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बिलासपुर 22 नवम्बर ! जल तरंग जोश महोत्सव-2025 के तहत विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा पारंपरिक व्यंजनों और स्थानीय उत्पादों को लेकर स्थापित किए गए स्टॉल में लोगों की खूब भीड़ लग रही है। इन स्टॉलों में लोग न केवल पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे है बल्कि खूब सराहना भी कर रहे है।राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह, चांदपुर की 8 महिलाओं ने सारसों का साग-मक्की की रोटी और फ्रूट चाट का स्टॉल लगाया। उनके प्रयासों से जहां आगंतुकों को पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद मिल रहा है, तो वहीं ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी भी सुदृढ़ हो रही है। समूह की प्रधान तृप्ता देवी ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का सशक्त मंच प्रदान किया है। ऐसे आयोजनों से उन्हें अपने हुनर को प्रदर्शित करने और आय के नए अवसर प्राप्त हो रहे है।इसके साथ ही दिव्यांग किरण स्वयं सहायता समूह, नोआ की 4 महिलाओं द्वारा कचोरी और कुल्लू सिड्डू का स्टॉल लगाया गया है। समूह की प्रधान सुषमा कुमारी ने बताया कि ऐसे आयोजन दिव्यांग महिलाओं के लिए आत्मविश्वास और आजीविका दोनों बढ़ाने वाले साबित हो रहे हैं। जल तरंग जोश महोत्सव में शिवम स्वयं सहायता समूह, गंवाओ की महिलाओं द्वारा सारसों का साग-मक्की की रोटी और बेजुओं की कढ़ी परोसी जा रही है। जबकि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत वेद एवं प्रतीक्षा स्वयं सहायता समूह, सदर की महिलाओं ने सिड्डू, कचोरी और मोमो का स्टॉल लगाया, जिनका भी लोग खूब आनन्द उठा रहे है। महोत्सव में राजस्थानी व्यंजन भी विशेष आकर्षण का केन्द्र बन रहे है। इन स्टॉलों पर दाल बाटी चूरमा, मूंग दाल कचोरी, बड़ा पाव, पाव भाजी, डोसा तथा कुल्हड़ पिज्जा ने आगंतुकों का मन मोह लिया।
समूह की प्रधान तृप्ता देवी ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का सशक्त मंच प्रदान किया है। ऐसे आयोजनों से उन्हें अपने हुनर को प्रदर्शित करने और आय के नए अवसर प्राप्त हो रहे है।इसके साथ ही दिव्यांग किरण स्वयं सहायता समूह, नोआ की 4 महिलाओं द्वारा कचोरी और कुल्लू सिड्डू का स्टॉल लगाया गया है। समूह की प्रधान सुषमा कुमारी ने बताया कि ऐसे आयोजन दिव्यांग महिलाओं के लिए आत्मविश्वास और आजीविका दोनों बढ़ाने वाले साबित हो रहे हैं।
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जल तरंग जोश महोत्सव में शिवम स्वयं सहायता समूह, गंवाओ की महिलाओं द्वारा सारसों का साग-मक्की की रोटी और बेजुओं की कढ़ी परोसी जा रही है। जबकि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत वेद एवं प्रतीक्षा स्वयं सहायता समूह, सदर की महिलाओं ने सिड्डू, कचोरी और मोमो का स्टॉल लगाया, जिनका भी लोग खूब आनन्द उठा रहे है।
महोत्सव में राजस्थानी व्यंजन भी विशेष आकर्षण का केन्द्र बन रहे है। इन स्टॉलों पर दाल बाटी चूरमा, मूंग दाल कचोरी, बड़ा पाव, पाव भाजी, डोसा तथा कुल्हड़ पिज्जा ने आगंतुकों का मन मोह लिया।
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