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मंडी ! हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के आग्रह पर शिक्षकों ने लॉकडाउन में आनलाईन पढ़ाना शुरू कर दिया है। इस क्षेत्र में द्रंग उपमंडल के अंतर्गत आने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बरोट की हिन्दी की शिक्षिका निशा ठाकुर ने भी अपना यूट्यूब चैनल बना कर बच्चों को पढाना शुरू कर दिया है। जिसकी हिमाचल सरकार में शिक्षा मंत्री आदरणीय सुरेश भारद्वाज जी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से निशा ठाकुर की सराहना की है। गौरतलब रहे कि निशा ठाकुर पिछले पांच वर्षों से रा व मा पाठशाला बरोट में हिन्दी प्रवक्ता के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। निशा ठाकुर ने सबसे पहले शिक्षा मंत्री जी व ओएसडी मामराज पुंडिर का धन्यवाद किया है। निशा ठाकुर ने बताया कि उन्होंने यूट्यूब को इसलिए चुना की ग्रामिण क्षेत्रों में सभी के पास Whatsaap नहीं होता है और यूट्यूब किसी और के फौन पर भी चला सकते हैं। जो कि बच्चे कर भी रहे हैं। निशा ठाकुर ने कहा कि कि यूट्यूब से नए एनरोल हुए बच्चे शुरू से सुचारू रूप से टॉपिक को समझने में मदद मिलेगी जिससे कोई भी पाठ उनसे छूट नहीं पाएगा। उन्होंने अभिभावकों व बच्चों से आग्रह भी किया है कि कक्षा 11वीं और 12वीं के तीन - तीन पाठ हो चुके हैं, अगर किसी बच्चे को किसी विषय को समझने में परेशानी आ रही हो तो वे उनसे बेझिझक बात कर सकते हैं।
मंडी ! हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के आग्रह पर शिक्षकों ने लॉकडाउन में आनलाईन पढ़ाना शुरू कर दिया है। इस क्षेत्र में द्रंग उपमंडल के अंतर्गत आने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बरोट की हिन्दी की शिक्षिका निशा ठाकुर ने भी अपना यूट्यूब चैनल बना कर बच्चों को पढाना शुरू कर दिया है। जिसकी हिमाचल सरकार में शिक्षा मंत्री आदरणीय सुरेश भारद्वाज जी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से निशा ठाकुर की सराहना की है।
गौरतलब रहे कि निशा ठाकुर पिछले पांच वर्षों से रा व मा पाठशाला बरोट में हिन्दी प्रवक्ता के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। निशा ठाकुर ने सबसे पहले शिक्षा मंत्री जी व ओएसडी मामराज पुंडिर का धन्यवाद किया है। निशा ठाकुर ने बताया कि उन्होंने यूट्यूब को इसलिए चुना की ग्रामिण क्षेत्रों में सभी के पास Whatsaap नहीं होता है और यूट्यूब किसी और के फौन पर भी चला सकते हैं। जो कि बच्चे कर भी रहे हैं।
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निशा ठाकुर ने कहा कि कि यूट्यूब से नए एनरोल हुए बच्चे शुरू से सुचारू रूप से टॉपिक को समझने में मदद मिलेगी जिससे कोई भी पाठ उनसे छूट नहीं पाएगा। उन्होंने अभिभावकों व बच्चों से आग्रह भी किया है कि कक्षा 11वीं और 12वीं के तीन - तीन पाठ हो चुके हैं, अगर किसी बच्चे को किसी विषय को समझने में परेशानी आ रही हो तो वे उनसे बेझिझक बात कर सकते हैं।
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