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शिमला।। मुख्यमंत्री हरियाणा को गदर फ्रंट हिमाचल प्रदेश ने उपायुक्त शिमला के माध्यम से एक ज्ञापन प्रेषित किया। जिसमें 07 जुलाई 2025 को हरियाणा राज्य के हिसार जिले के 12 क्वार्टर क्षेत्र में एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, अमानवीय एवं निंदनीय घटना घटित हुई, जिसकी जानकारी हमें विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से प्राप्त हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वाल्मीकि समाज का एक परिवार अपने घर में एक बच्चे का जन्मदिन मना रहा था। वूफर के माध्यम से संगीत बज रहा था, तभी 4-5 पुलिसकर्मी बिना किसी विधिक अनुमति के घर में घुस आए और संगीत बंद करने का निर्देश दिया। जब परिवार ने इस अवैध प्रवेश का विरोध किया, तो उक्त पुलिसकर्मियों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए परिवार के सदस्यों के साथ शारीरिक एवं मानसिक रूप से अमानवीय दुर्व्यवहार किया। इन पुलिसकर्मियों की स्थिति नशे की हालत में थी। उन्होंने अपने अन्य साथियों को बुलाया, और जब महिलाओं एवं युवतियों ने हस्तक्षेप कर बचाव करना चाहा, तो उन्हें भी बेरहमी से पीटा गया, अश्लील टिप्पणियाँ की गईं, और शारीरिक छेड़छाड़ की गई। दो युवक छत पर भागे, किन्तु पुलिसकर्मी उनका पीछा करते हुए छत पर पहुंचे और उन्हें नीचे फेंक दिया। परिणामस्वरूप, गणेश नामक युवक की मृत्यु हो गई, तथा दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह भारतीय संविधान में प्रदत्त समानता एवं गरिमा के अधिकारों पर भी सीधा प्रहार है।हमें अत्यंत खेद एवं रोष के साथ कहना पड़ रहा है कि 7 दिन बीत जाने के पश्चात भी कोई प्रभावी विधिक या प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई है। 1. दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए। 2. उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 102/103 और धारा 109 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाए। 3. इस पूरी घटना की स्वतंत्र न्यायिक जांच किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश या केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के माध्यम से करवाई जाए। 4. पीड़ित परिवार को सरकारी सुरक्षा, उचित मुआवजा, और आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। ज्ञापन के समय सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष नागेश कुमार, उपाध्यक्ष अशोक जी, महासचिव विनोद गहलोत, तथा साहैब समिति के उपाध्यक्ष अमित वाल्मीकि भी उपस्थित रहे। आपसे निवेदन है कि इस गंभीर एवं संवेदनशील मामले में त्वरित संज्ञान लेकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
शिमला।। मुख्यमंत्री हरियाणा को गदर फ्रंट हिमाचल प्रदेश ने उपायुक्त शिमला के माध्यम से एक ज्ञापन प्रेषित किया। जिसमें 07 जुलाई 2025 को हरियाणा राज्य के हिसार जिले के 12 क्वार्टर क्षेत्र में एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, अमानवीय एवं निंदनीय घटना घटित हुई, जिसकी जानकारी हमें विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से प्राप्त हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वाल्मीकि समाज का एक परिवार अपने घर में एक बच्चे का जन्मदिन मना रहा था। वूफर के माध्यम से संगीत बज रहा था, तभी 4-5 पुलिसकर्मी बिना किसी विधिक अनुमति के घर में घुस आए और संगीत बंद करने का निर्देश दिया। जब परिवार ने इस अवैध प्रवेश का विरोध किया, तो उक्त पुलिसकर्मियों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए परिवार के सदस्यों के साथ शारीरिक एवं मानसिक रूप से अमानवीय दुर्व्यवहार किया।
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इन पुलिसकर्मियों की स्थिति नशे की हालत में थी। उन्होंने अपने अन्य साथियों को बुलाया, और जब महिलाओं एवं युवतियों ने हस्तक्षेप कर बचाव करना चाहा, तो उन्हें भी बेरहमी से पीटा गया, अश्लील टिप्पणियाँ की गईं, और शारीरिक छेड़छाड़ की गई। दो युवक छत पर भागे, किन्तु पुलिसकर्मी उनका पीछा करते हुए छत पर पहुंचे और उन्हें नीचे फेंक दिया। परिणामस्वरूप, गणेश नामक युवक की मृत्यु हो गई, तथा दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।
यह घटना न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह भारतीय संविधान में प्रदत्त समानता एवं गरिमा के अधिकारों पर भी सीधा प्रहार है।हमें अत्यंत खेद एवं रोष के साथ कहना पड़ रहा है कि 7 दिन बीत जाने के पश्चात भी कोई प्रभावी विधिक या प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई है।
1. दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए।
2. उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 102/103 और धारा 109 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाए।
3. इस पूरी घटना की स्वतंत्र न्यायिक जांच किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश या केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के माध्यम से करवाई जाए।
4. पीड़ित परिवार को सरकारी सुरक्षा, उचित मुआवजा, और आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
ज्ञापन के समय सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष नागेश कुमार, उपाध्यक्ष अशोक जी, महासचिव विनोद गहलोत, तथा साहैब समिति के उपाध्यक्ष अमित वाल्मीकि भी उपस्थित रहे।
आपसे निवेदन है कि इस गंभीर एवं संवेदनशील मामले में त्वरित संज्ञान लेकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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