- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 24 सितंबर [ विशाल सूद ] ! नाथूराम चौहान, नेशनल असिस्टेंट चीफ एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स ने सिरमौर जिले के यमुनाघाट में तीन युवकों के डूबने की घटना को लेकर प्रशासन की लापरवाही पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मृतक युवाओं में से एक नहाने के बहाने नदी में गया था और दो अन्य उसे बचाने पानी में उतरे।यह दुखद घटना पहली नहीं है। 2010 के बाद से पांवटा साहिब यमुनाघाट क्षेत्र में लगभग 70 मौतें हो चुकी हैं। चौहान ने बताया कि एसडीएम पांवटा साहिब को गोताखोर तैनात करने की जानकारी थी और 15 तारीख तक गोताखोर तैनात किए गए थे। लेकिन पांच दिन से उन्हें हटवा दिया गया। नाथूराम चौहान ने कहा कि यदि गोताखोर समय पर तैनात रहते, तो शायद तीन युवकों की जान बच सकती थी। उन्होंने प्रशासन से सवाल किया कि आपदा राज्य घोषित होने के बावजूद इतनी गंभीर स्थिति में गोताखोरों को हटवाना क्यों गया। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में लगभग 280 होमगार्ड के जवान अन्य जिलों में ड्यूटी दे रहे हैं, जबकि उन्हें अपने जिले में सुरक्षा और बचाव के लिए तैनात होना चाहिए था। चौहान ने कहा कि घटना स्थल 15 से 20 मीटर गहरी नदी का हिस्सा है, जहां लोग नहाते हैं, और उस समय पानी का बहाव तेज था। दुखद बात यह है कि युवकों ने करीब 15 मिनट तक मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। नाथूराम चौहान ने जोर देकर कहा कि यह पूरी तरह प्रशासन की जवाबदेही बनती है और ऐसे हालात में सावधानी और तैनाती सुनिश्चित करना प्राथमिक जिम्मेदारी है।
शिमला , 24 सितंबर [ विशाल सूद ] ! नाथूराम चौहान, नेशनल असिस्टेंट चीफ एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स ने सिरमौर जिले के यमुनाघाट में तीन युवकों के डूबने की घटना को लेकर प्रशासन की लापरवाही पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मृतक युवाओं में से एक नहाने के बहाने नदी में गया था और दो अन्य उसे बचाने पानी में उतरे।यह दुखद घटना पहली नहीं है। 2010 के बाद से पांवटा साहिब यमुनाघाट क्षेत्र में लगभग 70 मौतें हो चुकी हैं।
चौहान ने बताया कि एसडीएम पांवटा साहिब को गोताखोर तैनात करने की जानकारी थी और 15 तारीख तक गोताखोर तैनात किए गए थे। लेकिन पांच दिन से उन्हें हटवा दिया गया। नाथूराम चौहान ने कहा कि यदि गोताखोर समय पर तैनात रहते, तो शायद तीन युवकों की जान बच सकती थी। उन्होंने प्रशासन से सवाल किया कि आपदा राज्य घोषित होने के बावजूद इतनी गंभीर स्थिति में गोताखोरों को हटवाना क्यों गया।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में लगभग 280 होमगार्ड के जवान अन्य जिलों में ड्यूटी दे रहे हैं, जबकि उन्हें अपने जिले में सुरक्षा और बचाव के लिए तैनात होना चाहिए था। चौहान ने कहा कि घटना स्थल 15 से 20 मीटर गहरी नदी का हिस्सा है, जहां लोग नहाते हैं, और उस समय पानी का बहाव तेज था। दुखद बात यह है कि युवकों ने करीब 15 मिनट तक मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की।
नाथूराम चौहान ने जोर देकर कहा कि यह पूरी तरह प्रशासन की जवाबदेही बनती है और ऐसे हालात में सावधानी और तैनाती सुनिश्चित करना प्राथमिक जिम्मेदारी है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -