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शिमला , 09 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! चैत्र नवरात्रि के साथ आज हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो गई है। हिमाचल प्रदेश के सभी शक्तिपीठों में आज नवरात्रि के प्रथम दिन सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है। राजधानी शिमला के ऐतिहासिक कालीबाड़ी मंदिर में प्रथम दिवस माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। हर वर्ष नवरात्रों में दूर-दूर से लोग कालीबाड़ी मंदिर शिमला आते हैं। मंदिर के पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि मंदिर में नौ दिनों तक माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाएगी। प्रथम दिवस आज शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरे देश भर से श्रद्धालु नवरात्रों में कालीबाड़ी शिमला आते हैं। लोगों की माता में विशेष आस्था है। सच्चे मन से जो माता की पूजा अर्चना करता है माता उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है। कालीबाड़ी मंदिर शिमला का ऐतिहासिक मंदिर है। अंग्रेजों के समय में मूर्ति को खंडित करने का प्रयास किया गया लेकिन सफल नहीं हो सके। आज के समय में हिंदू लोग अपनी रीति रिवाज और संस्कृति भूल रहे हैं जो की सही नहीं है जबकि विदेशी लोग हिंदू परंपरा को अपना रहे हैं। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को नवरात्रों की शुभकामनाएं दी और प्रदेश की मंगल कामना की प्रार्थना माता रानी से की। वहीं मंदिर में आए श्रद्धालुओं का कहना है कि आज से हिंदू धर्म में नववर्ष शुरू होता है तो लोगों को भी अंग्रेजी रिवायत छोड़ कर आज से ही हिंदू नववर्ष मनाना चाहिए। वहीं विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व विधायक विपिन परमार ने भी काली बाड़ी मंदिर में पहुंच शीश नवाया और सभी प्रदेशवासियों को चैत्र नवरात्र और नववर्ष की शुभकामनाएं दी है।
शिमला , 09 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! चैत्र नवरात्रि के साथ आज हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो गई है। हिमाचल प्रदेश के सभी शक्तिपीठों में आज नवरात्रि के प्रथम दिन सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है। राजधानी शिमला के ऐतिहासिक कालीबाड़ी मंदिर में प्रथम दिवस माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। हर वर्ष नवरात्रों में दूर-दूर से लोग कालीबाड़ी मंदिर शिमला आते हैं।
मंदिर के पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि मंदिर में नौ दिनों तक माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाएगी। प्रथम दिवस आज शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरे देश भर से श्रद्धालु नवरात्रों में कालीबाड़ी शिमला आते हैं। लोगों की माता में विशेष आस्था है। सच्चे मन से जो माता की पूजा अर्चना करता है माता उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
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कालीबाड़ी मंदिर शिमला का ऐतिहासिक मंदिर है। अंग्रेजों के समय में मूर्ति को खंडित करने का प्रयास किया गया लेकिन सफल नहीं हो सके। आज के समय में हिंदू लोग अपनी रीति रिवाज और संस्कृति भूल रहे हैं जो की सही नहीं है जबकि विदेशी लोग हिंदू परंपरा को अपना रहे हैं। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को नवरात्रों की शुभकामनाएं दी और प्रदेश की मंगल कामना की प्रार्थना माता रानी से की।
वहीं मंदिर में आए श्रद्धालुओं का कहना है कि आज से हिंदू धर्म में नववर्ष शुरू होता है तो लोगों को भी अंग्रेजी रिवायत छोड़ कर आज से ही हिंदू नववर्ष मनाना चाहिए। वहीं विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व विधायक विपिन परमार ने भी काली बाड़ी मंदिर में पहुंच शीश नवाया और सभी प्रदेशवासियों को चैत्र नवरात्र और नववर्ष की शुभकामनाएं दी है।
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