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सुंदरनगर ! प्रदेश सरकार के नगर पालिका क्षेत्रों में हाउस टैक्स की भारी भरकम वृद्धि के तुगलकी फरमान के खिलाफ पूर्व सीपीएस एवं विधायक सुंदरनगर सोहन लाल ठाकुर ने तीखा हमला बोला है। इस वृद्धि पर उन्होंने कहा कि सुंदरनगर नगर परिषद ने जिस तरह से 25 प्रतिशत हाउस टैक्स जनता पर लगाया है । वह सीधे तौर पर एक तुगलकी फरमान है। ऐसे में अब जनता के पास अपना विरोध जताने या राहत पाने का विकल्प भी खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि इस आदेश को नगर परिषद ने वर्तमान विधायक की अध्यक्षता में ही अनुमोदन किया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से सुंदरनगर के नगर परिषद के ग्रामीण इलााके बनायक, बाड़ी-कुलाडा़, बौहट , सिहारल , बनेड ,रसमाई और ठाठर की जनता सहित अन्य वार्डों के लोगों ने भारी विरोध है । क्योकि ये ग्रामिण पशुधन रखते है । इस आदेश से के बाद सौ वर्ग मीटर की छृट खत्म हो गई । अब उस पर भी टैक्स देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विरोध तो नगर परिषद के कई पार्षदों में भी था। मगर जब बिना सूने ही विधायक ने ये फैसला ले लिया तो जनता को राहत कहां से मिलेगी। उन्होंने कहा कि 100 वर्ग मीटर की छूट पर भी टैक्स लगाकर लोगों की किचन गार्डनिंग को भी महंगा कर दिया। उन्होंने कहा जनता को अच्छे दिन दिखाने वालों ने ही बढ़ाया नगर परिषद का हाउस टैक्स तो जनता क्या करे । उन्होंने कहा कि टैक्स तो बढ़ रहे है। मगर शहर की व्यवस्थाएं पंगू पड़ी है । ऐसे में टैक्स देने का औचित्य खत्म हो जाता है । उन्होंने कहा कि एक दम 25 प्रतिशत की बढ़त को रोल बैक किया जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह से मनामाने टैक्स लगाकर जनता को दुखी न किया जाए ।
सुंदरनगर ! प्रदेश सरकार के नगर पालिका क्षेत्रों में हाउस टैक्स की भारी भरकम वृद्धि के तुगलकी फरमान के खिलाफ पूर्व सीपीएस एवं विधायक सुंदरनगर सोहन लाल ठाकुर ने तीखा हमला बोला है। इस वृद्धि पर उन्होंने कहा कि सुंदरनगर नगर परिषद ने जिस तरह से 25 प्रतिशत हाउस टैक्स जनता पर लगाया है । वह सीधे तौर पर एक तुगलकी फरमान है। ऐसे में अब जनता के पास अपना विरोध जताने या राहत पाने का विकल्प भी खत्म हो गया है।
उन्होंने कहा कि इस आदेश को नगर परिषद ने वर्तमान विधायक की अध्यक्षता में ही अनुमोदन किया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से सुंदरनगर के नगर परिषद के ग्रामीण इलााके बनायक, बाड़ी-कुलाडा़, बौहट , सिहारल , बनेड ,रसमाई और ठाठर की जनता सहित अन्य वार्डों के लोगों ने भारी विरोध है । क्योकि ये ग्रामिण पशुधन रखते है । इस आदेश से के बाद सौ वर्ग मीटर की छृट खत्म हो गई । अब उस पर भी टैक्स देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विरोध तो नगर परिषद के कई पार्षदों में भी था। मगर जब बिना सूने ही विधायक ने ये फैसला ले लिया तो जनता को राहत कहां से मिलेगी।
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उन्होंने कहा कि 100 वर्ग मीटर की छूट पर भी टैक्स लगाकर लोगों की किचन गार्डनिंग को भी महंगा कर दिया। उन्होंने कहा जनता को अच्छे दिन दिखाने वालों ने ही बढ़ाया नगर परिषद का हाउस टैक्स तो जनता क्या करे । उन्होंने कहा कि टैक्स तो बढ़ रहे है। मगर शहर की व्यवस्थाएं पंगू पड़ी है । ऐसे में टैक्स देने का औचित्य खत्म हो जाता है । उन्होंने कहा कि एक दम 25 प्रतिशत की बढ़त को रोल बैक किया जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह से मनामाने टैक्स लगाकर जनता को दुखी न किया जाए ।
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