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चम्बा , 26 मई [ शिवानी ] ! मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समावेशी और प्रभावी बनाने के लिए छह प्रमुख पहलों को लागू किया जा रहा है। इनमें मतदाता, राजनीतिक दल, प्रक्रियागत सुधार, कानूनी प्रावधान, चुनाव कार्मिक और निर्वाचन आयोग के प्रशासनिक सुधार शामिल हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी मुकेश रेपसवाल ने बताया कि प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति में इस बात का भी जिक्र किया है कि आयोग द्वारा भीड़ नियंत्रण के लिए एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गई है। बहुमंजिला इमारतों और घनी बस्तियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, मृत पंजीकरण की जानकारी के लिए 'रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया' के डेटाबेस का उपयोग कर मतदाता सूची से नाम हटाए जाएंगे। सभी निर्वाचन सेवाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के लिए एक नया डैशबोर्ड लॉन्च किया जाएगा। 28 प्रमुख हितधारकों, जिनमें मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल और प्रत्याशी शामिल हैं, के लिए लोक प्रतिनिधित्व नियमों और निर्देशों की प्रशिक्षण सामग्री तैयार की जा रही है। बूथ लेवल ऑफिसर्स (बी.एल.ओ.) को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश से 26-27 मई 2025 को नई दिल्ली में 3 जिला निर्वाचन अधिकारियों, 12 निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों, 68 बी.एल.ओ. और यूथ पर्यवेक्षकों को नई दिल्ली में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय शिमला में राज्य मीडिया नोडल अधिकारियों के लिए भी उन्मुखीकरण सत्र आयोजित किए गए हैं जिसमें जिला संपर्क अधिकारी मंडी ने भी भाग लिया। चुनाव प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली (कागज रहित) पर विशेष जोर दिया जा रहा है। मतदाता सूचना पर्चियों में कम संख्या और मांग संख्या को अधिक स्पष्ट करने के लिए विशेष रूप से अंकित किया जाएगा।
चम्बा , 26 मई [ शिवानी ] ! मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समावेशी और प्रभावी बनाने के लिए छह प्रमुख पहलों को लागू किया जा रहा है। इनमें मतदाता, राजनीतिक दल, प्रक्रियागत सुधार, कानूनी प्रावधान, चुनाव कार्मिक और निर्वाचन आयोग के प्रशासनिक सुधार शामिल हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी मुकेश रेपसवाल ने बताया कि प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति में इस बात का भी जिक्र किया है कि आयोग द्वारा भीड़ नियंत्रण के लिए एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गई है। बहुमंजिला इमारतों और घनी बस्तियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
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इसके अतिरिक्त, मृत पंजीकरण की जानकारी के लिए 'रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया' के डेटाबेस का उपयोग कर मतदाता सूची से नाम हटाए जाएंगे। सभी निर्वाचन सेवाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के लिए एक नया डैशबोर्ड लॉन्च किया जाएगा। 28 प्रमुख हितधारकों, जिनमें मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल और प्रत्याशी शामिल हैं, के लिए लोक प्रतिनिधित्व नियमों और निर्देशों की प्रशिक्षण सामग्री तैयार की जा रही है।
बूथ लेवल ऑफिसर्स (बी.एल.ओ.) को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश से 26-27 मई 2025 को नई दिल्ली में 3 जिला निर्वाचन अधिकारियों, 12 निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों, 68 बी.एल.ओ. और यूथ पर्यवेक्षकों को नई दिल्ली में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय शिमला में राज्य मीडिया नोडल अधिकारियों के लिए भी उन्मुखीकरण सत्र आयोजित किए गए हैं जिसमें जिला संपर्क अधिकारी मंडी ने भी भाग लिया।
चुनाव प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली (कागज रहित) पर विशेष जोर दिया जा रहा है। मतदाता सूचना पर्चियों में कम संख्या और मांग संख्या को अधिक स्पष्ट करने के लिए विशेष रूप से अंकित किया जाएगा।
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