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शिमला, 04 नवम्बर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार नवंबर के आखिरी सप्ताह में धर्मशाला के तपोवन में आयोजित होने जा रहा है। विधानसभा सचिवालय ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। 26 नवंबर से शुरू होकर शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर तक चलेगा। इस शीतकालीन सत्र में पांच बैठकें रखी गई हैं। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि दिसंबर में धर्मशाला और आसपास के क्षेत्रों में शुरू होने वाले पर्यटन सीजन को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, ताकि पर्यटकों और स्थानीय व्यवसायियों को असुविधा न हो। क्योंकि दिसंबर माह में कई पर्व होते हैं जिनको मनाने के लिए पर्यटक हिमाचल का रुख करते हैं। सत्र के दौरान सारा अमला धर्मशाला में लग जाता है साथ ही सड़कों में जाम भी बढ़ जाता है जिसको देखते हुए सत्र को पहले करवाने का निर्णय लिया है। इस सत्र में कुल आठ बैठकें होंगी, जो अब तक का सबसे लंबा शीतकालीन सत्र होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने स्पष्ट किया कि आठ बैठकों का यह सत्र विधानसभा के इतिहास में सबसे लंबा शीतकालीन सत्र होगा। यह निर्णय दिसंबर में सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर पड़ने वाले दबाव को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। हिमाचल विधानसभा के तीनों सत्रों को मिलाकर साल की 35 बैठकें होना लाज़मी हैं। अब तक 27 बैठकें हो चुकी हैं। शीतकालीन की 8 बैठकों को मिलाकर अब 35 बैठकें पूरी हों जाएगी।
शिमला, 04 नवम्बर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार नवंबर के आखिरी सप्ताह में धर्मशाला के तपोवन में आयोजित होने जा रहा है। विधानसभा सचिवालय ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। 26 नवंबर से शुरू होकर शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर तक चलेगा। इस शीतकालीन सत्र में पांच बैठकें रखी गई हैं।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि दिसंबर में धर्मशाला और आसपास के क्षेत्रों में शुरू होने वाले पर्यटन सीजन को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, ताकि पर्यटकों और स्थानीय व्यवसायियों को असुविधा न हो। क्योंकि दिसंबर माह में कई पर्व होते हैं जिनको मनाने के लिए पर्यटक हिमाचल का रुख करते हैं। सत्र के दौरान सारा अमला धर्मशाला में लग जाता है साथ ही सड़कों में जाम भी बढ़ जाता है जिसको देखते हुए सत्र को पहले करवाने का निर्णय लिया है।
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इस सत्र में कुल आठ बैठकें होंगी, जो अब तक का सबसे लंबा शीतकालीन सत्र होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने स्पष्ट किया कि आठ बैठकों का यह सत्र विधानसभा के इतिहास में सबसे लंबा शीतकालीन सत्र होगा। यह निर्णय दिसंबर में सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर पड़ने वाले दबाव को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है।
हिमाचल विधानसभा के तीनों सत्रों को मिलाकर साल की 35 बैठकें होना लाज़मी हैं। अब तक 27 बैठकें हो चुकी हैं। शीतकालीन की 8 बैठकों को मिलाकर अब 35 बैठकें पूरी हों जाएगी।
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