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चंबा ! ग्रामीण विकास को लेकर हर साल करोड़ों रुपए की राशि जारी की जाती है लेकिन ग्रामीण विकास धरातल पर भी नजर आना चाहिए। उपायुक्त विवेक भाटिया ने यह बात आज रेवन्यू सभागार में आयोजित खंड विकास अधिकारियों की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के माध्यम से मनरेगा के तहत ही जिले में अब तक 65597 कार्य पूरे हो चुके हैं । ऐसा भी नहीं है कि ग्रामीण विकास में मॉडल कार्य नहीं हुए लेकिन अब तक खर्च हुई धनराशि के अनुपात में इस तरह के मॉडल कार्यों की संख्या भी उतनी ही ज्यादा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह फील्ड में स्वयं जाकर इस तरह के मॉडल कार्यों या स्कीमों का जायजा ले रहे हैं और आगे भी लेंगे। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने विकास खंडों में विभिन्न स्कीमों के तहत बेहतरीन कार्यों को अंजाम दें। कार्यों की उपयोगिता और गुणवत्ता में फील्ड कर्मचारियों की बहुत बड़ी भूमिका रहती है। जो कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में कोताही बरतेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने के लिए कहा कि कार्यों के प्राक्कलन उसकी उपयोगिता और महत्त्व पर आधारित हों तभी सही मायनों में ग्रामीण विकास दिखेगा और धन राशि का भी सदुपयोग होगा। उपायुक्त ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में 32 कम्युनिटी सैनिटरी कॉम्पलेक्सेस यानी सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। जिनमें भटियात ब्लॉक में 3, तीसा में 8, चंबा में 2, सलूणी में 2, मैहला में 9 और पांगी में 8 ऐसे शौचालयों का निर्माण होगा । उन्होंने कहा कि यह शौचालय ट्विन पिट तकनीक से युक्त होने चाहिए। इन शौचालयों के डिजाइन और इसमें उपयोग होने वाली सामग्री का एक समान स्टैंडर्ड सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि सभी में एकरूपता नजर आए। विवेक भाटिया ने यह भी कहा कि विशेष तौर से सड़कों के किनारे मौजूद शौचालयों पर रात को चमकने वाले साइन बोर्ड अवश्य लगाए जाएं। ग्रामीण विकास में और बेहतर नतीजे हासिल करने के लिए खंड विकास अधिकारी अपने तकनीकी फील्ड कर्मचारियों के कार्य क्षेत्र का युक्तिकरण भी करें । लोक भवनों के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिले में बनने वाले इस तरह के सामुदायिक भवन बैंक्वेट हॉल की तर्ज पर निर्मित होने चाहिए ताकि स्थानीय लोगों को अपने विभिन्न आयोजनों के लिए उनकी समुचित सुविधा प्राप्त हो सके। इनकी देखरेख की जिम्मेदारी युवक और महिला मंडल जैसे स्वयं सहायता समूह को दी जा सकती है।जनजातीय पांगी घाटी में मनरेगा और ग्रामीण विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों के निरंतर समाधान के लिए पांगी विकासखंड से किसी कर्मचारी को जिला मुख्यालय पर तैनात करने के भी उपायुक्त ने निर्देश दिए। कर्मचारी पांगी से व्हाट्सएप व अन्य माध्यम से सूचनाएं व रिपोर्ट हासिल करके जिला मुख्यालय पर उपलब्ध कंप्यूटर सिस्टम और इंटरनेट सेवाओं की मदद से डाटा तैयार करेगा। उपायुक्त ने ग्रामीण विकास में होने वाले विभिन्न कार्यों के वर्गीकरण पर आधारित डाटा बेस तैयार करने की भी हिदायत दी। एक ऐसी व्यवस्था शुरू करने पर काम किया जाएगा जिसके माध्यम से यह पता चल पाएगा कि अमुक कार्य या स्कीम को किस-किस मद से कब और कितनी धनराशि प्राप्त हुई है। उन्होंने जियो टैगिंग के कार्य को भी जल्द पूरा करने के लिए कहा। जो ग्राम रोजगार सेवक इसको लेकर गंभीर नहीं होंगे उनकी जवाब तलबी की जाएगी। बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ अनियमितताओं को लेकर आने वाली शिकायतों में पंचायत प्रतिनिधि के साथ विभागीय कर्मचारी की भी पूरी जवाबदेही तय की जाए। खंड विकास अधिकारी ऐसे मामलों को भेजते समय इसको लेकर पूरी गंभीरता बरतें।
