*स्वास्थ्य सुविधाओं वाले जाइका प्रोजेक्ट में केंद्र की हिस्सेदारी को लेकर श्वेत पत्र जारी करें सरकार* *भरमौर पीडब्लूडी एक्सईएन कार्यालय से वायरल वीडियो खोल रहा है व्यवस्था परिवर्तन की पोल*
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सोलन , 05 नवंबर [ विशाल सूद ] : सोलन से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आज समाचार पत्रों के माध्यम से यह बात सामने आई है कि सरकार द्वारा न्यायपालिका के क्रियाकलापों के लिए दिए जाने वाले बजट में देरी कर रही है। जिसकी वजह से न्यायालय की रोजमर्रा की कार्यवाही प्रभावित हो रही है। यह सूचना अत्यंत गंभीर है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। सरकार की नाकामी की वजह से प्रदेश भर में जगह ऐसी स्थिति बन रही है जो न तो प्रदेश के विकास के लिए सही है और नहीं प्रदेश की छवि के लिए। इसलिए सरकार गंभीरता से इन विषयों पर विचार करें और सभी समस्याओं का समाधान करें। बीते कल भी ठेकेदार द्वारा भुगतान न मिलने पर एक भवन पर ताला जड़ने की खबर ने पूरे देश में हिमाचल प्रदेश की किरकिरी करवाई थी। और इसी तरीके की खबरें पहले भी मीडिया की सुर्खियां बन चुकी हैं। सरकार द्वारा ठेकेदारों का भुगतान न होने पर तमाम ठेकेदार संगठन द्वारा समय-समय पर अपनी बात रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जा चुकी है। इसके बाद भी विपक्ष यदि इन मुद्दों को उठाता है तो सरकार किसी न किसी फर्जी और मन गढ़ंत कहानियों के साथ आकर झूठे आंकड़े देकर प्रदेशवासियों को गुमराह करती है। सारी स्थिति अब सरकार और प्रदेशवासियों के सामने है। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी यानी जाइका द्वारा दिए जा रहे 1138 करोड़ रुपए के लोन को लेकर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बार-बार प्रदेश को गुमराह कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उसमें केंद्र सरकार का कोई हिस्सा नहीं है। जबकि 1138 करोड़ रुपए के लोन में 90% यानी 1042 करोड़ रुपए केंद्र सरकार द्वारा भरे जाएंगे और राज्य सरकार द्वारा मात्र 113 करोड रुपए की अदायगी की जाएगी। सबसे बड़ी बात हिमाचल प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल की पहाड़ जैसी चुनौतियों को देखकर दिया था। जिसकी वजह से प्रदेश को केंद्रीय योजनाओं में मात्र 10% की हिस्सेदारी देनी पड़ती है। कांग्रेस नीत मनमोहन सिंह की सरकार ने हिमाचल प्रदेश से यह र्जा छीन लिया था। यदि पूरी सरकार केंद्र सरकार के इस सहयोग को नकारना चाहती है तो इस पर एक श्वेत पत्र जारी कर दें। जयराम ठाकुर ने कहा कि बीते कल भरमौर के लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता के कार्यालय से एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें स्पष्ट रूप से कांग्रेस के नेता अधिकारियों को धमकाते नजर आ रहे हैं और अपने चहेतों को टेंडर ना देने पर टेंडर कैंसिल करवाने की बातें कर रहे हैं। व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार में अब टेंडर देने का पैमाना गुणवत्ता युक्त काम करने की क्षमता नहीं बल्की कांग्रेस नेताओं का चहेता होना है। कभी कोई नेता अधिकारियों के ऑफिस में बल प्रयोग करता और उन्हें बंधक बनाता है तो कभी चहेते को टेंडर ना देने पर टेंडर प्रक्रिया को ही निरस्त करवाने की बात करता है। सत्ता संरक्षित कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री के व्यवस्था परिवर्तन की पोल खोल कर रख दी है। चौतरफा अराजकता और भ्रष्टाचार ही सरकार की उपलब्धि है।
सोलन , 05 नवंबर [ विशाल सूद ] : सोलन से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आज समाचार पत्रों के माध्यम से यह बात सामने आई है कि सरकार द्वारा न्यायपालिका के क्रियाकलापों के लिए दिए जाने वाले बजट में देरी कर रही है। जिसकी वजह से न्यायालय की रोजमर्रा की कार्यवाही प्रभावित हो रही है। यह सूचना अत्यंत गंभीर है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
सरकार की नाकामी की वजह से प्रदेश भर में जगह ऐसी स्थिति बन रही है जो न तो प्रदेश के विकास के लिए सही है और नहीं प्रदेश की छवि के लिए। इसलिए सरकार गंभीरता से इन विषयों पर विचार करें और सभी समस्याओं का समाधान करें। बीते कल भी ठेकेदार द्वारा भुगतान न मिलने पर एक भवन पर ताला जड़ने की खबर ने पूरे देश में हिमाचल प्रदेश की किरकिरी करवाई थी। और इसी तरीके की खबरें पहले भी मीडिया की सुर्खियां बन चुकी हैं।
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सरकार द्वारा ठेकेदारों का भुगतान न होने पर तमाम ठेकेदार संगठन द्वारा समय-समय पर अपनी बात रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जा चुकी है। इसके बाद भी विपक्ष यदि इन मुद्दों को उठाता है तो सरकार किसी न किसी फर्जी और मन गढ़ंत कहानियों के साथ आकर झूठे आंकड़े देकर प्रदेशवासियों को गुमराह करती है। सारी स्थिति अब सरकार और प्रदेशवासियों के सामने है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी यानी जाइका द्वारा दिए जा रहे 1138 करोड़ रुपए के लोन को लेकर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बार-बार प्रदेश को गुमराह कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उसमें केंद्र सरकार का कोई हिस्सा नहीं है। जबकि 1138 करोड़ रुपए के लोन में 90% यानी 1042 करोड़ रुपए केंद्र सरकार द्वारा भरे जाएंगे और राज्य सरकार द्वारा मात्र 113 करोड रुपए की अदायगी की जाएगी।
सबसे बड़ी बात हिमाचल प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल की पहाड़ जैसी चुनौतियों को देखकर दिया था। जिसकी वजह से प्रदेश को केंद्रीय योजनाओं में मात्र 10% की हिस्सेदारी देनी पड़ती है। कांग्रेस नीत मनमोहन सिंह की सरकार ने हिमाचल प्रदेश से यह र्जा छीन लिया था। यदि पूरी सरकार केंद्र सरकार के इस सहयोग को नकारना चाहती है तो इस पर एक श्वेत पत्र जारी कर दें।
जयराम ठाकुर ने कहा कि बीते कल भरमौर के लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता के कार्यालय से एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें स्पष्ट रूप से कांग्रेस के नेता अधिकारियों को धमकाते नजर आ रहे हैं और अपने चहेतों को टेंडर ना देने पर टेंडर कैंसिल करवाने की बातें कर रहे हैं। व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार में अब टेंडर देने का पैमाना गुणवत्ता युक्त काम करने की क्षमता नहीं बल्की कांग्रेस नेताओं का चहेता होना है।
कभी कोई नेता अधिकारियों के ऑफिस में बल प्रयोग करता और उन्हें बंधक बनाता है तो कभी चहेते को टेंडर ना देने पर टेंडर प्रक्रिया को ही निरस्त करवाने की बात करता है। सत्ता संरक्षित कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री के व्यवस्था परिवर्तन की पोल खोल कर रख दी है। चौतरफा अराजकता और भ्रष्टाचार ही सरकार की उपलब्धि है।
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