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मंडी ! लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल कॉलेज नेरचौक को जब से हिमाचल सरकार ने वैश्विक कोरोना महामारी के चलते कोरोना हॉस्पिटल घोषित किया है। तब से सिविल अस्पताल सुंदरनगर पर गर्भवती महिलाओं के इलाज का बोझ बढ़ गया है और सिविल अस्पताल सुंदरनगर में मात्र एक स्त्री रोग विशेषज्ञ होने से समस्याएं खड़ी हो गई है। नेरचौक मेडिकल कॉलेज की गर्भवती महिलाओं का उपचार भी सिविल अस्पताल सुंदर नगर में होने से और ऊपर से सिविल अस्पताल सुंदर नगर के गर्भवती महिलाओं का उपचार भी एक ही स्त्री रोग विशेषज्ञ के कंधों पर होने से जहां एक ओर गर्भवती महिलाएं सफर हो रही है। वहीं दूसरी ओर अस्पताल का स्टाफ भी प्रभावित हो रहा है। मजबूरन कई केस रेफर करने को विशेषज्ञ विवश होकर रह गए हैं । जब से कर्फ्यू लगा है। यहां पर रोजाना 75 से अधिक ओपीडी स्त्री रोग विशेषज्ञ के यहां हो रही है और लेबर रूम में डिलीवरी अलग से हो रही हैं। ऐसे में अगर नेरचौक अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञों और जोनल अस्पताल मंडी के स्त्री रोग विशेषज्ञ को डेपुटेशन के आधार पर सिविल अस्पताल सुंदरनगर में तैनात कर दिया जाए तो सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन और आम जनता को भी राहत मिलेगी। लेकिन ऐसा होता वर्तमान में अभी तक नजर नहीं आया है और इसकी सीधे तौर पर मार गर्भवती महिलाओं के उपचार को लेकर पढ़ रहा है।
मंडी ! लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल कॉलेज नेरचौक को जब से हिमाचल सरकार ने वैश्विक कोरोना महामारी के चलते कोरोना हॉस्पिटल घोषित किया है। तब से सिविल अस्पताल सुंदरनगर पर गर्भवती महिलाओं के इलाज का बोझ बढ़ गया है और सिविल अस्पताल सुंदरनगर में मात्र एक स्त्री रोग विशेषज्ञ होने से समस्याएं खड़ी हो गई है।
नेरचौक मेडिकल कॉलेज की गर्भवती महिलाओं का उपचार भी सिविल अस्पताल सुंदर नगर में होने से और ऊपर से सिविल अस्पताल सुंदर नगर के गर्भवती महिलाओं का उपचार भी एक ही स्त्री रोग विशेषज्ञ के कंधों पर होने से जहां एक ओर गर्भवती महिलाएं सफर हो रही है।
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वहीं दूसरी ओर अस्पताल का स्टाफ भी प्रभावित हो रहा है। मजबूरन कई केस रेफर करने को विशेषज्ञ विवश होकर रह गए हैं । जब से कर्फ्यू लगा है। यहां पर रोजाना 75 से अधिक ओपीडी स्त्री रोग विशेषज्ञ के यहां हो रही है और लेबर रूम में डिलीवरी अलग से हो रही हैं। ऐसे में अगर नेरचौक अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञों और जोनल अस्पताल मंडी के स्त्री रोग विशेषज्ञ को डेपुटेशन के आधार पर सिविल अस्पताल सुंदरनगर में तैनात कर दिया जाए तो सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन और आम जनता को भी राहत मिलेगी।
लेकिन ऐसा होता वर्तमान में अभी तक नजर नहीं आया है और इसकी सीधे तौर पर मार गर्भवती महिलाओं के उपचार को लेकर पढ़ रहा है।
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