
राजेंद्र राणा ने उठाए सुक्खू सरकार पर गंभीर सवाल
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
हमीरपुर, 04 जून [ बिंदिया ठाकुर ] ! सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सरकार न केवल अपने खास मित्रों को लूट की खुली छूट दे रही है, बल्कि अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की मिसाल बन चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों को संरक्षण दे रही है और मुख्यमंत्री कार्यालय स्वयं पुलिस और प्रशासन पर दबाव बना रहा है कि असली दोषियों को बचाया जाए। आज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राजेंद्र राणा ने सिरमौर जिले के काला अंब में स्थित एक शराब फैक्ट्री पर हाल ही में हुई छापेमारी का हवाला देते हुए कहा कि वहां हजारों लीटर अवैध शराब मिलने के बावजूद फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टे, पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, क्योंकि मुख्यमंत्री कार्यालय से स्पष्ट निर्देश थे कि असली आरोपियों को बचाया जाए। इसी तरह परमाणु में भी एक अवैध शराब फैक्ट्री के संचालन का मामला सामने आने के बाद प्राथमिकी 48 घंटे के बाद दबाव बनाने के बाद दर्ज की गई। पूर्व विधायक ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत की सीबीआई जांच को लेकर सरकार क्यों घबरा रही है? उन्होंने कहा कि जब हिमाचल हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी, तो सरकार बेचैन हो गई और शिमला के एसपी संजीव गांधी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में अपने ही वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों पर भी चुप्पी साध ली। राणा ने यह भी पूछा कि एक एसपी द्वारा मीडिया के सामने इस प्रकार के बयान देना सर्विस रूल्स के तहत कैसे जायज ठहराया जा सकता है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की चुप्पी इस बात का संकेत है कि सरकार जानबूझकर मामले को दबाना चाहती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीबीआई जांच को रोकने के लिए सरकार की शह पर वही पुलिस अधिकारी हाईकोर्ट में अपनी निजी हैसियत से अपील दायर कर रहा है, जिससे साफ हो जाता है कि इस मौत के पीछे बड़े राज छिपे हैं और कई घोटालों की परतें खुलने की आशंका है। राजेंद्र राणा ने कहा कि यदि सरकार निष्पक्ष होती, तो वह जांच से घबराती नहीं, बल्कि स्वागत करती। उन्होंने कहा कि सरकार का यह रवैया उसे कटघरे में खड़ा करता है और जनता को यह जानने का अधिकार है कि सच्चाई क्या है।
हमीरपुर, 04 जून [ बिंदिया ठाकुर ] ! सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सरकार न केवल अपने खास मित्रों को लूट की खुली छूट दे रही है, बल्कि अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की मिसाल बन चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों को संरक्षण दे रही है और मुख्यमंत्री कार्यालय स्वयं पुलिस और प्रशासन पर दबाव बना रहा है कि असली दोषियों को बचाया जाए।
आज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राजेंद्र राणा ने सिरमौर जिले के काला अंब में स्थित एक शराब फैक्ट्री पर हाल ही में हुई छापेमारी का हवाला देते हुए कहा कि वहां हजारों लीटर अवैध शराब मिलने के बावजूद फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टे, पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, क्योंकि मुख्यमंत्री कार्यालय से स्पष्ट निर्देश थे कि असली आरोपियों को बचाया जाए। इसी तरह परमाणु में भी एक अवैध शराब फैक्ट्री के संचालन का मामला सामने आने के बाद प्राथमिकी 48 घंटे के बाद दबाव बनाने के बाद दर्ज की गई।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
पूर्व विधायक ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत की सीबीआई जांच को लेकर सरकार क्यों घबरा रही है? उन्होंने कहा कि जब हिमाचल हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी, तो सरकार बेचैन हो गई और शिमला के एसपी संजीव गांधी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में अपने ही वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों पर भी चुप्पी साध ली।
राणा ने यह भी पूछा कि एक एसपी द्वारा मीडिया के सामने इस प्रकार के बयान देना सर्विस रूल्स के तहत कैसे जायज ठहराया जा सकता है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की चुप्पी इस बात का संकेत है कि सरकार जानबूझकर मामले को दबाना चाहती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीबीआई जांच को रोकने के लिए सरकार की शह पर वही पुलिस अधिकारी हाईकोर्ट में अपनी निजी हैसियत से अपील दायर कर रहा है, जिससे साफ हो जाता है कि इस मौत के पीछे बड़े राज छिपे हैं और कई घोटालों की परतें खुलने की आशंका है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि यदि सरकार निष्पक्ष होती, तो वह जांच से घबराती नहीं, बल्कि स्वागत करती। उन्होंने कहा कि सरकार का यह रवैया उसे कटघरे में खड़ा करता है और जनता को यह जानने का अधिकार है कि सच्चाई क्या है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -