- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 06 नवंबर [ विशाल सूद ] ! दूरसंचार विभाग की ओर से संचालित सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) योजना के अंतर्गत खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन की रिकवरी में जिला शिमला पुलिस ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शिमला पुलिस को आज दूरसंचार विभाग द्वारा आयोजित उत्तरीय क्षेत्र कांफ्रेंस में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शिमला पुलिस की गुम हुए मोबाईल तलाशने की सफलता दर राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है। मीडिया से बातचीत में एसएसपी संजीव गांधी ने कहा कि यह पुरस्कार टीम की कड़ी मेहनत, आधुनिक उपकरणों का उपयोग और विभिन्न एजेंसियों से समन्वय का परिणाम है। उन्होंने कहा कि डिजिटल फुटप्रिंट और नेटवर्किंग आज के जीवन की बैकबोन है। शिमला पुलिस बड़ी ही संवेदनशीलता से गुम हुए प्रोपर्टी/ मोबाइल्स की ट्रैकिंग करती है। उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग आसान प्रक्रिया नहीं है और वर्षों के अनुभव द्वारा इसको अमलीजामा पहनाया जाता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल डिवाइस के बढ़ते इस्तेमाल के चलते चोरी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। गांधी ने दूरसंचार विभाग का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस तरह के प्रोत्साहन से पुलिस बल का मनोबल बढ़ता है और कार्य करने की क्षमता में भी इजाफा होता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी साइबर अपराधों और मोबाइल चोरी के मामलों को सुलझाने के लिए शिमला पुलिस कड़ी मेहनत करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस की प्राथमिकता है कि लोगों को अच्छी कानून व्यवस्था मिले। सीईआईआर योजना भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत संचालित की जाती है। यह चोरी या खोए मोबाइल फोन की पहचान और रिकवरी के लिए एक केंद्रीय डाटाबेस के रूप में कार्य करती है।
शिमला , 06 नवंबर [ विशाल सूद ] ! दूरसंचार विभाग की ओर से संचालित सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) योजना के अंतर्गत खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन की रिकवरी में जिला शिमला पुलिस ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शिमला पुलिस को आज दूरसंचार विभाग द्वारा आयोजित उत्तरीय क्षेत्र कांफ्रेंस में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शिमला पुलिस की गुम हुए मोबाईल तलाशने की सफलता दर राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है।
मीडिया से बातचीत में एसएसपी संजीव गांधी ने कहा कि यह पुरस्कार टीम की कड़ी मेहनत, आधुनिक उपकरणों का उपयोग और विभिन्न एजेंसियों से समन्वय का परिणाम है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि डिजिटल फुटप्रिंट और नेटवर्किंग आज के जीवन की बैकबोन है। शिमला पुलिस बड़ी ही संवेदनशीलता से गुम हुए प्रोपर्टी/ मोबाइल्स की ट्रैकिंग करती है।
उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग आसान प्रक्रिया नहीं है और वर्षों के अनुभव द्वारा इसको अमलीजामा पहनाया जाता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल डिवाइस के बढ़ते इस्तेमाल के चलते चोरी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
गांधी ने दूरसंचार विभाग का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस तरह के प्रोत्साहन से पुलिस बल का मनोबल बढ़ता है और कार्य करने की क्षमता में भी इजाफा होता है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में भी साइबर अपराधों और मोबाइल चोरी के मामलों को सुलझाने के लिए शिमला पुलिस कड़ी मेहनत करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस की प्राथमिकता है कि लोगों को अच्छी कानून व्यवस्था मिले।
सीईआईआर योजना भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत संचालित की जाती है। यह चोरी या खोए मोबाइल फोन की पहचान और रिकवरी के लिए एक केंद्रीय डाटाबेस के रूप में कार्य करती है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -