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शिमला , 31 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! भारत–न्यूज़ीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत न्यूज़ीलैंड से आयात होने वाले सेब पर शुल्क 50 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने के केंद्र सरकार के फैसले पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस निर्णय को हिमाचल सहित अन्य पहाड़ी राज्यों के सेब उत्पादकों के हितों के विरुद्ध बताया है। जगत नेगी ने कहा कि इस फैसले से हिमाचल की बागवानी अर्थव्यवस्था पर गंभीर संकट पैदा हो सकता है। सस्ते आयातित सेब के कारण स्थानीय बागवानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा। जगत नेगी ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर जल्द ही बागवान प्रतिनिधियों और बागवानी विशेषज्ञों की एक अहम बैठक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी, ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके। वहीं, वन अधिकार अधिनियम (FRA) के तहत पट्टे (भूमि का मालिकाना हक) मिलने में हो रही देरी पर भी कैबिनेट मंत्री ने चिंता जताई। उन्होंने स्वीकार किया कि या तो लोग प्रक्रिया को ठीक से समझ नहीं पा रहे हैं या फिर अधिकारी अपने स्तर पर सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। सरकार इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ठोस कदम उठाएगी। मंत्री ने जानकारी दी कि किन्नौर जिले में अब तक करीब एक हजार लोगों को पट्टे दिए जा चुके हैं।
शिमला , 31 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! भारत–न्यूज़ीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत न्यूज़ीलैंड से आयात होने वाले सेब पर शुल्क 50 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने के केंद्र सरकार के फैसले पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस निर्णय को हिमाचल सहित अन्य पहाड़ी राज्यों के सेब उत्पादकों के हितों के विरुद्ध बताया है।
जगत नेगी ने कहा कि इस फैसले से हिमाचल की बागवानी अर्थव्यवस्था पर गंभीर संकट पैदा हो सकता है। सस्ते आयातित सेब के कारण स्थानीय बागवानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा।
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जगत नेगी ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर जल्द ही बागवान प्रतिनिधियों और बागवानी विशेषज्ञों की एक अहम बैठक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी, ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके।
वहीं, वन अधिकार अधिनियम (FRA) के तहत पट्टे (भूमि का मालिकाना हक) मिलने में हो रही देरी पर भी कैबिनेट मंत्री ने चिंता जताई। उन्होंने स्वीकार किया कि या तो लोग प्रक्रिया को ठीक से समझ नहीं पा रहे हैं या फिर अधिकारी अपने स्तर पर सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। सरकार इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ठोस कदम उठाएगी। मंत्री ने जानकारी दी कि किन्नौर जिले में अब तक करीब एक हजार लोगों को पट्टे दिए जा चुके हैं।
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