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चम्बा , 24 सितंबर [ शिवानी ] ! चम्बा मुख्यालय की ऐतिहासिक रामलीला उस समय शोक में बदल गई जब दशरथ की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ कलाकार अमरीश कुमार का मंच पर ही दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मंच पर उस समय राजा दशरथ का दरबार सजा हुआ था और दर्शक पूरी तन्मयता से नाटक का आनंद ले रहे थे, तभी यह हृदयविदारक घटना घटी। जैसे ही अमरीश कुमार ने अपने संवाद बोलने शुरू किए, वे अचानक लड़खड़ाए और ज़मीन पर गिर पड़े। कुछ ही क्षणों में मंच पर हड़कंप मच गया और आयोजनकर्ताओं ने तुरंत पर्दा गिराकर कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। अमरीश को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अमरीश कुमार चंबा जिले के मूल निवासी थे और पिछले 50 वर्षों से रामलीला मंच पर दशरथ और रावण की भूमिका निभा रहे थे। उनके अभिनय को लेकर दर्शकों में विशेष उत्साह रहता था और हर वर्ष लोग उनके अभिनय को देखने के लिए बड़ी संख्या में जुटते थे। रामलीला क्लब के सदस्य सुदेश महाजन ने गहरे शोक व्यक्त करते हुए कहा, "यह हमारे लिए बेहद दुखद और अपूर्णीय क्षति है। अमरीश जी सिर्फ एक कलाकार नहीं थे, बल्कि रामलीला की आत्मा थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को यह वज्र समान दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।" उनके निधन से चंबा शहर समेत पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। रामलीला क्लब ने अगले कुछ दिन के लिए सभी आयोजनों को स्थगित करने का निर्णय लिया है।इस दुखद घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मंच के पीछे कलाकारों की निष्ठा और समर्पण किस हद तक होता है – अमरीश महाजन ने जैसे जीवन के अंतिम क्षण तक मंच और अपनी भूमिका से नाता नहीं तोड़ा।
चम्बा , 24 सितंबर [ शिवानी ] ! चम्बा मुख्यालय की ऐतिहासिक रामलीला उस समय शोक में बदल गई जब दशरथ की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ कलाकार अमरीश कुमार का मंच पर ही दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मंच पर उस समय राजा दशरथ का दरबार सजा हुआ था और दर्शक पूरी तन्मयता से नाटक का आनंद ले रहे थे, तभी यह हृदयविदारक घटना घटी।
जैसे ही अमरीश कुमार ने अपने संवाद बोलने शुरू किए, वे अचानक लड़खड़ाए और ज़मीन पर गिर पड़े। कुछ ही क्षणों में मंच पर हड़कंप मच गया और आयोजनकर्ताओं ने तुरंत पर्दा गिराकर कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। अमरीश को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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अमरीश कुमार चंबा जिले के मूल निवासी थे और पिछले 50 वर्षों से रामलीला मंच पर दशरथ और रावण की भूमिका निभा रहे थे। उनके अभिनय को लेकर दर्शकों में विशेष उत्साह रहता था और हर वर्ष लोग उनके अभिनय को देखने के लिए बड़ी संख्या में जुटते थे।
रामलीला क्लब के सदस्य सुदेश महाजन ने गहरे शोक व्यक्त करते हुए कहा, "यह हमारे लिए बेहद दुखद और अपूर्णीय क्षति है। अमरीश जी सिर्फ एक कलाकार नहीं थे, बल्कि रामलीला की आत्मा थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को यह वज्र समान दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।"
उनके निधन से चंबा शहर समेत पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। रामलीला क्लब ने अगले कुछ दिन के लिए सभी आयोजनों को स्थगित करने का निर्णय लिया है।इस दुखद घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मंच के पीछे कलाकारों की निष्ठा और समर्पण किस हद तक होता है – अमरीश महाजन ने जैसे जीवन के अंतिम क्षण तक मंच और अपनी भूमिका से नाता नहीं तोड़ा।
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