीत के अनुसार, संस्था द्वारा अभी तक पांच करोड़ से अधिक का कार्य हो चुका है और आगे भी करीब दो करोड़ रुपये का अतिरिक्त राहत कार्य किया जाएगा।
संस्था का कहना है कि हर घर तक पहुंचने और हर जरूरत का पूरा हिसाब रखने की व्यवस्था की गई है ताकि आने वाले समय में भी सभी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
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