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शिमला ! राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन में भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, विचारक, जाति-विरोधी समाज सुधारक और लेखक ज्योतिराव गोविंदराव फुले की पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि श्री फुले ने सामाजिक विषमताओं, गरीबी, अंधविश्वास, छुआछूत और जाति व्यवस्था के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया। वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि हम शिक्षा के द्वारा ही इन सामाजिक बुराइयों को दूर कर सकते हैं। वह और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले भारत में महिलाओं की शिक्षा के मार्गदर्शक थे। महात्मा फुले ने पुणे में 1848 में लड़कियों के लिए अपना पहला स्कूल शुरू किया। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में, गरीब, वंचित और शोषित वर्ग को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना ही उनके लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
शिमला ! राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन में भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, विचारक, जाति-विरोधी समाज सुधारक और लेखक ज्योतिराव गोविंदराव फुले की पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि श्री फुले ने सामाजिक विषमताओं, गरीबी, अंधविश्वास, छुआछूत और जाति व्यवस्था के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया। वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि हम शिक्षा के द्वारा ही इन सामाजिक बुराइयों को दूर कर सकते हैं। वह और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले भारत में महिलाओं की शिक्षा के मार्गदर्शक थे। महात्मा फुले ने पुणे में 1848 में लड़कियों के लिए अपना पहला स्कूल शुरू किया।
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राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में, गरीब, वंचित और शोषित वर्ग को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना ही उनके लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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