मणिमहेश यात्रा में हजारों लोग फंसे नहीं हो पा रहा किसी से भी संपर्क ।
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शिमला , 28 अगस्त [ विशाल सूद ] : नेता प्रतिपक्ष ने पत्रकार वार्ता कर सरकार की गंभीरता को लेकर उठाए कई सवाल। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां एक और प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते चम्बा भरमौर कुल्लू मनाली में सड़के टूटी लोगों से नहीं हो पा रहा संपर्क तथा भरमौर से शुरू होने वाली मणिमहेश यात्रा के दौरान हजारों लोग फंसे हुए हैं बजाय उन्हें एनडीआरएफ एसडीआरएफ तथा सेवा के हवाई जहाज के माध्यम से बचाव एवं राहत कार्य पर ध्यान देने के बजाय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू राजनीतिक कार्यक्रम के तहत प्रदेश से बिहार गए हुए हैं जिससे उनकी प्रदेश के लोगों के प्रति संवेदनाओं के बारे में पता चलता है। होना तो इस समय यह चाहिए था कि मुख्यमंत्री को प्रदेश में रहकर इस आपदा की घड़ी में तमाम बचाव एवं राहत कार्य पर नज़र रखनी चाहिए थी पदाधिकारी को दिशा निर्देश जारी करने चाहिए थे और केंद्र से भी रिपोजिशन के माध्यम से सुना के हेलीकॉप्टर बुलाए जाने चाहिए थे परंतु मुख्यमंत्री राजनीतिक कार्य कर्मों में प्रदेश से बाहर है जिससे उनके यह प्रतीत होता है कि वह प्रदेश की जनता के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है वह केवल राजनीतिक सुख भोग रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहके मुख्यमंत्री लगातार इस बात को लेकर कह रहे थे कि हमने 12 दिन का इस बार मानसून सत्र रखा है । विपक्ष ने उम्मीद जताई थी कि 12 दिन के इस मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सदन में उपस्थित रहेंगे क्योंकि सत्र में बहुत महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होती है तथा विपक्ष द्वारा पूछे गए प्रश्नों का साकारात्मक जवाब दिए जाते हैं । हिमाचल प्रदेश में जो त्रासदी बरसात के कारण आई है जिसमें बहुत बड़ी संख्या मे लोगों की जाने चली गई हैं , घर चले गए है लोगों के बाग बगीचे चले गए । सरकारी संपत्ति को भी बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है होना तो यह चाहिए था कि सरकार उसपर गंभीरता से जवाब देती। परंतु विपक्ष ने सदन में जब नियम 67 के तहत चर्चा लाई उसे चर्चा में भी की गंभीरता कहीं नहीं नज़र नहीं आई । इस बात को लेकर जरुर कहना चाहूंगा कि राजस्व मंत्री बार-बार विधानसभा के अंदर जवाब दे के बजाए केवल राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से बात करते हुए दिखाई दे सदन के अंदर केवल एक ही बात कहते हुए नज़र आए कि इस आपदा के लिए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर दोषी है नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं मानता हूं कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है लेकिन अब केवल मेरे विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं हालत यह बने हैं कि हिमाचल प्रदेश में कोई भी जिला ऐसा नहीं बचा है जहां बारिश के कारण नुकसान नहीं हुआ हो । 5 दिनों से चंबा का पूरी तरह से संपर्क कटा हुआ है नेटवर्क भी वहां पर अभी तक सुचारू रूप से नहीं चल रहा है । मणिमहेश की यात्रा में लोग गए है जिसमें 10000 लोग रास्ते में फंसे हैं न जाने सब किस हालत में वहां पर होंगे ना तो नेटवर्क चल रहा है और न ही हमारे विधायकों को जानकारी प्राप्त हो पा रही है ना ही प्रशासन को पूरी तरह से जानकारी हासिल हो पा रही है क्योंकि रास्ते टूट गए हैं । रास्ते टूटने के साथ-साथ संपर्क भी टूट चुका है बिजली पानी पूरी तरह से प्रभावित हुआ पड़ा है। इस स्थिति के उपरांत भी चंबा में अभी तक वहां पर जो सरकार की ओर से बचाव एवं राहत कार्य के लिए काम किया जाना चाहिए था वह नहीं हो पा रहा है और न ही केंद्र सरकार की ओर से हेलीकॉप्टर वहां पर उपलब्ध करवाने चाहिए थे जिसके लिए प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार से रिक्यूजिशन के बाद सेना से हेलीकॉप्टर लेने चाहिए थे उस संदर्भ में कोई कार्य अभी तक किया गया है ।