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चम्बा , 06 सितम्बर [ शिवानी ] ! आज राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का आयोजन राइजिंग स्टार पब्लिक स्कूल चम्बा में डॉ करण हितेषी जिला कार्यक्रम अधिकारी चम्बा की अध्यक्षता में मनाया गया। डॉ करण ने बताया कि यह पखवाड़ा 25 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक चलेगा और लोगों को समय-समय पर अपने नेत्रों की जांच तथा उनमें होने वाले रोगों तथा लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया की आंख की चोट,ट्राउमा, इन्फेक्शन, आंख में किसी बाहरी चीज पडने की स्थिति में शीघ्र ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि भारतवर्ष में 68 लाख लोग कॉर्निंया की बीमारी से ग्रसित हैं और 120000 लोग कॉर्निंअल ब्लाइंडनेस के शिकार है। होली खेलते समय रंगों का आंख में पड़ना, दिवाली में पटाखों से आँखों का वचाव नहीं किया गया तो सदा के लिए अंधापन की नौबत आ सकती है I इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ए युक्त भोज्य पदार्थ जैसे आम,केला, खरबूजा,घी, मछली तथा हरी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए। डॉ करण ने नेत्रदान के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि किसी भी उम्र, लिंग, धर्म,जाति, समाज का व्यक्ति अपनी आंखों को मरणोपरांत दान कर सकता है।उन्होंने नेत्रदान की प्रक्रिया को बहुत ही सरल बताते हुए कहा कि नेत्रदान करने वाले व्यक्ति को नेत्र ब्लड बैंक में जाकर एक शपथ पत्र भर कर देना होता है,। मरणो उपरांत 6 घंटे के अंदर अंदर नेत्र बैंक -जो की आईजीएमसी शिमला, टांडा मेडिकल कॉलेज तथा नेरचौक मंडी मैं स्थित है -से टीम आकर उक्त व्यक्ति की आंख की कॉर्निया निकाल कर दूसरे व्यक्ति में प्रत्यारोपित की जा सकती है जिससे व्यक्ति की आँखों की रोशनी आ जाती है। इस अवसर पर जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सी आर ठाकुर, राइजिंग स्कूल के एम डी श्री सजीव सूरी तथा स्कूल का स्टाफ उपस्थित रहा।
चम्बा , 06 सितम्बर [ शिवानी ] ! आज राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का आयोजन राइजिंग स्टार पब्लिक स्कूल चम्बा में डॉ करण हितेषी जिला कार्यक्रम अधिकारी चम्बा की अध्यक्षता में मनाया गया। डॉ करण ने बताया कि यह पखवाड़ा 25 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक चलेगा और लोगों को समय-समय पर अपने नेत्रों की जांच तथा उनमें होने वाले रोगों तथा लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने बताया की आंख की चोट,ट्राउमा, इन्फेक्शन, आंख में किसी बाहरी चीज पडने की स्थिति में शीघ्र ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि भारतवर्ष में 68 लाख लोग कॉर्निंया की बीमारी से ग्रसित हैं और 120000 लोग कॉर्निंअल ब्लाइंडनेस के शिकार है।
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होली खेलते समय रंगों का आंख में पड़ना, दिवाली में पटाखों से आँखों का वचाव नहीं किया गया तो सदा के लिए अंधापन की नौबत आ सकती है I इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ए युक्त भोज्य पदार्थ जैसे आम,केला, खरबूजा,घी, मछली तथा हरी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए।
डॉ करण ने नेत्रदान के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि किसी भी उम्र, लिंग, धर्म,जाति, समाज का व्यक्ति अपनी आंखों को मरणोपरांत दान कर सकता है।उन्होंने नेत्रदान की प्रक्रिया को बहुत ही सरल बताते हुए कहा कि नेत्रदान करने वाले व्यक्ति को नेत्र ब्लड बैंक में जाकर एक शपथ पत्र भर कर देना होता है,।
मरणो उपरांत 6 घंटे के अंदर अंदर नेत्र बैंक -जो की आईजीएमसी शिमला, टांडा मेडिकल कॉलेज तथा नेरचौक मंडी मैं स्थित है -से टीम आकर उक्त व्यक्ति की आंख की कॉर्निया निकाल कर दूसरे व्यक्ति में प्रत्यारोपित की जा सकती है जिससे व्यक्ति की आँखों की रोशनी आ जाती है।
इस अवसर पर जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सी आर ठाकुर, राइजिंग स्कूल के एम डी श्री सजीव सूरी तथा स्कूल का स्टाफ उपस्थित रहा।
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