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चम्बा ! कहते हैं आसमान में भी सुराख हो सकता है एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो जी हां यही कारनामा कर दिखाया है डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बाथरी पंचायत के लोगों ने यहां मटियाना सहित पांच से छे गांव ऐसे हैं जहां लोग लोगों को बरसात के मौसम में नाले को पार करके अपने गांव तक पहुंचना पड़ता था लेकिन यहां से गुजरने वाले लोगों और स्कूली बच्चों सहित बुजुर्गों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती थी कभी नाले का जलस्तर बढ़ने से मुश्किलें भी बढ़ जाती थी लेकिन मटियाना गांव के लोगों और युवाओं ने मिसाल कायम करते हुए इस नाले पर जन सहयोग से पुल का निर्माण करवाया इसमें गांव के लोगों ने खुद पैसा इकट्ठा करके करीब दो लाख की लागत से इस पुल को बनाने में अपना अहम योगदान दिया जिसके चलते अब मटियाना गांव सहित शेरपुर पंचायत के लोगों को सुविधा मिली है ! अब चाहे बारिश हो बरसात हो या सर्दी का मौसम क्यों ना हो नाले में पानी का जलस्तर जितना भी क्यों ना बढ़ जाए लेकिन लोगों को परेशानी नहीं उठानी पड़ती है हालांकि यह गांव के लोगों और युवाओं की मेहनत है कि जन सहयोग के माध्यम से गांव को जोड़ने वाले पुल का निर्माण करवा दिया हालांकि अभी भी इस पुल में रेलिंग इत्यादि के कार्य होने को है जिसको लेकर लोगों ने प्रशासन और स्थानीय नेता से फंड की मांग रखी ताकि इस पुल पर रेलिंग लग जाए और इसका बचा हुआ कार्य हो सके। हालांकि लोगों की इस पहल की चारों तरफ तारीफ हो रही है,। वहीं दूसरी ओर मटियाना और अन्य गांव के लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में नाले को पार करना मुसीबत बना रहता था जिसके चलते हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था लेकिन फिर हम गांव के लोगों ने मिलकर जन सहयोग के माध्यम से इस नाले पर पुल का निर्माण किया जिसके बाद यहां से सैकड़ों की संख्या में लोग गुजरते हैं 4 से 5 गांव ऐसे हैं जहां लोगों का आना जाना इसी पुल से लगा रहता है इस पुल के बनने से अब हमारी परेशानी कम हुई है हालांकि कुछ कार्य रह चुका है जिसे पूरा किया जाना है उसके लिए प्रशासन से मांग करते हैं कि उसके लिए कुछ अतिरिक्त फंड मुहैया करवाया जाए।
चम्बा ! कहते हैं आसमान में भी सुराख हो सकता है एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो जी हां यही कारनामा कर दिखाया है डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बाथरी पंचायत के लोगों ने यहां मटियाना सहित पांच से छे गांव ऐसे हैं जहां लोग लोगों को बरसात के मौसम में नाले को पार करके अपने गांव तक पहुंचना पड़ता था लेकिन यहां से गुजरने वाले लोगों और स्कूली बच्चों सहित बुजुर्गों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती थी कभी नाले का जलस्तर बढ़ने से मुश्किलें भी बढ़ जाती थी लेकिन मटियाना गांव के लोगों और युवाओं ने मिसाल कायम करते हुए इस नाले पर जन सहयोग से पुल का निर्माण करवाया इसमें गांव के लोगों ने खुद पैसा इकट्ठा करके करीब दो लाख की लागत से इस पुल को बनाने में अपना अहम योगदान दिया जिसके चलते अब मटियाना गांव सहित शेरपुर पंचायत के लोगों को सुविधा मिली है !
अब चाहे बारिश हो बरसात हो या सर्दी का मौसम क्यों ना हो नाले में पानी का जलस्तर जितना भी क्यों ना बढ़ जाए लेकिन लोगों को परेशानी नहीं उठानी पड़ती है हालांकि यह गांव के लोगों और युवाओं की मेहनत है कि जन सहयोग के माध्यम से गांव को जोड़ने वाले पुल का निर्माण करवा दिया हालांकि अभी भी इस पुल में रेलिंग इत्यादि के कार्य होने को है जिसको लेकर लोगों ने प्रशासन और स्थानीय नेता से फंड की मांग रखी ताकि इस पुल पर रेलिंग लग जाए और इसका बचा हुआ कार्य हो सके। हालांकि लोगों की इस पहल की चारों तरफ तारीफ हो रही है,।
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वहीं दूसरी ओर मटियाना और अन्य गांव के लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में नाले को पार करना मुसीबत बना रहता था जिसके चलते हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था लेकिन फिर हम गांव के लोगों ने मिलकर जन सहयोग के माध्यम से इस नाले पर पुल का निर्माण किया जिसके बाद यहां से सैकड़ों की संख्या में लोग गुजरते हैं 4 से 5 गांव ऐसे हैं जहां लोगों का आना जाना इसी पुल से लगा रहता है इस पुल के बनने से अब हमारी परेशानी कम हुई है हालांकि कुछ कार्य रह चुका है जिसे पूरा किया जाना है उसके लिए प्रशासन से मांग करते हैं कि उसके लिए कुछ अतिरिक्त फंड मुहैया करवाया जाए।
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