और उसके साथ साथ राहत के कार्य जो है होना चाहिए था वह अभी तक नहीं हो पाया हैं। इसी तरह की स्थिति कुल्लू तथा मनाली की भी है । पण्डोह से आगे मनाली तक पिछले तीन दिनों से बिल्कुल संपर्क टूट गया है सड़के वहां पर टूट गई है आने-जाने का कोई माध्यम नहीं रह गया है और और पिछले कल रात को वहां पर कम्युनिकेशन स्थापित हो पाया है और इसी तरह से यदि लाहुल स्पीति की बात की जाए तो हजारों लोग वहां पर भी फंसे हुए हैं । मनाली में हजारों पर्यटकों के साथ-साथ में प्रदेश के लोग भी वहां पर फंसे हुए हैं । लेकिन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री विधानसभा को छोड़कर यहां से चले गए हैं। जानकारी प्राप्त हुई थी वह बिहार गए हैं बिहार में राहुल गांधी ने आग्रह किया है कि वहां पर मुख्यमंत्री पहुंचे क्योंकि उनका कोई राजनीतिक कार्यक्रम चला हुआ है जिस कार्यक्रम की झलक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में भी प्रदेश की तमाम जनता ने देखी जहां पर कपड़े फाड़ने तक की नौबत हार गई थी यहां पर भी वोट कर गाड़ी छोड़ का कार्यक्रम किया गया था जहां पर कांग्रेस हिमाचल प्रदेश से प्रभारी मौजूदगी में यह सब हुआ। प्रदेश में आई आपदा के चलते होना तो यह चाहिए था कि जिस तरह से भराड़वा में त्रासदी के कारण हजारों लोग फंसे हुए हैं और जिनकी अभी तक कोई जानकारी तक प्राप्त नहीं हो पाई है और ऐसी सूरत में मुख्यमंत्री को प्रदेश में रहकर राहत एवं बचाव कार्य की ओर ध्यान देना चाहिए था इसका घटना से यह प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार का बहुत ही गैर जिम्मेदार आना व्यवहार स्पष्ट दिखाई दे रहा है उन्हें जिंदगियां से कोई लेना देना नहीं है। वह तो अपनी सरकार में आनंद के महल में जी रहे हैं। प्रदेश में जिस तरह से आपदा से चलते हालात बने हुए हैं होना तो यह चाहिए कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को तुरंत उसे कार्यक्रम को छोड़कर वापस आना चाहिए और प्रभावित क्षेत्र के दौरे करनी चाहिए प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य को मॉनिटर करना चाहिए प्रभावित क्षेत्रों में रहता के लिए क्या क्या कुछ किया जा सकता है उसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जानी चाहिए जबकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐसी संकट की घड़ी में हिमाचल को ऐसे हाल में छोड़कर के गए हैं जैसे कोई लेना-देना कि नहीं है। वही इस अवसर पर प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री को भी बयानों के माध्यम से घेरते हुए कहा कि उनका पूर्व सत्र नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर तथा विपक्ष कोगाली देने में ही निकल गया है। पूरे सत्र के दौरान उनका कोई भी इस तरह का बयान नहीं है कि आपदा की घड़ी में राजस्व विभाग द्वारा क्या कम लोगों को रहा देने के लिए उठाई जा रहे हैं। केवल द्वेष की भावना से उन्होंने सदन के अंदर जो कुछ भी बयान दिए उसमें यह तप झलक रहा था कि वह व्यक्तिगत तौर पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को प्रदेश में यात्रा के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं ।
