
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा ,05 दिसंबर ! बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम के तहत मासिक धर्म स्वच्छता की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा के सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कपिल शर्मा की अध्यक्षता में संम्पन हुई, जिसमें हर स्वास्थ्य खंड से चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक व स्वास्थ्य कार्यकर्त्तायों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ कपिल शर्मा ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उदेश्य जिले के दूर दराज के क्षेत्रों में मासिक धर्म से जुडी कुप्रथाओं तथा भ्रान्तियों को दूर करना है I उन्होंने बताया कि कुल जनसंख्या का किशोर वर्ग 20% होता है। प्रशिक्षण में उपस्थित जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जालम भारद्वाज ने बताया कि किशोरियों में मासिक धर्म स्वच्छता के बारे पूरी जानकारी न होने पर बहुत सारी दुविधाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि 11 से 14 साल की आयु में लड़कियों में मासिक धर्म आना शुरू हो जाता है, और इसका मतलब यह हुआ कि लड़की भविष्य में मां बन सकती हैI मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द, उल्टी,कब्ज,कमर में दर्द चिड़चिड़ापन, ज्यादा मात्रा में खून का बहाना आदि समस्याएं हो सकती हैं । अतः इस समय हमने लड़कियों की इन समस्याओं को जागरूकता के द्वारा सुखद एहसास में बदलना है । जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ कुलदीप बंसल ने प्रशिक्षुओं को बताया कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता न रखने से बाँझपन की नौबत तक आ सकती है I इसलिए इस दौरान हर 4-6 घंटे बाद सैनिट्री पैड बदला जाए और रात को सोते समय नया पैड रखा जाय तथा पैड के इस्तेमाल से पहले और बाद हाथों की सफाई अच्छी तरह से होनी चाहिए I उन्होंने बताया कि इस समय किशोरियों को संतुलित आहार की ज्यादा आवश्यकता होती है।
चम्बा ,05 दिसंबर ! बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम के तहत मासिक धर्म स्वच्छता की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा के सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कपिल शर्मा की अध्यक्षता में संम्पन हुई, जिसमें हर स्वास्थ्य खंड से चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक व स्वास्थ्य कार्यकर्त्तायों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ कपिल शर्मा ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उदेश्य जिले के दूर दराज के क्षेत्रों में मासिक धर्म से जुडी कुप्रथाओं तथा भ्रान्तियों को दूर करना है I उन्होंने बताया कि कुल जनसंख्या का किशोर वर्ग 20% होता है। प्रशिक्षण में उपस्थित जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जालम भारद्वाज ने बताया कि किशोरियों में मासिक धर्म स्वच्छता के बारे पूरी जानकारी न होने पर बहुत सारी दुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने बताया कि 11 से 14 साल की आयु में लड़कियों में मासिक धर्म आना शुरू हो जाता है, और इसका मतलब यह हुआ कि लड़की भविष्य में मां बन सकती हैI मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द, उल्टी,कब्ज,कमर में दर्द चिड़चिड़ापन, ज्यादा मात्रा में खून का बहाना आदि समस्याएं हो सकती हैं । अतः इस समय हमने लड़कियों की इन समस्याओं को जागरूकता के द्वारा सुखद एहसास में बदलना है ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ कुलदीप बंसल ने प्रशिक्षुओं को बताया कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता न रखने से बाँझपन की नौबत तक आ सकती है I इसलिए इस दौरान हर 4-6 घंटे बाद सैनिट्री पैड बदला जाए और रात को सोते समय नया पैड रखा जाय तथा पैड के इस्तेमाल से पहले और बाद हाथों की सफाई अच्छी तरह से होनी चाहिए I उन्होंने बताया कि इस समय किशोरियों को संतुलित आहार की ज्यादा आवश्यकता होती है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -