
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
हमीरपुर, 19 जून [ बिंदिया ठाकुर ] ! सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश राजनीतिक और प्रशासनिक दिशा से पूरी तरह भटक गया है। सरकार अब जनता के हितों की रक्षा करने में असफल हो गई है और एक सीमित गुट के इशारे पर काम कर रही है। यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि जब सरकार के ही मंत्री और वरिष्ठ नेता सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी खुलकर जाहिर करने लगें, तो यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार के भीतर गंभीर असंतोष पनप रहा है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सहयोगी रहे चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती के बयान— “काम अब सिर्फ दलालों के हो रहे हैं” —का हवाला देते हुए कहा कि यह सरकार की असलियत को सामने लाने के लिए काफी है। राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों को दरकिनार कर एक चुने हुए गुट को ही सत्ता संचालन का माध्यम बना लिया है। इससे मंत्री, विधायक और आम जनता सभी की आवाज़ बेअसर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार अब लोकतांत्रिक नहीं रही, बल्कि ‘चंद करीबी मित्रों और प्रभावशाली दलालों’ की सरकार बन गई है। उन्होंने कहा कि जिन मंत्रियों को खुद सरकार में घुटन महसूस हो रही हो, उनके रहते आम जनता की पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री को अब नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। राणा ने चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री ने जल्द ही स्थिति की गंभीरता को नहीं समझा और पद से इस्तीफा नहीं दिया, तो न केवल जनता बल्कि पार्टी के भीतर से भी असंतोष और विद्रोह का स्वर और तेज़ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता अब बदलाव चाहती है — विकास, पारदर्शिता और जवाबदेही की नई राजनीति की मांग कर रही है। लेकिन मौजूदा नेतृत्व में न तो संवेदनशीलता है और न ही कोई विजन है।
हमीरपुर, 19 जून [ बिंदिया ठाकुर ] !
सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश राजनीतिक और प्रशासनिक दिशा से पूरी तरह भटक गया है। सरकार अब जनता के हितों की रक्षा करने में असफल हो गई है और एक सीमित गुट के इशारे पर काम कर रही है।
यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि जब सरकार के ही मंत्री और वरिष्ठ नेता सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी खुलकर जाहिर करने लगें, तो यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार के भीतर गंभीर असंतोष पनप रहा है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सहयोगी रहे चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती के बयान— “काम अब सिर्फ दलालों के हो रहे हैं” —का हवाला देते हुए कहा कि यह सरकार की असलियत को सामने लाने के लिए काफी है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों को दरकिनार कर एक चुने हुए गुट को ही सत्ता संचालन का माध्यम बना लिया है। इससे मंत्री, विधायक और आम जनता सभी की आवाज़ बेअसर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार अब लोकतांत्रिक नहीं रही, बल्कि ‘चंद करीबी मित्रों और प्रभावशाली दलालों’ की सरकार बन गई है।
उन्होंने कहा कि जिन मंत्रियों को खुद सरकार में घुटन महसूस हो रही हो, उनके रहते आम जनता की पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री को अब नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
राणा ने चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री ने जल्द ही स्थिति की गंभीरता को नहीं समझा और पद से इस्तीफा नहीं दिया, तो न केवल जनता बल्कि पार्टी के भीतर से भी असंतोष और विद्रोह का स्वर और तेज़ हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता अब बदलाव चाहती है — विकास, पारदर्शिता और जवाबदेही की नई राजनीति की मांग कर रही है। लेकिन मौजूदा नेतृत्व में न तो संवेदनशीलता है और न ही कोई विजन है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -