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बिलासपुर ,23 जनवरी ! सर्व कर्मचारी पेंशनर बेरोजगार मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल दास वर्मा ने वर्तमान में कांग्रेस की प्रदेश सरकार पर उच्च न्यायालय के आदेश न मानने का आरोप लगाया है और कहा है कि अगर 31 जनवरी तक कर्मचारियों और पेंशनरों की मांगों को न माना गया तो एक फरवरी से सरकार का पूरे प्रदेश में विरोध आरंभ कर दिया जाएगा। वह बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। वर्मा ने कहा कि 2016 में आर्थिक लाभ न मिलने पर कुछ कर्मचारी उच्च न्यायालय में गए थे। उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष में निर्णय सुनाया और संबंधित विभागों को 6 प्रतिशत ब्याज के सहित बकाया राशि देने का आदेश दिया। विभागों के अधिकारियों ने कर्मचारियों को वह राशि अदा कर दी। लेकिन अब सरकार अधिकारियों पर दवाब बना रही है तथा नोटिस देकर कहा जा रहा है कि यह राशि क्यों अदा की। वर्मा ने बताया कि इस तरह से यह सरेआम उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है । उन्होंने कहा कि इसके अलावा सीपीएस को कैबिनेट रैंक देकर सरकार का करोड़ों रुपया बर्बाद किया जा रहा है । इस बारे में भी उच्च न्यायालय में आदेश दे रखे हैं कि अगर सीपीएस को कैबिनेट मंत्री की सुविधा दी गई है तो उनको पद से हटा दिया जाए लेकिन सरकार इस निर्णय को भी नहीं मान रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर कर्मचारियों, पैंशनर्ज, मजदूरों व बेरोजगारों के साथ अन्याय करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने जो वायदे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी पैंशन लागू करना सराहनीय है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है। जिन्हें ओपीएस दिया गया है, उन्हें ग्रैज्युटी, लीव इन कैशमैंट व कम्युटेशन का लाभ नहीं मिला है, ऐसे में प्रदेश में झूठ की राजनीति नहीं चलेगी। गोपाल दास वर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी झूठ की राजनीति से सत्ता में आती है तथा फिर मुकर जाती है। वर्मा ने कहा कि गत एक वर्ष से कर्मचारियों को डीए का एरियर तथा कर्मचारियों व पैंशनरों को मेडिकल रिइम्बर्समैंट का पैसा नहीं मिला है जबकि पूर्व सरकार ने कोरोना के बावजूद यह राशि कर्मचारियों को समय पर जारी की। गोपाल दास वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार 13 माह में 14000 करोड़ से अधिक का कर्जा ले चुकी है। यह कर्जा कहां गया है।
बिलासपुर ,23 जनवरी ! सर्व कर्मचारी पेंशनर बेरोजगार मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल दास वर्मा ने वर्तमान में कांग्रेस की प्रदेश सरकार पर उच्च न्यायालय के आदेश न मानने का आरोप लगाया है और कहा है कि अगर 31 जनवरी तक कर्मचारियों और पेंशनरों की मांगों को न माना गया तो एक फरवरी से सरकार का पूरे प्रदेश में विरोध आरंभ कर दिया जाएगा। वह बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
वर्मा ने कहा कि 2016 में आर्थिक लाभ न मिलने पर कुछ कर्मचारी उच्च न्यायालय में गए थे। उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष में निर्णय सुनाया और संबंधित विभागों को 6 प्रतिशत ब्याज के सहित बकाया राशि देने का आदेश दिया। विभागों के अधिकारियों ने कर्मचारियों को वह राशि अदा कर दी। लेकिन अब सरकार अधिकारियों पर दवाब बना रही है तथा नोटिस देकर कहा जा रहा है कि यह राशि क्यों अदा की। वर्मा ने बताया कि इस तरह से यह सरेआम उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है ।
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उन्होंने कहा कि इसके अलावा सीपीएस को कैबिनेट रैंक देकर सरकार का करोड़ों रुपया बर्बाद किया जा रहा है । इस बारे में भी उच्च न्यायालय में आदेश दे रखे हैं कि अगर सीपीएस को कैबिनेट मंत्री की सुविधा दी गई है तो उनको पद से हटा दिया जाए लेकिन सरकार इस निर्णय को भी नहीं मान रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर कर्मचारियों, पैंशनर्ज, मजदूरों व बेरोजगारों के साथ अन्याय करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने जो वायदे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी पैंशन लागू करना सराहनीय है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है। जिन्हें ओपीएस दिया गया है, उन्हें ग्रैज्युटी, लीव इन कैशमैंट व कम्युटेशन का लाभ नहीं मिला है, ऐसे में प्रदेश में झूठ की राजनीति नहीं चलेगी। गोपाल दास वर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी झूठ की राजनीति से सत्ता में आती है तथा फिर मुकर जाती है।
वर्मा ने कहा कि गत एक वर्ष से कर्मचारियों को डीए का एरियर तथा कर्मचारियों व पैंशनरों को मेडिकल रिइम्बर्समैंट का पैसा नहीं मिला है जबकि पूर्व सरकार ने कोरोना के बावजूद यह राशि कर्मचारियों को समय पर जारी की। गोपाल दास वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार 13 माह में 14000 करोड़ से अधिक का कर्जा ले चुकी है। यह कर्जा कहां गया है।
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