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शिमला 17 जुलाई ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा में डीज़ल के दाम बढ़ाने के तानाशाही फ़ैसले का असर अब पूरे प्रदेश में दिखने लगा हैं। आपदाग्रस्त लोगों पर सरकार के इस फ़ैसले की दोहरी मार पड़ी है। हर चीजें महंगी हो रही हैं। माल ढुलाई के महंगे होने से खाने पीने से लेकर पुनर्वास और पुनर्निर्माण से जुड़ी चीजें भी महंगी हो रही हैं। इसका सीधा असर आम जनता पर भी पड़ेगा और आपदाग्रस्त लोगों पर भी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर अभी तक किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं पहुंची हैं। लोग मदद के लिए सरकार की राह देख रहे हैं। ऐसे क्षेत्रों तक लोगों को तत्काल राहत पहुंचाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिनका सब कुछ बर्बाद हो गया, उनके पास सरकारी राहत में देरी नहीं होनी चाहिए थी। इसके साथ ही सरकार उन लोगों को भी राहत पहुंचाए जिनका घर ख़तरे की जद में हैं और वे अपना घर छोड़कर किसी और जगह पर शरण लिये हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब आपदा प्रभावित और इंतज़ार नहीं कर सकते हैं। इसलिए सरकार धरातल तक पहुंचे और प्रभावितों को राहत पहुंचाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का हर नेता और कार्यकर्ता बाढ़ प्रभावितों के साथ खड़ा है और उनका सहयोग कर रहा हैं। भाजपा के विधायक दल ने भी अपने एक माह का वेतन आपदा प्रभावितों को देने का निर्णय लिया हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी बहुत सी जगहें ऐसी हैं जहां पर नेटवर्क, लेकर पानी और बिजली जैसी सुविधाएं भी बहाल नहीं हुई हैं। सड़कें बंद हैं किसी प्रकार की सप्लाई उनतक नहीं पहुंच पास रही हैं। आपातस्थिति में मरीज़ों के लिए एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पा रही है। सरकार को राहत और पुनर्वास कार्यक्रमों में भी तेज़ी लानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ आये एक हफ़्ता बीत चुका है, ऐसे बहुत से बाढ़ प्रभावित हैं जिनका बाढ़ में सब कुछ बह गया है। उनके पुनर्वास लिए भी तेज़ी से कार्य करने की आवश्यकता है क्योंकि लंबे समय तक इनके बिना रहना संभव नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब राहत और पुनर्वास के कार्यक्रमों को गंभीरता के साथ आगे बढ़ाने की ज़रूरत हैं। यह आपदा की घड़ी हैं, ऐसे मौक़े पर बिलकुल राजनीति नहीं की जानी चाहिये अतः दौरे पर गए मंत्री राजनीति के बजाय राहत कार्यों पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि आपदा के समय राहत और पुनर्वास के कार्यक्रमों में सरकार का कई विभागों के आपस में समन्वय की आवश्यकता होती है, जिससे राहत के कार्य युद्ध स्तर पर संचालित हो सके। इसलिए मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूँ कि वह मंत्रालयों और मंत्रियों के परस्पर समन्वय पर ध्यान दें। जिसके आपदा प्रभावित हमारे प्रदेश के लोगों को राहत मिल सके। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा के समय में सरकार का सारा ध्यान सिर्फ़ राहत और बचाव कार्यों पर होना चाहिए। लेकिन सरकार में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो आपदा में बचाव के लिए आये हेलीकॉप्टर में भी सेल्फ़ी लेने में मशगूल थे। उन्होंने कहा कि आपदा के मौक़े पर संसाधनों का इस्तेमाल आपदा प्रभावितों की मदद के लिए होना चाहिए।
शिमला 17 जुलाई ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा में डीज़ल के दाम बढ़ाने के तानाशाही फ़ैसले का असर अब पूरे प्रदेश में दिखने लगा हैं। आपदाग्रस्त लोगों पर सरकार के इस फ़ैसले की दोहरी मार पड़ी है। हर चीजें महंगी हो रही हैं। माल ढुलाई के महंगे होने से खाने पीने से लेकर पुनर्वास और पुनर्निर्माण से जुड़ी चीजें भी महंगी हो रही हैं। इसका सीधा असर आम जनता पर भी पड़ेगा और आपदाग्रस्त लोगों पर भी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर अभी तक किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं पहुंची हैं। लोग मदद के लिए सरकार की राह देख रहे हैं। ऐसे क्षेत्रों तक लोगों को तत्काल राहत पहुंचाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिनका सब कुछ बर्बाद हो गया, उनके पास सरकारी राहत में देरी नहीं होनी चाहिए थी।
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इसके साथ ही सरकार उन लोगों को भी राहत पहुंचाए जिनका घर ख़तरे की जद में हैं और वे अपना घर छोड़कर किसी और जगह पर शरण लिये हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब आपदा प्रभावित और इंतज़ार नहीं कर सकते हैं। इसलिए सरकार धरातल तक पहुंचे और प्रभावितों को राहत पहुंचाए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का हर नेता और कार्यकर्ता बाढ़ प्रभावितों के साथ खड़ा है और उनका सहयोग कर रहा हैं। भाजपा के विधायक दल ने भी अपने एक माह का वेतन आपदा प्रभावितों को देने का निर्णय लिया हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी बहुत सी जगहें ऐसी हैं जहां पर नेटवर्क, लेकर पानी और बिजली जैसी सुविधाएं भी बहाल नहीं हुई हैं।
सड़कें बंद हैं किसी प्रकार की सप्लाई उनतक नहीं पहुंच पास रही हैं। आपातस्थिति में मरीज़ों के लिए एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पा रही है। सरकार को राहत और पुनर्वास कार्यक्रमों में भी तेज़ी लानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ आये एक हफ़्ता बीत चुका है, ऐसे बहुत से बाढ़ प्रभावित हैं जिनका बाढ़ में सब कुछ बह गया है। उनके
पुनर्वास लिए भी तेज़ी से कार्य करने की आवश्यकता है क्योंकि लंबे समय तक इनके बिना रहना संभव नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब राहत और पुनर्वास के कार्यक्रमों को गंभीरता के साथ आगे बढ़ाने की ज़रूरत हैं। यह आपदा की घड़ी हैं, ऐसे मौक़े पर बिलकुल राजनीति नहीं की जानी चाहिये अतः दौरे पर गए मंत्री राजनीति के बजाय राहत कार्यों पर ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि आपदा के समय राहत और पुनर्वास के कार्यक्रमों में सरकार का कई विभागों के आपस में समन्वय की आवश्यकता होती है, जिससे राहत के कार्य युद्ध स्तर पर संचालित हो सके। इसलिए मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूँ कि वह मंत्रालयों और मंत्रियों के परस्पर समन्वय पर ध्यान दें। जिसके आपदा प्रभावित हमारे प्रदेश के लोगों को राहत मिल सके।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा के समय में सरकार का सारा ध्यान सिर्फ़ राहत और बचाव कार्यों पर होना चाहिए। लेकिन सरकार में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो आपदा में बचाव के लिए आये हेलीकॉप्टर में भी सेल्फ़ी लेने में मशगूल थे। उन्होंने कहा कि आपदा के मौक़े पर संसाधनों का इस्तेमाल आपदा प्रभावितों की मदद के लिए होना चाहिए।
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