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चम्बा ! चम्बा जिला के सरोल में ऐतिहासिक तालाब की हालत जस की तस बनी हुई है । पिछले कई वर्षों से लोग इस तालाब की हालत को सुधारने के लिए प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं । खबरें अभी तक ने भी कई बार इस तालाब की बदहाली को सरकार तक अपने चैनल के माध्यम से पहुंचाया । कुछ दिनों तक तो वहां साफ सफाई शुरू कर दी जाती है लेकिन बाद में वह समस्या जस की तस बन जाती है । यह तालाब राजा बलभद्र में बनवाया था ओर किसी समय यहां राजा की सैरगाह का हुआ करती थी ।कई साल पहले यहां पानी में लोग मछलियां पकड़ने के साथ तैराकी का भी आनंद उठाया करते थे लेकिन इस तलाब में पड़ी गंदगी की वजह से काफी प्रदूषण फैल गया और यहां लोगों को बीमारी का भी खतरा बन गया। पंचायत स्तर पर इस तालाब के रखरखाव के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए लेकिन इसकी दुर्दशा को नहीं सुधारा गया । यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि यह एक ऐतिहासिक तालाब है राजस्वी काल में यह राजा की सैरगाह हुआ करती थी । उन्होंने कहा कि कई साल पहले वह यहां पर तैराकी भी किया करते थे इस तालाब में मछलियां भी हुआ करती थी । पास में एक पानी की बावड़ी से शुद्ध पानी तालाब में आता था उसकी निकासी भी हुआ करती थी जहां से पानी बाहर निकल जाता था। लेकिन इस तालाब में गंदगी की वजह से जहां नहाना तो दो इसके पास से गुजरना भी मुश्किल हो गया था। उन्होंने बताया कि इस तालाब पर पंचायत स्तर पर लाखों रुपए खर्च हुए हैं लेकिन इसकी हालत जस की तस बनी हुई है ।उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इस तालाब के बारे में कुछ किया जाए ओर इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए साथ ही यहां पर्यटकों के घूमने के लिए भी कुछ इंतजाम किया जाए।
चम्बा ! चम्बा जिला के सरोल में ऐतिहासिक तालाब की हालत जस की तस बनी हुई है । पिछले कई वर्षों से लोग इस तालाब की हालत को सुधारने के लिए प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं । खबरें अभी तक ने भी कई बार इस तालाब की बदहाली को सरकार तक अपने चैनल के माध्यम से पहुंचाया । कुछ दिनों तक तो वहां साफ सफाई शुरू कर दी जाती है लेकिन बाद में वह समस्या जस की तस बन जाती है । यह तालाब राजा बलभद्र में बनवाया था ओर किसी समय यहां राजा की सैरगाह का हुआ करती थी ।कई साल पहले यहां पानी में लोग मछलियां पकड़ने के साथ तैराकी का भी आनंद उठाया करते थे लेकिन इस तलाब में पड़ी गंदगी की वजह से काफी प्रदूषण फैल गया और यहां लोगों को बीमारी का भी खतरा बन गया। पंचायत स्तर पर इस तालाब के रखरखाव के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए लेकिन इसकी दुर्दशा को नहीं सुधारा गया ।
यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि यह एक ऐतिहासिक तालाब है राजस्वी काल में यह राजा की सैरगाह हुआ करती थी । उन्होंने कहा कि कई साल पहले वह यहां पर तैराकी भी किया करते थे इस तालाब में मछलियां भी हुआ करती थी । पास में एक पानी की बावड़ी से शुद्ध पानी तालाब में आता था उसकी निकासी भी हुआ करती थी जहां से पानी बाहर निकल जाता था। लेकिन इस तालाब में गंदगी की वजह से जहां नहाना तो दो इसके पास से गुजरना भी मुश्किल हो गया था। उन्होंने बताया कि इस तालाब पर पंचायत स्तर पर लाखों रुपए खर्च हुए हैं लेकिन इसकी हालत जस की तस बनी हुई है ।उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इस तालाब के बारे में कुछ किया जाए ओर इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए साथ ही यहां पर्यटकों के घूमने के लिए भी कुछ इंतजाम किया जाए।
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