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शिमला , 24 मई [ विशाल सूद ] ! पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने मौजूदा पुलिस महानिदेशक और पूर्व डीजीपी संजय कुंडू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को मीडिया से बातचीत में गांधी ने खुलासा किया कि पुलिस मुख्यालय के अधिकारी उनके खिलाफ पूर्वाग्रह रखते हैं और उन्हें बदनाम करने की साजिशें रची गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शिमला के एक होटल में हुए एलपीजी ब्लास्ट मामले को आतंकी घटना बनाने की कोशिश की गई। इस मामले में एनएसजी को बुलाकर जानबूझकर फर्जी सबूत (फेब्रिकेटेड एविडेंस) तैयार किए गए। गांधी ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच की मांग को लेकर उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है, ताकि यह पता चल सके कि कथित आरडीएक्स किसने वहां पहुंचाया। लेकिन डेढ़-दो साल बीत जाने के बावजूद कोई जांच नहीं हुई। गांधी ने दावा किया कि 2019 से 2021 के बीच हुई पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर उनकी असहमति के बाद से ही उन्हें विभाग में निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी के बाद ही भर्ती घोटाले का पर्दाफाश हुआ, लेकिन आज वही लोग उनके खिलाफ खड़े हैं। उन्होंने पूछा कि सीबीआई जांच की स्थिति अब तक क्यों स्पष्ट नहीं की गई। एसपी गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने नशा तस्करी और सीआईडी जांच से जुड़ा एक पत्र डीजीपी को भेजा था, जिसे जानबूझकर सार्वजनिक किया गया। उनका कहना है कि शीर्ष अधिकारी उनके खिलाफ बदले की भावना से काम कर रहे हैं। गांधी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ब्रह्म समाज मंदिर की संपत्ति विवाद में हस्तक्षेप किया और अवैध कब्जाधारियों पर कार्रवाई नहीं होने दी। इस मामले में गांधी ने उच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल की है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
शिमला , 24 मई [ विशाल सूद ] ! पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने मौजूदा पुलिस महानिदेशक और पूर्व डीजीपी संजय कुंडू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को मीडिया से बातचीत में गांधी ने खुलासा किया कि पुलिस मुख्यालय के अधिकारी उनके खिलाफ पूर्वाग्रह रखते हैं और उन्हें बदनाम करने की साजिशें रची गई हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि शिमला के एक होटल में हुए एलपीजी ब्लास्ट मामले को आतंकी घटना बनाने की कोशिश की गई। इस मामले में एनएसजी को बुलाकर जानबूझकर फर्जी सबूत (फेब्रिकेटेड एविडेंस) तैयार किए गए। गांधी ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच की मांग को लेकर उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है, ताकि यह पता चल सके कि कथित आरडीएक्स किसने वहां पहुंचाया। लेकिन डेढ़-दो साल बीत जाने के बावजूद कोई जांच नहीं हुई।
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गांधी ने दावा किया कि 2019 से 2021 के बीच हुई पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर उनकी असहमति के बाद से ही उन्हें विभाग में निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी के बाद ही भर्ती घोटाले का पर्दाफाश हुआ, लेकिन आज वही लोग उनके खिलाफ खड़े हैं। उन्होंने पूछा कि सीबीआई जांच की स्थिति अब तक क्यों स्पष्ट नहीं की गई।
एसपी गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने नशा तस्करी और सीआईडी जांच से जुड़ा एक पत्र डीजीपी को भेजा था, जिसे जानबूझकर सार्वजनिक किया गया। उनका कहना है कि शीर्ष अधिकारी उनके खिलाफ बदले की भावना से काम कर रहे हैं।
गांधी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ब्रह्म समाज मंदिर की संपत्ति विवाद में हस्तक्षेप किया और अवैध कब्जाधारियों पर कार्रवाई नहीं होने दी। इस मामले में गांधी ने उच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल की है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
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