*18 सवालों की पूरी सूची रखी जनता के सामने*
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हमीरपुर, 14 नवंबर [ बिंदिया ठाकुर ] ! हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता व सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मंडी में कांग्रेस सरकार के तीन साल पूरा होने पर जश्न मनाने के ऐलान को प्रदेश की जनता के साथ संवेदनहीन मज़ाक करार दिया है। राणा ने कहा कि मंडी जिला, जो प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, वहां सैकड़ों परिवार अपनी दिवाली तक नहीं मना सके, जबकि सरकार उसी मंडी में जश्न के ढोल बजाने जा रही है। राणा ने कटाक्ष करते हुए पूछा कि सरकार जश्न किस बात का मनाने जा रही है जबकि धरातल पर उपलब्धियां शून्य हैं और जनता की मुश्किलें शीर्ष पर है!” आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकार जनता को भ्रमित करने के लिए जश्न मना रही है, जबकि पिछले तीन साल में सरकार का बैलेंस शीट सवालों और विफलताओं से भरी है। राणा ने सरकार की कार्यप्रणाली पर 18 तीखे सवाल उठाते हुए कहा कि ये सवाल ही बताने के लिए काफी हैं कि सरकार ने तीन साल में जनता को दिया क्या है और छीना क्या है। उन्होंने कहा कि क्या जश्न इस बात का है कि सरकार ने 1500 संस्थान, जिनमें कई स्कूल शामिल हैं, बंद कर दिए? या इस बात का कि सरकारी व्यवस्थाएं चरमराने के कारण हजारों बच्चे स्कूल छोड़ने पर मजबूर हो गए? राणा ने पूछा कि क्या यह भी उपलब्धि है कि हिमाचल का कुल कर्ज 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया, और युवाओं को सिर्फ 5000 वाली नौकरियों का सहारा दिया गया? उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के बिल महीनों से अटके हुए हैं, इलाज के लिए मरीज अस्पतालों में तड़प रहे हैं, और सरकार उत्सव में मग्न है। उन्होंने कहा कि शगुन योजना की बेटियां अब भी सहायता राशि के इंतजार में हैं, महिलाएं 1500 रुपए की उम्मीद लगाए बैठी हैं, लेकिन सरकार उनसे किए वादों को भूल चुकी है। राणा ने कहा—“कानून-व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है, और सरकार जश्न का नारा लगा रही है। यह जनता की पीड़ा के प्रति संवेदनहीनता है।” उन्होंने आगे कहा कि रिटायर्ड कर्मचारी मेडिकल रिइम्बर्समेंट के इंतजार में लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, कई तो इंतजार करते-करते दुनिया छोड़ गए, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। राज्य पथ परिवहन निगम और यूनिवर्सिटी कर्मचारी सैलरी के इंतजार में हैं, और प्रदेश के दिव्यांग बीते तीन वर्षों से कड़कती ठंड में सड़क पर धरने पर बैठे हैं—लेकिन सरकार को उनके दर्द से ज्यादा जश्न की पड़ी है। राणा ने आरोप लगाया कि सरकार ने ट्रेज़री तक कई दिनों तक बंद रख दी, जिससे पूरा तंत्र ठप हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार देश-विदेश में भ्रम फैलाने और गलत दावे करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि एक ईमानदार अधिकारी विमल नेगी को भ्रष्टाचार रोकने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी, लेकिन सरकार इस पर भी खामोश है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के करीबी लोगों के कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्ज माफ कर दिए गए, जबकि आम लोगों को कोई राहत नहीं। पत्रकारों पर झूठे केस किए जा रहे हैं और महंगाई भत्ते की किस्त मांगने वाले कर्मचारियों पर एफआईआर और प्रिविलेज मोशन लाकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है—जो लोकतंत्र के खिलाफ है। राणा ने कहा कि सरकार को जश्न मनाने से पहले जनता को ये बताना चाहिए कि तीन साल में क्या सुधार किया, कौन–सी योजनाएं लागू की गईं, और किस क्षेत्र में ठोस काम हुआ। उन्होंने कहा कि जनता आज जश्न नहीं, जवाब चाहती है। उन्होंने कहा—“जो सरकार जनता की मूल जरूरतें तक पूरी नहीं कर पाई, वह जनता के पैसे से जश्न मना रही है। जनता सब कुछ देख रही है।” राणा ने स्पष्ट किया कि भाजपा इन सभी मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगती रहेगी और जनता की आवाज को मजबूती से उठाती रहेगी।
हमीरपुर, 14 नवंबर [ बिंदिया ठाकुर ] ! हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता व सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मंडी में कांग्रेस सरकार के तीन साल पूरा होने पर जश्न मनाने के ऐलान को प्रदेश की जनता के साथ संवेदनहीन मज़ाक करार दिया है। राणा ने कहा कि मंडी जिला, जो प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, वहां सैकड़ों परिवार अपनी दिवाली तक नहीं मना सके, जबकि सरकार उसी मंडी में जश्न के ढोल बजाने जा रही है। राणा ने कटाक्ष करते हुए पूछा कि सरकार जश्न किस बात का मनाने जा रही है जबकि धरातल पर उपलब्धियां शून्य हैं और जनता की मुश्किलें शीर्ष पर है!”
