
अपनी नाकामी सुधारने के बजाय बेशर्मी दिखा रही सरकार लोगों की जिंदगी से बढ़कर कुछ नहीं, यह बात मुख्यमंत्री क्यों नहीं समझते
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शिमला , 19 अगस्त [ विशाल सूद ] : मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर सुक्खू सरकार माताओं-बहनों के कंगन और मंगलसूत्र बिकवा रही है। अगर सरकार का ही व्यवस्था परिवर्तन है तो मुख्यमंत्री से मैं कहना चाहता हूं कि ऐसा व्यवस्था परिवर्तन प्रदेश को नहीं चाहिए। हिम केयर के तहत 05 लाख रुपए तक के इलाज का बीमा खरीद कर प्रदेश में लोग इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। इस सरकार की नाकामी की वजह से कोई बेटा अपनी मां के कंगन गिरवी रखकर उनका इलाज करवा रहा है तो कोई व्यक्ति अपने दादी के मंगलसूत्र को गिरवी रखने पर मजबूर है। उसके बाद जब यह मुद्दा सरकार के ध्यान में लाया जाता है तो सरकार उसे पर कार्रवाई करने की बजाय हंसी ठिठोली करती है। बेशर्मी दिखाती है। झूठ बोलती है। झूठी सरकार विधानसभा के अंदर भी इस बात का आश्वासन तक नहीं दे सकती कि लोगों को हिम केयर के तहत लोगों को नियमानुसार इलाज मिलेगा। सरकार द्वारा आश्वासन न दिए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल ने सदन से वॉक आउट किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार का इससे बेशर्म चेहरा हो ही नहीं सकता। सरकार स्वयं न तो ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेती है और न ही विपक्ष और मीडिया द्वारा संज्ञान में ले जाने पर कोई कार्रवाई करती है। यह सरकार झूठी गारंटियों के नाम पर जनादेश को हथिया का सत्ता में आई थी और झूठे प्रचार तंत्र, झूठे विज्ञापन, झूठे आश्वासन के दम पर चलाना चाहती है। सरकार कान खोलकर सुन ले इस तरीके से प्रदेश के लोगों को हम परेशान नहीं होने देंगे। लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। मित्र मंडली को खुश करने के लिए प्रदेश के साथ मनमानी नहीं करने देंगे। प्रदेश के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे।जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह बात समझ नहीं आ रही है कि लोगों की जान से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है। लेकिन बेशर्मी इस बात की है कि सरकार लोगों की जान से ही खिलवाड़ कर रही है। प्रदेश भर में लोग हिम केयर का भुगतान न होने की वजह इलाज के लिए भटक रहे हैं। 1 साल पहले मिले ऑपरेशन की डेट टल रही है। छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा ऑपरेशन लोग या तो टाल रहे हैं या मजबूरी में जान बचाने के लिए कर्ज लेकर करवा रहे हैं। सरकार की नाकामी की वजह से पिछली साल एक बच्ची के पिता की मौत हो गई थी, क्योंकि डॉक्टर के लिखने के बाद भी आईजीएमसी प्रशासन ने उन्हें इंजेक्शन नहीं दिया। बिटिया ने न्याय के लिए आवाज उठाई। सरकार के इन्हीं अधिकारियों ने जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की वजह बिटिया को ही दोषी साबित करने में लग गई। अपनी नाकामी के बाद अधिकारी इस तरीके की निम्न स्तरीय हरकतें करते हैं, जबकि सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने के बजाय उनका संरक्षण देती है।
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