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शिमला , 06 सितंबर [ विशाल सूद ] ! राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान फंसे सभी श्रद्धालु और वाहन अब सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं। केवल कुछ पुलिस जवान और एनडीआरएफ कर्मी, साथ ही स्थानीय दुकानदार व वाहन चालक ही अब वहां पर शेष हैं। नेगी ने बताया कि गुरुवार को सेना के एम-17 हेलीकॉप्टरों की चार उड़ानों के जरिये लगभग 400 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और दो श्रद्धालुओं के पार्थिव शरीर चंबा पहुंचाए गए। इससे पहले बुधवार को भी 500 से अधिक श्रद्धालुओं को हवाई मार्ग से सुरक्षित निकाला गया था। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है और दो से तीन दिन के भीतर ब्रह्मौर-होली मार्ग पूरी तरह से खोलने की संभावना है। बीच में लगातार बारिश और नए भूस्खलनों से कार्य बाधित हुआ, वहीं भारी चट्टानें गिरने से रेस्क्यू में लगी मशीनरी को भी नुकसान पहुंचा। राजस्व मंत्री ने कहा कि शुरुआत में यात्रा के दौरान मृतकों की संख्या को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई गईं। “किसी ने कहा पांच हजार लोग फंसे हैं, किसी ने दो हजार मौतें बता दीं। जबकि वास्तविक स्थिति में दर्जन भर से भी कम मौतें हुई हैं और ज्यादातर कारण हाई एल्टीट्यूड सिकनेस या ठंड रहे हैं,” उन्होंने स्पष्ट किया। नेगी ने अफवाहें फैलाने वाले यूट्यूबर और चैनलों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस तरह के भ्रामक प्रचार से श्रद्धालुओं के परिजनों में दहशत फैलती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इंटरनेट सेवा सरकार ने नहीं, बल्कि खराब मौसम और संचार लाइनों के क्षतिग्रस्त होने के कारण बाधित हुई थी। उन्होंने माना कि शुरुआत में प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कुछ कमी रही, लेकिन बाद में सड़क बहाली, टैक्सी सेवा और मुफ्त परिवहन की व्यवस्था कर यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया गया। राजस्व मंत्री ने लंगर समितियों और स्थानीय पंचायतों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इनके योगदान से यात्रियों को भोजन व रहने की सुविधा मिल सकी। भविष्य की तैयारियों पर उन्होंने कहा कि मणिमहेश जैसी धार्मिक यात्राओं को और सुरक्षित व सुगम बनाने के लिए सरकार व्यापक समीक्षा करेगी। सड़क मार्गों पर मशीनरी की तैनाती, ब्लॉक प्वाइंट्स पर अधिकारियों की मौजूदगी और मेडिकल सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा।
शिमला , 06 सितंबर [ विशाल सूद ] ! राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान फंसे सभी श्रद्धालु और वाहन अब सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं। केवल कुछ पुलिस जवान और एनडीआरएफ कर्मी, साथ ही स्थानीय दुकानदार व वाहन चालक ही अब वहां पर शेष हैं।
नेगी ने बताया कि गुरुवार को सेना के एम-17 हेलीकॉप्टरों की चार उड़ानों के जरिये लगभग 400 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और दो श्रद्धालुओं के पार्थिव शरीर चंबा पहुंचाए गए। इससे पहले बुधवार को भी 500 से अधिक श्रद्धालुओं को हवाई मार्ग से सुरक्षित निकाला गया था।
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उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है और दो से तीन दिन के भीतर ब्रह्मौर-होली मार्ग पूरी तरह से खोलने की संभावना है। बीच में लगातार बारिश और नए भूस्खलनों से कार्य बाधित हुआ, वहीं भारी चट्टानें गिरने से रेस्क्यू में लगी मशीनरी को भी नुकसान पहुंचा।
राजस्व मंत्री ने कहा कि शुरुआत में यात्रा के दौरान मृतकों की संख्या को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई गईं। “किसी ने कहा पांच हजार लोग फंसे हैं, किसी ने दो हजार मौतें बता दीं। जबकि वास्तविक स्थिति में दर्जन भर से भी कम मौतें हुई हैं और ज्यादातर कारण हाई एल्टीट्यूड सिकनेस या ठंड रहे हैं,” उन्होंने स्पष्ट किया।
नेगी ने अफवाहें फैलाने वाले यूट्यूबर और चैनलों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस तरह के भ्रामक प्रचार से श्रद्धालुओं के परिजनों में दहशत फैलती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इंटरनेट सेवा सरकार ने नहीं, बल्कि खराब मौसम और संचार लाइनों के क्षतिग्रस्त होने के कारण बाधित हुई थी।
उन्होंने माना कि शुरुआत में प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कुछ कमी रही, लेकिन बाद में सड़क बहाली, टैक्सी सेवा और मुफ्त परिवहन की व्यवस्था कर यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया गया। राजस्व मंत्री ने लंगर समितियों और स्थानीय पंचायतों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इनके योगदान से यात्रियों को भोजन व रहने की सुविधा मिल सकी।
भविष्य की तैयारियों पर उन्होंने कहा कि मणिमहेश जैसी धार्मिक यात्राओं को और सुरक्षित व सुगम बनाने के लिए सरकार व्यापक समीक्षा करेगी। सड़क मार्गों पर मशीनरी की तैनाती, ब्लॉक प्वाइंट्स पर अधिकारियों की मौजूदगी और मेडिकल सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा।
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