
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 27 मई [ विशाल सूद ] ! भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के लिए विपक्षी दलों पर करारा प्रहार किया और कहा कि उनका वंशवादी नेतृत्व उन्हें आपस में इसलिए जोड़ता है क्योंकि इनकी "राजशाही" पद्धतियों का संविधान के सिद्धांतों से सीधा टकराव है। खन्ना ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाले अधिकतर विपक्षी दलों को क्या आपस में जोड़ता है? इसका जवाब बहुत ही आसान है ये राजवंश द्वारा संचालित राजनीतिक दल हैं, जिनकी राजशाही पद्धति हमारे संविधान के गणतंत्रवाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों के ठीक विपरीत है। खन्ना ने कहा कि जो पार्टियां संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रही हैं, उनमें लोकतंत्र के प्रति कोई प्रतिबद्धता नहीं है क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य राजवंशों के एक चुनिंदा समूह को कायम रखना है। इस तरह का रवैया हमारे संविधान निर्माताओं का अपमान है। इन पार्टियों को आत्ममंथन करना चाहिए । खन्ना ने कहा कि ये विपक्षी वंशवादी दल, खासतौर से कांग्रेस और नेहरू-गांधी वंश इस आसान सी बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि भारत के लोगों ने एक अत्यंत साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले एक व्यक्ति में अपनी संपूर्ण आस्था व्यक्त की है। वंशवादियों की अभिजात्य मानसिकता उन्हें तार्किक रूप से सोचने से रोक रही है। खन्ना ने कहा कि देश के लोग देख रहे हैं कि कैसे ये पार्टियां राजनीति को देश से ऊपर रख रही हैं। इनकी दलगत राजनीति के लिए इन पार्टियों को देश की जनता एक बार फिर कड़ी सजा देगी!'
शिमला , 27 मई [ विशाल सूद ] ! भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के लिए विपक्षी दलों पर करारा प्रहार किया और कहा कि उनका वंशवादी नेतृत्व उन्हें आपस में इसलिए जोड़ता है क्योंकि इनकी "राजशाही" पद्धतियों का संविधान के सिद्धांतों से सीधा टकराव है।
खन्ना ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाले अधिकतर विपक्षी दलों को क्या आपस में जोड़ता है? इसका जवाब बहुत ही आसान है ये राजवंश द्वारा संचालित राजनीतिक दल हैं, जिनकी राजशाही पद्धति हमारे संविधान के गणतंत्रवाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों के ठीक विपरीत है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
खन्ना ने कहा कि जो पार्टियां संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रही हैं, उनमें लोकतंत्र के प्रति कोई प्रतिबद्धता नहीं है क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य राजवंशों के एक चुनिंदा समूह को कायम रखना है। इस तरह का रवैया हमारे संविधान निर्माताओं का अपमान है। इन पार्टियों को आत्ममंथन करना चाहिए ।
खन्ना ने कहा कि ये विपक्षी वंशवादी दल, खासतौर से कांग्रेस और नेहरू-गांधी वंश इस आसान सी बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि भारत के लोगों ने एक अत्यंत साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले एक व्यक्ति में अपनी संपूर्ण आस्था व्यक्त की है। वंशवादियों की अभिजात्य मानसिकता उन्हें तार्किक रूप से सोचने से रोक रही है।
खन्ना ने कहा कि देश के लोग देख रहे हैं कि कैसे ये पार्टियां राजनीति को देश से ऊपर रख रही हैं। इनकी दलगत राजनीति के लिए इन पार्टियों को देश की जनता एक बार फिर कड़ी सजा देगी!'
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -