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शिमला , 17 जुलाई [ विशाल सूद ] ! मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से एक महत्वपूर्ण कानूनी सफलता मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने कड़छम-वांगतू जलविद्युत परियोजना से रॉयल्टी को लेकर राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय सुनाया है। इस फैसले के तहत अब जेएसडब्ल्यू एनर्जी कंपनी को 1045 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना से राज्य को 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत रॉयल्टी देनी होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बताया कि कड़छम-वांगतू पर इस फैसले से प्रदेश सरकार को लगभग 150 रुपए करोड़ की वार्षिक अतिरिक्त आय होगी। इसके अलावा बारह साल पूर्ण कर चुकी अन्य परियोजनाओं के लिए भी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मील का पत्थर बनेगा और राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से खजाने में प्रति वर्ष 250 करोड़ से अधिक की आय आएगी मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल की लड़ाई में भी जीत हासिल की थी। उन्होंने कहा कि सरकार आम जनता की संपदा को लुटने नहीं देंगे। वहीं, ऊपरी शिमला में हाईकोर्ट के आदेशों पर वन भूमि से हटाया जा रहे अतिक्रमण को लेकर भी मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेब के पेड़ों को वनभूमि से इस तरह हटाए जाने के पक्ष में नहीं है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस पूरे मामले में हाईकोर्ट सरकार की बात नहीं मान रहा है। ऐसे में राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में बाग़वानी मंत्री को भी महत्वपूर्ण बैठक के लिए बुलाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे बागवानों को राज्य सरकार ऐसी जगह पर मकान के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी, जहां सरकारी भूमि हो। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दिल्ली में उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाक़ात कर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी हिमाचल में प्रभावित इलाक़े में पहुंचकर ख़ुद की स्थिति का जायज़ा लेने का आग्रह किया। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के लिए आपदा राहत पैकेज की भी मांग की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल से संबंध रखते हैं। अगर नड्डा नेतृत्व करें, तो वे उनके नेतृत्व में भी हिमाचल प्रदेश की आर्थिक मदद के लिए केंद्र सरकार के पास जाने के लिए तैयार हैं। इसी तरह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से भी मुख्यमंत्री ने कर्ज़ की सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है।
शिमला , 17 जुलाई [ विशाल सूद ] ! मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से एक महत्वपूर्ण कानूनी सफलता मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने कड़छम-वांगतू जलविद्युत परियोजना से रॉयल्टी को लेकर राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय सुनाया है। इस फैसले के तहत अब जेएसडब्ल्यू एनर्जी कंपनी को 1045 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना से राज्य को 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत रॉयल्टी देनी होगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बताया कि कड़छम-वांगतू पर इस फैसले से प्रदेश सरकार को लगभग 150 रुपए करोड़ की वार्षिक अतिरिक्त आय होगी। इसके अलावा बारह साल पूर्ण कर चुकी अन्य परियोजनाओं के लिए भी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मील का पत्थर बनेगा और राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से खजाने में प्रति वर्ष 250 करोड़ से अधिक की आय आएगी मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल की लड़ाई में भी जीत हासिल की थी। उन्होंने कहा कि सरकार आम जनता की संपदा को लुटने नहीं देंगे।
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वहीं, ऊपरी शिमला में हाईकोर्ट के आदेशों पर वन भूमि से हटाया जा रहे अतिक्रमण को लेकर भी मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेब के पेड़ों को वनभूमि से इस तरह हटाए जाने के पक्ष में नहीं है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस पूरे मामले में हाईकोर्ट सरकार की बात नहीं मान रहा है। ऐसे में राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में बाग़वानी मंत्री को भी महत्वपूर्ण बैठक के लिए बुलाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे बागवानों को राज्य सरकार ऐसी जगह पर मकान के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी, जहां सरकारी भूमि हो।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दिल्ली में उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाक़ात कर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी हिमाचल में प्रभावित इलाक़े में पहुंचकर ख़ुद की स्थिति का जायज़ा लेने का आग्रह किया। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के लिए आपदा राहत पैकेज की भी मांग की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल से संबंध रखते हैं।
अगर नड्डा नेतृत्व करें, तो वे उनके नेतृत्व में भी हिमाचल प्रदेश की आर्थिक मदद के लिए केंद्र सरकार के पास जाने के लिए तैयार हैं। इसी तरह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से भी मुख्यमंत्री ने कर्ज़ की सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है।
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