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शिमला , 30 जून [ विशाल सूद ! हिमाचल प्रदेश में फल मंडियों में सेब ने दस्तक दे दी है , दस्तक के साथ सेब सीजन टाइडमेन सेब के साथ धीमी गति से शुरू हो गया है बागवान सेब को लेकर मंडी पहुंचना शुरू हो गए है शुक्रवार को राजधानी शिमला स्थित ढली फल मण्डी में सेब की बोली लगी जहां प्रदेश सरकार द्वारा की गई नई व्यवस्था के तहत पहली बार सेब किलो के हिसाब से खरीदा गया । सेब मंडियों मे किलो के हिसाब से बिकना तो शुरू हो गया है लेकिन इस नई व्यवस्था ने बागवानों के सामने नई समस्याएं खड़ी कर दी है ऐसे मे आडती व बागवानों दोनो नई व्यवस्था से नाखुश नजर आ रहे है जहाँ आढ़तियों का कहना है कि सेब को किलो के हिसाब से खरीदना संभव नही है क्योंकि बागवान सरकार द्वारा तय मानदंडों से ज्यादा सेब भरकर ला रहे है लेकिन आडती 24 किलो से ज्यादा खरीद नही सकता । वहीं बागवानों का भी कहना है कि किलो के हिसाब से खरीदने की नई व्यवस्था में बिना यूनिवर्सल कार्टन के बागवानो को भी नुकसान हो रहा है । सेब पेटी में 24 किलो से ज्यादा आ रहा है लेकिन आडती 24 किलो के हिसाब से ही खरीद रहा है । ढली फल मंडी में आढ़ती ज्ञान सिंह का कहना है कि सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार मण्डी मेइस बार सेब किलो के हिसाब से बिक रहा है और आज की बात करें तो आज फल मंडी में टाइडमेन सेब 40 से 100 रु प्रतिकिलो बिका लेकिन इस वर्ष सेब को किलो के हिसाब से खरीदना संभव नही है। आडती का कहना है कि बागवान बिना बजन किए सेब मण्डी ला रहे है लेकिन सरकार ने आढ़तियों के लिए मानदंड तय किए है जिसमे आढ़ती 24 किलो से ज्यादा सेब नही खरीद सकता इसलिए वो सरकार द्वारा तय मापदण्डों के अनुसार खरीद कर रहे है लेकिन बागवान मानदंडों से ज्यादा सेब भर कर पेटी में ला रहा है । उनका कहना है कि बिना यूनिवर्सल कार्टन के सेब को किलो के हिसाब से सेब संभव नही है उंन्होने सरकार से भी मांग की है सरकार बागवानों पर भी दवाब डाले की वो सेब को 24 किलो के हिसाब से पेटी में भरकर लाएं। वहीं सेब लेकर मण्डी पहुँचे बागवान का कहना भी है कि बिना यूनिवर्सल कार्टन सेब को किलो के हिसाब से खरीदने में बागवानों को नुकसान हो रहा है पेटियों में सेब 28 से 32 किलो तक आ रहा है लेकिन आडती 24 किलो के हिसाब से खरीद रहा है जिससे बागवानों काफी नुकसान हो रहा है सरकार या तो यूनिवर्सल कार्टन लागू करें नही तो सेब पेटियों के हिसाब से पुरानी व्यवस्था के तहत बिकना चाइये ताकि बागवानों को नुकसान न हो। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 30 जून [ विशाल सूद ! हिमाचल प्रदेश में फल मंडियों में सेब ने दस्तक दे दी है , दस्तक के साथ सेब सीजन टाइडमेन सेब के साथ धीमी गति से शुरू हो गया है बागवान सेब को लेकर मंडी पहुंचना शुरू हो गए है शुक्रवार को राजधानी शिमला स्थित ढली फल मण्डी में सेब की बोली लगी जहां प्रदेश सरकार द्वारा की गई नई व्यवस्था के तहत पहली बार सेब किलो के हिसाब से खरीदा गया ।
सेब मंडियों मे किलो के हिसाब से बिकना तो शुरू हो गया है लेकिन इस नई व्यवस्था ने बागवानों के सामने नई समस्याएं खड़ी कर दी है ऐसे मे आडती व बागवानों दोनो नई व्यवस्था से नाखुश नजर आ रहे है जहाँ आढ़तियों का कहना है कि सेब को किलो के हिसाब से खरीदना संभव नही है क्योंकि बागवान सरकार द्वारा तय मानदंडों से ज्यादा सेब भरकर ला रहे है लेकिन आडती 24 किलो से ज्यादा खरीद नही सकता ।
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वहीं बागवानों का भी कहना है कि किलो के हिसाब से खरीदने की नई व्यवस्था में बिना यूनिवर्सल कार्टन के बागवानो को भी नुकसान हो रहा है । सेब पेटी में 24 किलो से ज्यादा आ रहा है लेकिन आडती 24 किलो के हिसाब से ही खरीद रहा है ।
ढली फल मंडी में आढ़ती ज्ञान सिंह का कहना है कि सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार मण्डी मेइस बार सेब किलो के हिसाब से बिक रहा है और आज की बात करें तो आज फल मंडी में टाइडमेन सेब 40 से 100 रु प्रतिकिलो बिका लेकिन इस वर्ष सेब को किलो के हिसाब से खरीदना संभव नही है।
आडती का कहना है कि बागवान बिना बजन किए सेब मण्डी ला रहे है लेकिन सरकार ने आढ़तियों के लिए मानदंड तय किए है जिसमे आढ़ती 24 किलो से ज्यादा सेब नही खरीद सकता इसलिए वो सरकार द्वारा तय मापदण्डों के अनुसार खरीद कर रहे है लेकिन बागवान मानदंडों से ज्यादा सेब भर कर पेटी में ला रहा है ।
उनका कहना है कि बिना यूनिवर्सल कार्टन के सेब को किलो के हिसाब से सेब संभव नही है उंन्होने सरकार से भी मांग की है सरकार बागवानों पर भी दवाब डाले की वो सेब को 24 किलो के हिसाब से पेटी में भरकर लाएं।
वहीं सेब लेकर मण्डी पहुँचे बागवान का कहना भी है कि बिना यूनिवर्सल कार्टन सेब को किलो के हिसाब से खरीदने में बागवानों को नुकसान हो रहा है पेटियों में सेब 28 से 32 किलो तक आ रहा है लेकिन आडती 24 किलो के हिसाब से खरीद रहा है जिससे बागवानों काफी नुकसान हो रहा है सरकार या तो यूनिवर्सल कार्टन लागू करें नही तो सेब पेटियों के हिसाब से पुरानी व्यवस्था के तहत बिकना चाइये ताकि बागवानों को नुकसान न हो।
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