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शिमला ,29 जनवरी [ शिवानी ] ! महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में महाराष्ट्र विधान सभा द्वारा आयोजित 84वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन सम्पन्न हो गया है। सम्मेलन की समाप्ति के पश्चात हिमाचल प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां मुम्बई से दिल्ली लौट आयें है जबकि विधान सभा उपाध्यक्ष विनय कुमार तथा विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा 30 जनवरी को मुम्बई से शिमला लौट रहे है। सत्र की समाप्ति के पश्चात पठानियां ने लोक सभा के माननीय अध्यक्ष श्री ओम बिरला, महाराष्ट्र सरकार तथा महाराष्ट्र विधान सभा के माननीय अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का अतिथ्य सत्कार तथा सम्मेलन के उत्कृष्ट आयोजन के लिए धन्यावाद दिया। पठानियां ने कहा कि पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का मंच सर्वोच्च है जो सभी वक्ताओं को बोलने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।उन्होने कहा कि चर्चा से ही हल निकलेगा तथा समय- समय पर इस तरह के सम्मेलन आयोजित किये जाने चाहिये। पठानियां ने कहा कि समुद्र मंथन से ही अमृत प्राप्त हुआ था इसलिए मंथन से निष्कर्ष पर पहुँचना सदैव हितकारी रहेगा। पठानियां को सम्मेलन के दौरान पीठासीन अधिकारियों की सभापति तालिका के लिए भी चयनित किया गया तथा उनके साथ उत्तर प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष सतीश महाना भी सभापति तालिका में शामिल थे। पठानियां ने अपने सम्बोधन के दौरान सभी को प्रभावित किया तथा अपने विषयों को बेबाक तरीके से सदन में रखकर सम्मेलन में शामिल सभी राज्यों के पीठासीन अधिकारियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। सम्बोधन के दौरान पठानियां ने कहा कि बेशक हम अलग-अलग दल से सम्बंध रखते हों लेकिन हम सभी का उदेश्य एक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम दलगत राजनिति से उपर उठकर एक चुने हुए जनप्रतिनिधि के रूप में काम करेंगे तो हम जनता की अपेक्षाओं तथा आकांक्षाओ पर खरा उतर सकेंगे। पठानियां ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें जनप्रतिनिधि के रूप में काम करना होगा तथा आने वाली पिढ़ियों के लिए उदाहरण स्थापित करना होगा। उन्होने सम्मेलन में मौजूद सभी पीठासीन अधिकारियों का आहवान किया कि उन्हें भी अपने-अपने राज्यों में एक स्वच्छ राजनितिक माहौल स्थापित करना होगा तथा दलगत राजनिति से उपर उठकर जन हित के बारे सोचना होगा ताकि अन्य राज्य भी हिमाचल प्रदेश विधान सभा की तरह सदन की कार्यवाही की कार्य उत्पादकता 132 प्रतिशत तक ले जा सके और राजनितिक परिदृश्य को बदल सकें। महाराष्ट्र से दिल्ली प्रस्थान करने से पूर्व हिमाचल प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने मुम्बई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में अपना शिश नवाया तथा हिमाचल प्रदेश के लोगो की सुख,समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की।
शिमला ,29 जनवरी [ शिवानी ] ! महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में महाराष्ट्र विधान सभा द्वारा आयोजित 84वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन सम्पन्न हो गया है। सम्मेलन की समाप्ति के पश्चात हिमाचल प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां मुम्बई से दिल्ली लौट आयें है जबकि विधान सभा उपाध्यक्ष विनय कुमार तथा विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा 30 जनवरी को मुम्बई से शिमला लौट रहे है।
सत्र की समाप्ति के पश्चात पठानियां ने लोक सभा के माननीय अध्यक्ष श्री ओम बिरला, महाराष्ट्र सरकार तथा महाराष्ट्र विधान सभा के माननीय अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का अतिथ्य सत्कार तथा सम्मेलन के उत्कृष्ट आयोजन के लिए धन्यावाद दिया। पठानियां ने कहा कि पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का मंच सर्वोच्च है जो सभी वक्ताओं को बोलने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।उन्होने कहा कि चर्चा से ही हल निकलेगा तथा समय- समय पर इस तरह के सम्मेलन आयोजित किये जाने चाहिये। पठानियां ने कहा कि समुद्र मंथन से ही अमृत प्राप्त हुआ था इसलिए मंथन से निष्कर्ष पर पहुँचना सदैव हितकारी रहेगा।
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पठानियां को सम्मेलन के दौरान पीठासीन अधिकारियों की सभापति तालिका के लिए भी चयनित किया गया तथा उनके साथ उत्तर प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष सतीश महाना भी सभापति तालिका में शामिल थे। पठानियां ने अपने सम्बोधन के दौरान सभी को प्रभावित किया तथा अपने विषयों को बेबाक तरीके से सदन में रखकर सम्मेलन में शामिल सभी राज्यों के पीठासीन अधिकारियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
सम्बोधन के दौरान पठानियां ने कहा कि बेशक हम अलग-अलग दल से सम्बंध रखते हों लेकिन हम सभी का उदेश्य एक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम दलगत राजनिति से उपर उठकर एक चुने हुए जनप्रतिनिधि के रूप में काम करेंगे तो हम जनता की अपेक्षाओं तथा आकांक्षाओ पर खरा उतर सकेंगे। पठानियां ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें जनप्रतिनिधि के रूप में काम करना होगा तथा आने वाली पिढ़ियों के लिए उदाहरण स्थापित करना होगा।
उन्होने सम्मेलन में मौजूद सभी पीठासीन अधिकारियों का आहवान किया कि उन्हें भी अपने-अपने राज्यों में एक स्वच्छ राजनितिक माहौल स्थापित करना होगा तथा दलगत राजनिति से उपर उठकर जन हित के बारे सोचना होगा ताकि अन्य राज्य भी हिमाचल प्रदेश विधान सभा की तरह सदन की कार्यवाही की कार्य उत्पादकता 132 प्रतिशत तक ले जा सके और राजनितिक परिदृश्य को बदल सकें।
महाराष्ट्र से दिल्ली प्रस्थान करने से पूर्व हिमाचल प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने मुम्बई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में अपना शिश नवाया तथा हिमाचल प्रदेश के लोगो की सुख,समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की।
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