चंबा ! ग्रामीण विकास को लेकर हर साल करोड़ों रुपए की राशि जारी की जाती है लेकिन ग्रामीण विकास धरातल पर भी नजर आना चाहिए। उपायुक्त विवेक भाटिया ने यह बात आज रेवन्यू सभागार में आयोजित खंड विकास अधिकारियों की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के माध्यम से मनरेगा के तहत ही जिले में अब तक 65597 कार्य पूरे हो चुके हैं । ऐसा भी नहीं है कि ग्रामीण विकास में मॉडल कार्य नहीं हुए लेकिन अब तक खर्च हुई धनराशि के अनुपात में इस तरह के मॉडल कार्यों की संख्या भी उतनी ही ज्यादा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह फील्ड में स्वयं जाकर इस तरह के मॉडल कार्यों या स्कीमों का जायजा ले रहे हैं और आगे भी लेंगे। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने विकास खंडों में विभिन्न स्कीमों के तहत बेहतरीन कार्यों को अंजाम दें। कार्यों की उपयोगिता और गुणवत्ता में फील्ड कर्मचारियों की बहुत बड़ी भूमिका रहती है। जो कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में कोताही बरतेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने के लिए कहा कि कार्यों के प्राक्कलन उसकी उपयोगिता और महत्त्व पर आधारित हों तभी सही मायनों में ग्रामीण विकास दिखेगा और धन राशि का भी सदुपयोग होगा। उपायुक्त ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में 32 कम्युनिटी सैनिटरी कॉम्पलेक्सेस यानी सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। जिनमें भटियात ब्लॉक में 3, तीसा में 8, चंबा में 2, सलूणी में 2, मैहला में 9 और पांगी में 8 ऐसे शौचालयों का निर्माण होगा । उन्होंने कहा कि यह शौचालय ट्विन पिट तकनीक से युक्त होने चाहिए। इन शौचालयों के डिजाइन और इसमें उपयोग होने वाली सामग्री का एक समान स्टैंडर्ड सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि सभी में एकरूपता नजर आए।
विवेक भाटिया ने यह भी कहा कि विशेष तौर से सड़कों के किनारे मौजूद शौचालयों पर रात को चमकने वाले साइन बोर्ड अवश्य लगाए जाएं। ग्रामीण विकास में और बेहतर नतीजे हासिल करने के लिए खंड विकास अधिकारी अपने तकनीकी फील्ड कर्मचारियों के कार्य क्षेत्र का युक्तिकरण भी करें । लोक भवनों के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिले में बनने वाले इस तरह के सामुदायिक भवन बैंक्वेट हॉल की तर्ज पर निर्मित होने चाहिए ताकि स्थानीय लोगों को अपने विभिन्न आयोजनों के लिए उनकी समुचित सुविधा प्राप्त हो सके। इनकी देखरेख की जिम्मेदारी युवक और महिला मंडल जैसे स्वयं सहायता समूह को दी जा सकती है।जनजातीय पांगी घाटी में मनरेगा और ग्रामीण विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों के निरंतर समाधान के लिए पांगी विकासखंड से किसी कर्मचारी को जिला मुख्यालय पर तैनात करने के भी उपायुक्त ने निर्देश दिए। कर्मचारी पांगी से व्हाट्सएप व अन्य माध्यम से सूचनाएं व रिपोर्ट हासिल करके जिला मुख्यालय पर उपलब्ध कंप्यूटर सिस्टम और इंटरनेट सेवाओं की मदद से डाटा तैयार करेगा। उपायुक्त ने ग्रामीण विकास में होने वाले विभिन्न कार्यों के वर्गीकरण पर आधारित डाटा बेस तैयार करने की भी हिदायत दी। एक ऐसी व्यवस्था शुरू करने पर काम किया जाएगा जिसके माध्यम से यह पता चल पाएगा कि अमुक कार्य या स्कीम को किस-किस मद से कब और कितनी धनराशि प्राप्त हुई है। उन्होंने जियो टैगिंग के कार्य को भी जल्द पूरा करने के लिए कहा। जो ग्राम रोजगार सेवक इसको लेकर गंभीर नहीं होंगे उनकी जवाब तलबी की जाएगी। बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ अनियमितताओं को लेकर आने वाली शिकायतों में पंचायत प्रतिनिधि के साथ विभागीय कर्मचारी की भी पूरी जवाबदेही तय की जाए। खंड विकास अधिकारी ऐसे मामलों को भेजते समय इसको लेकर पूरी गंभीरता बरतें।
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