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चम्बा ! चंबा जिला के अंतर्गत आने वाले सलूणी उपमंडल प्रशासन ने अनूठी पहल करते हुए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिटटी के मटके बांटे है। सलूणी की एसडीएम किरण भडाना ने भान्दल पंचायत के एक सौ से अधिक परिवारों को मिटटी के मटके बांटने का काम किया है। बताया जा रहा है की हर साल करीब तीन हजार के करीब उलटी और दस्त के मरीज सलूणी के ग्रामीण क्षत्रों से सामने आते है। हर महीने करीब दो सौ से अधिक मरीज सामने आते है। इसका एक मात्र कारण गन्दा पानी बताया जा रहा है। प्रशासनिक स्तर पे एसडीएम ने इसकी जांच के लिए डॉक्टर की एक टीम गठित की थी जिनकी रिपोर्ट में यह बातें सामने आई है। उसके बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है। जाहिर सी बात है की अगर तीन हजार के करीब लोग उलटी ओर दस्त के शिकार साल भर में होते है तो इसकी चिंता बढ़ना लाजमी है। मटके देने का मकसद लोग अपना प्राकृतिक स्त्रोत का पानी मटकों में रख कर पिए ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो सके। इसके अलावा सलूणी प्रशासन अन्य इलाकों में भी मटके देने का काम करेगा। वहीं दूसरी और किरण भडाना का कहना है की हर साल तीन हजार से अधिक लोग गन्दा पानी पीने से बीमार होते है। हमने एक पहल करी है जिसके चलते हमने सलूणी के एक दुकानदार से 100 के करेब मटके खरीदें थे जो हमने भान्द्ल की बेली में बांटे ताकि लोग मटकों का पानी पिए उससे काफी हद तक बिमारियों पर नियनत्रण किया जा सकता है। प्रशासन का ये प्रयास आगे भी जारी रहेगा और लोगों को जागरूक किया जाता रहेगा। यह हम नहीं बल्कि डॉक्टर की टीम ने सर्वे किया है की हर साल तीन हजार के करीब लोग संक्रमित होते है गन्दा पानी पीने से ।
चम्बा ! चंबा जिला के अंतर्गत आने वाले सलूणी उपमंडल प्रशासन ने अनूठी पहल करते हुए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिटटी के मटके बांटे है। सलूणी की एसडीएम किरण भडाना ने भान्दल पंचायत के एक सौ से अधिक परिवारों को मिटटी के मटके बांटने का काम किया है।
बताया जा रहा है की हर साल करीब तीन हजार के करीब उलटी और दस्त के मरीज सलूणी के ग्रामीण क्षत्रों से सामने आते है। हर महीने करीब दो सौ से अधिक मरीज सामने आते है। इसका एक मात्र कारण गन्दा पानी बताया जा रहा है। प्रशासनिक स्तर पे एसडीएम ने इसकी जांच के लिए डॉक्टर की एक टीम गठित की थी जिनकी रिपोर्ट में यह बातें सामने आई है।
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उसके बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है। जाहिर सी बात है की अगर तीन हजार के करीब लोग उलटी ओर दस्त के शिकार साल भर में होते है तो इसकी चिंता बढ़ना लाजमी है। मटके देने का मकसद लोग अपना प्राकृतिक स्त्रोत का पानी मटकों में रख कर पिए ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो सके। इसके अलावा सलूणी प्रशासन अन्य इलाकों में भी मटके देने का काम करेगा।
वहीं दूसरी और किरण भडाना का कहना है की हर साल तीन हजार से अधिक लोग गन्दा पानी पीने से बीमार होते है। हमने एक पहल करी है जिसके चलते हमने सलूणी के एक दुकानदार से 100 के करेब मटके खरीदें थे जो हमने भान्द्ल की बेली में बांटे ताकि लोग मटकों का पानी पिए उससे काफी हद तक बिमारियों पर नियनत्रण किया जा सकता है।
प्रशासन का ये प्रयास आगे भी जारी रहेगा और लोगों को जागरूक किया जाता रहेगा। यह हम नहीं बल्कि डॉक्टर की टीम ने सर्वे किया है की हर साल तीन हजार के करीब लोग संक्रमित होते है गन्दा पानी पीने से ।
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