- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला, 27 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! पिछले दो साल से शिमला में दृष्टिहीन जन संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। शिमला के कालीबाड़ी में ये लोग पिछले 734 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं। हिमाचल के इतिहास में ये सबसे लंबा आंदोलन माना जा रहा है। मांगे पूरी न होने पर समय समय पर ये चक्का जाम करते रहें हैं। आज सचिवालय के बाहर फिर से आज इन्होंने धरना प्रदर्शन किया। साथ ही ये चेतावनी भी दे डाली कि सरकार यदि उनकी बात नहीं सुनती है तो वह नग्न होकर प्रदर्शन करेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी। दृष्टिहीन जन संगठन के सचिव राजेश ठाकुर ने बताया कि वह विभिन्न विभागों में खाली पड़े दृष्टिहीनों कोटे के बैकलॉग पदों को एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं। सरकार से कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं, जिसके चलते दृष्टिहीन संघ धरने के साथ कई बार चक्का जाम कर चुका है। जब वह चक्का जाम करते हैं तो उन्हें वार्ता के लिए बुलाया जाता है। लेकिन बाद में कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा कि वह पिछले लंबे समय से अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे है लेकिन बजट में दृष्टिहीनों का ख्याल नहीं रखा गया न ही उनको नौकरी दी जा रही है। लंबे अरसे से दृष्टिहीन कोटे के विभिन्न विभागों में पद खाली चल रहे हैं लेकिन सरकार इसमें भर्तियां नहीं कर रही है। दृष्टिहीन संघ के सदस्य लक्की ने सरकार को चेताते हुए कहा कि जाफी लंबे समय से वह अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है।सरकार उनकी मांगों पर बेरुखी का रवैया अपनाए हुए है।उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि अब भी अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो वह आमरण अनशन पर जाएंगे फिर भी अगर उन्हें अनसुना किया गया तो सभी दृष्टिहीन सचिवालय के समक्ष नग्न होकर प्रदर्शन करेंगे। गौरतलब है कि दृष्टि बाधित संघ शिमला में अपनी मांगों को लेकर दो वर्षों से अधिक समय से धरने पर बैठा है। दृष्टि बाधित सरकार से बैक लॉग कोटे के खाली पड़े पदों को एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं। दृष्टि बाधितों का कहना है कि 1995 के बाद उनके कोटे के पद सरकार भर नहीं रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी भर्तियों के आदेश दिए हैं।
शिमला, 27 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! पिछले दो साल से शिमला में दृष्टिहीन जन संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। शिमला के कालीबाड़ी में ये लोग पिछले 734 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं। हिमाचल के इतिहास में ये सबसे लंबा आंदोलन माना जा रहा है। मांगे पूरी न होने पर समय समय पर ये चक्का जाम करते रहें हैं। आज सचिवालय के बाहर फिर से आज इन्होंने धरना प्रदर्शन किया। साथ ही ये चेतावनी भी दे डाली कि सरकार यदि उनकी बात नहीं सुनती है तो वह नग्न होकर प्रदर्शन करेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।
दृष्टिहीन जन संगठन के सचिव राजेश ठाकुर ने बताया कि वह विभिन्न विभागों में खाली पड़े दृष्टिहीनों कोटे के बैकलॉग पदों को एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं। सरकार से कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं, जिसके चलते दृष्टिहीन संघ धरने के साथ कई बार चक्का जाम कर चुका है। जब वह चक्का जाम करते हैं तो उन्हें वार्ता के लिए बुलाया जाता है। लेकिन बाद में कुछ नहीं होता।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि वह पिछले लंबे समय से अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे है लेकिन बजट में दृष्टिहीनों का ख्याल नहीं रखा गया न ही उनको नौकरी दी जा रही है। लंबे अरसे से दृष्टिहीन कोटे के विभिन्न विभागों में पद खाली चल रहे हैं लेकिन सरकार इसमें भर्तियां नहीं कर रही है।
दृष्टिहीन संघ के सदस्य लक्की ने सरकार को चेताते हुए कहा कि जाफी लंबे समय से वह अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है।सरकार उनकी मांगों पर बेरुखी का रवैया अपनाए हुए है।उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि अब भी अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो वह आमरण अनशन पर जाएंगे फिर भी अगर उन्हें अनसुना किया गया तो सभी दृष्टिहीन सचिवालय के समक्ष नग्न होकर प्रदर्शन करेंगे।
गौरतलब है कि दृष्टि बाधित संघ शिमला में अपनी मांगों को लेकर दो वर्षों से अधिक समय से धरने पर बैठा है। दृष्टि बाधित सरकार से बैक लॉग कोटे के खाली पड़े पदों को एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं। दृष्टि बाधितों का कहना है कि 1995 के बाद उनके कोटे के पद सरकार भर नहीं रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी भर्तियों के आदेश दिए हैं।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -