हिमाचल प्रदेश संवैधानिक संकट की ओर—सरकार चुनाव आयोग और संवैधानिक संस्थाओं पर बना रही दबाव
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शिमला, 23 नवंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल के निवास पर कांग्रेस नेताओं द्वारा किया गया प्रदर्शन पूरी तरह गैरकानूनी और अभद्र राजनीतिक आचरण का उदाहरण है। बिना किसी अनुमति के राजभवन जैसे उच्च सुरक्षा और आरक्षित क्षेत्र में जाकर प्रदर्शन करना तथा देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी का पुतला फूंकना यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी किसी भी हद तक जाकर संवैधानिक मर्यादाओं को चुनौती देना चाहती है। डॉ. बिंदल ने कहा कि यह कदम राज्यपाल पर दबाव बनाने, डराने और असंवैधानिक निर्णयों के लिए बाध्य करने का प्रयास प्रतीत होता है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा आघात बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय एक गंभीर संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। पंचायती राज चुनावों को लेकर सरकार और चुनाव आयोग के बीच बढ़ते टकराव ने स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है। हिमाचल प्रदेश चुनाव आयोग ने महामहिम राज्यपाल महोदय से भेंट कर प्रदेश की नवीनतम स्थिति पर विस्तृत पत्र देकर अपनी चिंता जताई है, जो यह साबित करता है कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं के अधिकारों का हनन कर रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार, वर्तमान सरकार प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाकर, पंचायत प्रधानों, बीडीसी सदस्यों, वार्ड पंचों, जिला परिषद सदस्यों तथा नगर पालिका प्रतिनिधियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त करने की कोशिश कर रही है। यह लोकतंत्र की मूल भावना और स्वयं संविधान के विरुद्ध है। डॉ. बिंदल ने कहा, “हम महामहिम राज्यपाल के विरुद्ध की गई अभद्र टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। साथ ही, देश के प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने जैसी घोर निंदनीय और अमर्यादित हरकत की हम भर्त्सना करते हैं। कांग्रेस का यह कृत्य न केवल असंवैधानिक है, बल्कि लोकतांत्रिक परंपराओं का खुला अपमान भी है।” उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि वह ऐसे गैरकानूनी प्रदर्शनों और संवैधानिक संस्थाओं के विरुद्ध हो रही गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाए और राज्य में कानून-व्यवस्था तथा संविधान की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए।
शिमला, 23 नवंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल के निवास पर कांग्रेस नेताओं द्वारा किया गया प्रदर्शन पूरी तरह गैरकानूनी और अभद्र राजनीतिक आचरण का उदाहरण है। बिना किसी अनुमति के राजभवन जैसे उच्च सुरक्षा और आरक्षित क्षेत्र में जाकर प्रदर्शन करना तथा देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी का पुतला फूंकना यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी किसी भी हद तक जाकर संवैधानिक मर्यादाओं को चुनौती देना चाहती है।
डॉ. बिंदल ने कहा कि यह कदम राज्यपाल पर दबाव बनाने, डराने और असंवैधानिक निर्णयों के लिए बाध्य करने का प्रयास प्रतीत होता है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा आघात बताया।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय एक गंभीर संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। पंचायती राज चुनावों को लेकर सरकार और चुनाव आयोग के बीच बढ़ते टकराव ने स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है। हिमाचल प्रदेश चुनाव आयोग ने महामहिम राज्यपाल महोदय से भेंट कर प्रदेश की नवीनतम स्थिति पर विस्तृत पत्र देकर अपनी चिंता जताई है, जो यह साबित करता है कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं के अधिकारों का हनन कर रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार, वर्तमान सरकार प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाकर, पंचायत प्रधानों, बीडीसी सदस्यों, वार्ड पंचों, जिला परिषद सदस्यों तथा नगर पालिका प्रतिनिधियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त करने की कोशिश कर रही है। यह लोकतंत्र की मूल भावना और स्वयं संविधान के विरुद्ध है।
डॉ. बिंदल ने कहा, “हम महामहिम राज्यपाल के विरुद्ध की गई अभद्र टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। साथ ही, देश के प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने जैसी घोर निंदनीय और अमर्यादित हरकत की हम भर्त्सना करते हैं। कांग्रेस का यह कृत्य न केवल असंवैधानिक है, बल्कि लोकतांत्रिक परंपराओं का खुला अपमान भी है।”
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि वह ऐसे गैरकानूनी प्रदर्शनों और संवैधानिक संस्थाओं के विरुद्ध हो रही गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाए और राज्य में कानून-व्यवस्था तथा संविधान की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए।
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