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शिमला ! राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) सिरमौर के प्रमुखों के साथ दूरभाष पर बातचीत कर राज्य की अर्थव्यवस्था को बहाल करने और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए उनके बहुमूल्य सुझाव लिए। राज्यपाल ने उन्हें 17 मई, 2020 तक स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन आदि से संबंधित एक अवधारणा नोट भेजने का भी आग्रह किया ताकि सरकार को इसका लाभ मिल सके। बातचीत में निदेशक, आईआईटी मंडी टिमोथी गोन्जालव्स और आईआईएम, सिरमौर की निदेशक डाॅ. नीलू मित्रा ने भाग लिया। राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के उपरान्त विश्व में परिस्थितियां बदल जाएंगी। हम पहले ही व्यवसायों, संस्थानों और सरकारों के कामकाज में बदलाव का सामना कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था इस संकट से बुरी तरह प्रभावित हुई है और लाखों लोगों को अपनी आजीविका से हाथ धोना पड़ा है। हमें अर्थव्यवस्था को पुनः बहाल करने की जरूरत है ताकि लोगों को आजीविका के अवसर प्राप्त हो सकंे। हमें लोगों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये दोनों प्रसिद्ध संस्थान आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने में सुझाव देकर अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, उद्योग, हस्तशिल्प इत्यादी क्षेत्रों को विश्व भर में फिर से खड़ा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तकनीक इसमें बड़ी भूमिका निभा सकती है और संसाधनों के प्रबंधन के लिए हमें नए साधनों की भी आवश्यकता है। राज्यपाल ने उनसे कहा कि वे हिमाचली परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अपनी टिप्पणी भेजें। उन्होंने आग्रह किया कि इसके अलावा, वैश्विक महामारी में अन्य क्षेत्रों स्वास्थ्य, टेलीमेडिसिन एंड तकनीक, आॅन-लाइन शिक्षा, विशेष शिक्षा, पर्यटन, आॅन-लाइन पर्यटन, सोशल मीडिया का उपयोग, डिजिटल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता हैै।
शिमला ! राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) सिरमौर के प्रमुखों के साथ दूरभाष पर बातचीत कर राज्य की अर्थव्यवस्था को बहाल करने और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए उनके बहुमूल्य सुझाव लिए। राज्यपाल ने उन्हें 17 मई, 2020 तक स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन आदि से संबंधित एक अवधारणा नोट भेजने का भी आग्रह किया ताकि सरकार को इसका लाभ मिल सके।
बातचीत में निदेशक, आईआईटी मंडी टिमोथी गोन्जालव्स और आईआईएम, सिरमौर की निदेशक डाॅ. नीलू मित्रा ने भाग लिया।
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राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के उपरान्त विश्व में परिस्थितियां बदल जाएंगी। हम पहले ही व्यवसायों, संस्थानों और सरकारों के कामकाज में बदलाव का सामना कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था इस संकट से बुरी तरह प्रभावित हुई है और लाखों लोगों को अपनी आजीविका से हाथ धोना पड़ा है। हमें अर्थव्यवस्था को पुनः बहाल करने की जरूरत है ताकि लोगों को आजीविका के अवसर प्राप्त हो सकंे। हमें लोगों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने की भी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ये दोनों प्रसिद्ध संस्थान आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने में सुझाव देकर अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, उद्योग, हस्तशिल्प इत्यादी क्षेत्रों को विश्व भर में फिर से खड़ा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तकनीक इसमें बड़ी भूमिका निभा सकती है और संसाधनों के प्रबंधन के लिए हमें नए साधनों की भी आवश्यकता है।
राज्यपाल ने उनसे कहा कि वे हिमाचली परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अपनी टिप्पणी भेजें। उन्होंने आग्रह किया कि इसके अलावा, वैश्विक महामारी में अन्य क्षेत्रों स्वास्थ्य, टेलीमेडिसिन एंड तकनीक, आॅन-लाइन शिक्षा, विशेष शिक्षा, पर्यटन, आॅन-लाइन पर्यटन, सोशल मीडिया का उपयोग, डिजिटल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता हैै।
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