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकार जनता को भ्रमित करने के लिए जश्न मना रही है, जबकि पिछले तीन साल में सरकार का बैलेंस शीट सवालों और विफलताओं से भरी है। राणा ने सरकार की कार्यप्रणाली पर 18 तीखे सवाल उठाते हुए कहा कि ये सवाल ही बताने के लिए काफी हैं कि सरकार ने तीन साल में जनता को दिया क्या है और छीना क्या है।
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उन्होंने कहा कि क्या जश्न इस बात का है कि सरकार ने 1500 संस्थान, जिनमें कई स्कूल शामिल हैं, बंद कर दिए? या इस बात का कि सरकारी व्यवस्थाएं चरमराने के कारण हजारों बच्चे स्कूल छोड़ने पर मजबूर हो गए? राणा ने पूछा कि क्या यह भी उपलब्धि है कि हिमाचल का कुल कर्ज 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया, और युवाओं को सिर्फ 5000 वाली नौकरियों का सहारा दिया गया?
उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के बिल महीनों से अटके हुए हैं, इलाज के लिए मरीज अस्पतालों में तड़प रहे हैं, और सरकार उत्सव में मग्न है। उन्होंने कहा कि शगुन योजना की बेटियां अब भी सहायता राशि के इंतजार में हैं, महिलाएं 1500 रुपए की उम्मीद लगाए बैठी हैं, लेकिन सरकार उनसे किए वादों को भूल चुकी है। राणा ने कहा—“कानून-व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है, और सरकार जश्न का नारा लगा रही है। यह जनता की पीड़ा के प्रति संवेदनहीनता है।”
उन्होंने आगे कहा कि रिटायर्ड कर्मचारी मेडिकल रिइम्बर्समेंट के इंतजार में लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, कई तो इंतजार करते-करते दुनिया छोड़ गए, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। राज्य पथ परिवहन निगम और यूनिवर्सिटी कर्मचारी सैलरी के इंतजार में हैं, और प्रदेश के दिव्यांग बीते तीन वर्षों से कड़कती ठंड में सड़क पर धरने पर बैठे हैं—लेकिन सरकार को उनके दर्द से ज्यादा जश्न की पड़ी है।
राणा ने आरोप लगाया कि सरकार ने ट्रेज़री तक कई दिनों तक बंद रख दी, जिससे पूरा तंत्र ठप हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार देश-विदेश में भ्रम फैलाने और गलत दावे करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि एक ईमानदार अधिकारी विमल नेगी को भ्रष्टाचार रोकने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी, लेकिन सरकार इस पर भी खामोश है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के करीबी लोगों के कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्ज माफ कर दिए गए, जबकि आम लोगों को कोई राहत नहीं। पत्रकारों पर झूठे केस किए जा रहे हैं और महंगाई भत्ते की किस्त मांगने वाले कर्मचारियों पर एफआईआर और प्रिविलेज मोशन लाकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है—जो लोकतंत्र के खिलाफ है।
राणा ने कहा कि सरकार को जश्न मनाने से पहले जनता को ये बताना चाहिए कि तीन साल में क्या सुधार किया, कौन–सी योजनाएं लागू की गईं, और किस क्षेत्र में ठोस काम हुआ। उन्होंने कहा कि जनता आज जश्न नहीं, जवाब चाहती है। उन्होंने कहा—“जो सरकार जनता की मूल जरूरतें तक पूरी नहीं कर पाई, वह जनता के पैसे से जश्न मना रही है। जनता सब कुछ देख रही है।”
राणा ने स्पष्ट किया कि भाजपा इन सभी मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगती रहेगी और जनता की आवाज को मजबूती से उठाती रहेगी।
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