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शिमला, 21 मई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के पावर कॉर्पोरेशन में कार्यरत मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत को लेकर चल रहे मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह मामला प्रदेश में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है, और अब सभी की नजरें अदालत के अगले कदम पर टिकी हैं।मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ में हुई, जिसमें राज्य सरकार की ओर से दो प्रमुख जांच रिपोर्टें प्रस्तुत की गईं। एक रिपोर्ट अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओकार चंद शर्मा द्वारा की गई प्रशासनिक जांच की है, जबकि दूसरी 134 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट शिमला पुलिस की ओर से दी गई है। अदालत ने इन दोनों दस्तावेजों को अपने रिकॉर्ड में शामिल कर लिया है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जब तक इस मामले पर अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक शिमला पुलिस इस केस में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकती। इससे यह साफ हो गया है कि अदालत की अनुमति के बिना आगे की कानूनी प्रक्रिया नहीं बढ़ेगी।अब इस बात को लेकर अटकलें तेज हैं कि क्या मामला केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को सौंपा जाएगा या नहीं। अदालत का फैसला आने वाले कुछ दिनों में आने की उम्मीद है।फिलहाल उच्च्तम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई पर फैसले को दो दिन तक सुरक्षित रखा है। *याचिका कर्ता के एड वोकेट आरके बावा ने कहा,* इस मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस), डीजीपी और एसपी शिमला ने स्टेट्स रिपोर्ट अदालत में दी है। इस पर आज अदालत में दोनों पक्षों की बहस हुई है। बहस पूरी हो गई है। अब अदालत फैसला सुनाएगी।उन्होंने कहा, हमारा कहना था कि अभी तक की जांच निष्पक्ष नहीं है। सबूतों से छेड़छाड़ की गई। क्रूशल एविडेंस प्रीजर्व नहीं किए गए। डीजीपी के एफिडेविट में भी ये चीजें हाईलाइट हुई हैं। डीजीपी-एसपी की रिपोर्ट पर विरोधाभास है। वह जांच पर सवाल उठा रही है। उच्च्तम न्यायलय ने इस मामले को 2 दिन तक सुरक्षित रख लिया है। *बाईट- आरके बावा याचिका कर्ता के वकील। विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने न केवल उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया, बल्कि प्रदेश भर में भी न्याय की मांग को लेकर आवाजें उठी हैं। हाईकोर्ट का यह फैसला आने वाले दिनों में मामले की दिशा तय करेगा।
शिमला, 21 मई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के पावर कॉर्पोरेशन में कार्यरत मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत को लेकर चल रहे मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह मामला प्रदेश में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है, और अब सभी की नजरें अदालत के अगले कदम पर टिकी हैं।मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ में हुई, जिसमें राज्य सरकार की ओर से दो प्रमुख जांच रिपोर्टें प्रस्तुत की गईं। एक रिपोर्ट अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओकार चंद शर्मा द्वारा की गई प्रशासनिक जांच की है, जबकि दूसरी 134 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट शिमला पुलिस की ओर से दी गई है। अदालत ने इन दोनों दस्तावेजों को अपने रिकॉर्ड में शामिल कर लिया है।
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जब तक इस मामले पर अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक शिमला पुलिस इस केस में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकती। इससे यह साफ हो गया है कि अदालत की अनुमति के बिना आगे की कानूनी प्रक्रिया नहीं बढ़ेगी।अब इस बात को लेकर अटकलें तेज हैं कि क्या मामला केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को सौंपा जाएगा या नहीं। अदालत का फैसला आने वाले कुछ दिनों में आने की उम्मीद है।फिलहाल उच्च्तम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई पर फैसले को दो दिन तक सुरक्षित रखा है।
*याचिका कर्ता के एड
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वोकेट आरके बावा ने कहा,* इस मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस), डीजीपी और एसपी शिमला ने स्टेट्स रिपोर्ट अदालत में दी है। इस पर आज अदालत में दोनों पक्षों की बहस हुई है। बहस पूरी हो गई है। अब अदालत फैसला सुनाएगी।उन्होंने कहा, हमारा कहना था कि अभी तक की जांच निष्पक्ष नहीं है। सबूतों से छेड़छाड़ की गई। क्रूशल एविडेंस प्रीजर्व नहीं किए गए। डीजीपी के एफिडेविट में भी ये चीजें हाईलाइट हुई हैं। डीजीपी-एसपी की रिपोर्ट पर विरोधाभास है। वह जांच पर सवाल उठा रही है। उच्च्तम न्यायलय ने इस मामले को 2 दिन तक सुरक्षित रख लिया है। *बाईट- आरके बावा याचिका कर्ता के वकील। विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने न केवल उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया, बल्कि प्रदेश भर में भी न्याय की मांग को लेकर आवाजें उठी हैं। हाईकोर्ट का यह फैसला आने वाले दिनों में मामले की दिशा तय करेगा।
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