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शिमला , 07 मई विशाल सूद ] ! विक्रमादित्य सिंह आज शिमला ग्रामीण के विधायक और प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री हैं, लेकिन अफ़सोस की बात है कि अपने ही विधानसभा क्षेत्र के लिए आज तक कुछ भी ठोस नहीं किया।भाजपा प्रत्याशी रवि मेहता ने मीडिया मे जारी एक बयान में कहा कि मंत्री बनने के बाद न तो शिमला ग्रामीण में कोई नया विकास कार्य शुरू किया गया, और न ही पुरानी योजनाओं को ठीक से पूरा किया गया। PWD विभाग के काम ठप हैं, ठेकेदारों की 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की अदायगी रुकी पड़ी है, और प्रदेश की कोषागार ज्यादातर समय बंद रहती है। लेकिन मंत्रीजी को इससे कोई मतलब नहीं — वो तो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट डालकर खुद को सबसे बड़ा विकासकर्ता दिखाने में मस्त हैं।उन्होंने कहा कि आज तक शिमला ग्रामीण में से एक भी व्यक्ति इनके निजी स्टाफ में तैनात नहीं किया, जिससे लोगों को अपनी समस्याएं बताने का मौका मिल सके। जनता दर-दर भटक रही है, और मंत्री साहब सिर्फ फोटो खिंचवाकर वाहवाही लूटने में लगे हैं। रवि मेहता ने कहा कि हकीकत यह है कि मंत्रीजी जिन सड़कों और पुलों की फोटो डालते हैं, वे अधिकतर भाजपा सरकार के समय मंजूर की गई योजनाएं हैं, या फिर केंद्र सरकार की मदद से बन रहे प्रोजेक्ट हैं। विक्रमादित्य सिंह का इसमें ना कोई योगदान है और ना ही भागीदारी — सिर्फ झूठा श्रेय लेने की आदत है।इतना ही नहीं, इनकी खुद की सरकार में भी कोई सुनवाई नहीं होती। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और विक्रमादित्य सिंह के बीच की खटास अब खुलकर सामने आ चुकी है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की सोशल मीडिया पोस्टें इस बात का सबूत हैं कि विक्रमादित्य सिंह को ना सम्मान मिलता है और ना ही उनकी बात मानी जाती है। वो अलग ही सिर्फ़ सोशल मीडिया के मंत्री बने हुए है । रवि मेहता ने कहा कि केवल अपने पिता श्री वीरभद्र सिंह के नाम का सहारा लेकर राजनीति करना अब नहीं चलेगा। जनता अब जाग चुकी है। वो जानती है कि कौन काम कर रहा है और कौन सिर्फ प्रचार कर रहा है। शिमला ग्रामीण ने आपको बहुत कुछ दिया, लेकिन आपने क्षेत्र को सिर्फ नजरअंदाज किया। अब जनता जवाब मांगेगी — और जवाब 2027 के चुनाव में जरूर देगी।
शिमला , 07 मई विशाल सूद ] ! विक्रमादित्य सिंह आज शिमला ग्रामीण के विधायक और प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री हैं, लेकिन अफ़सोस की बात है कि अपने ही विधानसभा क्षेत्र के लिए आज तक कुछ भी ठोस नहीं किया।भाजपा प्रत्याशी रवि मेहता ने मीडिया मे जारी एक बयान में कहा कि मंत्री बनने के बाद न तो शिमला ग्रामीण में कोई नया विकास कार्य शुरू किया गया, और न ही पुरानी योजनाओं को ठीक से पूरा किया गया। PWD विभाग के काम ठप हैं, ठेकेदारों की 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की अदायगी रुकी पड़ी है, और प्रदेश की कोषागार ज्यादातर समय बंद रहती है।
लेकिन मंत्रीजी को इससे कोई मतलब नहीं — वो तो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट डालकर खुद को सबसे बड़ा विकासकर्ता दिखाने में मस्त हैं।उन्होंने कहा कि आज तक शिमला ग्रामीण में से एक भी व्यक्ति इनके निजी स्टाफ में तैनात नहीं किया, जिससे लोगों को अपनी समस्याएं बताने का मौका मिल सके। जनता दर-दर भटक रही है, और मंत्री साहब सिर्फ फोटो खिंचवाकर वाहवाही लूटने में लगे हैं।
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रवि मेहता ने कहा कि हकीकत यह है कि मंत्रीजी जिन सड़कों और पुलों की फोटो डालते हैं, वे अधिकतर भाजपा सरकार के समय मंजूर की गई योजनाएं हैं, या फिर केंद्र सरकार की मदद से बन रहे प्रोजेक्ट हैं। विक्रमादित्य सिंह का इसमें ना कोई योगदान है और ना ही भागीदारी — सिर्फ झूठा श्रेय लेने की आदत है।इतना ही नहीं, इनकी खुद की सरकार में भी कोई सुनवाई नहीं होती। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और विक्रमादित्य सिंह के बीच की खटास अब खुलकर सामने आ चुकी है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की सोशल मीडिया पोस्टें इस बात का सबूत हैं कि विक्रमादित्य सिंह को ना सम्मान मिलता है और ना ही उनकी बात मानी जाती है। वो अलग ही सिर्फ़ सोशल मीडिया के मंत्री बने हुए है ।
रवि मेहता ने कहा कि केवल अपने पिता श्री वीरभद्र सिंह के नाम का सहारा लेकर राजनीति करना अब नहीं चलेगा। जनता अब जाग चुकी है। वो जानती है कि कौन काम कर रहा है और कौन सिर्फ प्रचार कर रहा है। शिमला ग्रामीण ने आपको बहुत कुछ दिया, लेकिन आपने क्षेत्र को सिर्फ नजरअंदाज किया। अब जनता जवाब मांगेगी — और जवाब 2027 के चुनाव में जरूर देगी।
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