शिमला , 28 अगस्त [ विशाल सूद ] : नेता प्रतिपक्ष ने पत्रकार वार्ता कर सरकार की गंभीरता को लेकर उठाए कई सवाल। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां एक और प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते चम्बा भरमौर कुल्लू मनाली में सड़के टूटी लोगों से नहीं हो पा रहा संपर्क तथा भरमौर से शुरू होने वाली मणिमहेश यात्रा के दौरान हजारों लोग फंसे हुए हैं बजाय उन्हें एनडीआरएफ एसडीआरएफ तथा सेवा के हवाई जहाज के माध्यम से बचाव एवं राहत कार्य पर ध्यान देने के बजाय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू राजनीतिक कार्यक्रम के तहत प्रदेश से बिहार गए हुए हैं जिससे उनकी प्रदेश के लोगों के प्रति संवेदनाओं के बारे में पता चलता है।
होना तो इस समय यह चाहिए था कि मुख्यमंत्री को प्रदेश में रहकर इस आपदा की घड़ी में तमाम बचाव एवं राहत कार्य पर नज़र रखनी चाहिए थी पदाधिकारी को दिशा निर्देश जारी करने चाहिए थे और केंद्र से भी रिपोजिशन के माध्यम से सुना के हेलीकॉप्टर बुलाए जाने चाहिए थे परंतु मुख्यमंत्री राजनीतिक कार्य कर्मों में प्रदेश से बाहर है जिससे उनके यह प्रतीत होता है कि वह प्रदेश की जनता के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है वह केवल राजनीतिक सुख भोग रहे हैं।
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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहके मुख्यमंत्री लगातार इस बात को लेकर कह रहे थे कि हमने 12 दिन का इस बार मानसून सत्र रखा है । विपक्ष ने उम्मीद जताई थी कि 12 दिन के इस मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सदन में उपस्थित रहेंगे क्योंकि सत्र में बहुत महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होती है तथा विपक्ष द्वारा पूछे गए प्रश्नों का साकारात्मक जवाब दिए जाते हैं ।
हिमाचल प्रदेश में जो त्रासदी बरसात के कारण आई है जिसमें बहुत बड़ी संख्या मे लोगों की जाने चली गई हैं , घर चले गए है लोगों के बाग बगीचे चले गए । सरकारी संपत्ति को भी बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है होना तो यह चाहिए था कि सरकार उसपर गंभीरता से जवाब देती। परंतु विपक्ष ने सदन में जब नियम 67 के तहत चर्चा लाई उसे चर्चा में भी की गंभीरता कहीं नहीं नज़र नहीं आई ।
इस बात को लेकर जरुर कहना चाहूंगा कि राजस्व मंत्री बार-बार विधानसभा के अंदर जवाब दे के बजाए केवल राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से बात करते हुए दिखाई दे सदन के अंदर केवल एक ही बात कहते हुए नज़र आए कि इस आपदा के लिए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर दोषी है नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं मानता हूं कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है लेकिन अब केवल मेरे विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं हालत यह बने हैं कि हिमाचल प्रदेश में कोई भी जिला ऐसा नहीं बचा है जहां बारिश के कारण नुकसान नहीं हुआ हो ।
5 दिनों से चंबा का पूरी तरह से संपर्क कटा हुआ है नेटवर्क भी वहां पर अभी तक सुचारू रूप से नहीं चल रहा है । मणिमहेश की यात्रा में लोग गए है जिसमें 10000 लोग रास्ते में फंसे हैं न जाने सब किस हालत में वहां पर होंगे ना तो नेटवर्क चल रहा है और न ही हमारे विधायकों को जानकारी प्राप्त हो पा रही है ना ही प्रशासन को पूरी तरह से जानकारी हासिल हो पा रही है क्योंकि रास्ते टूट गए हैं ।
रास्ते टूटने के साथ-साथ संपर्क भी टूट चुका है बिजली पानी पूरी तरह से प्रभावित हुआ पड़ा है। इस स्थिति के उपरांत भी चंबा में अभी तक वहां पर जो सरकार की ओर से बचाव एवं राहत कार्य के लिए काम किया जाना चाहिए था वह नहीं हो पा रहा है और न ही केंद्र सरकार की ओर से हेलीकॉप्टर वहां पर उपलब्ध करवाने चाहिए थे जिसके लिए प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार से रिक्यूजिशन के बाद सेना से हेलीकॉप्टर लेने चाहिए थे उस संदर्भ में कोई कार्य अभी तक किया गया है ।और उसके साथ साथ राहत के कार्य जो है होना चाहिए था वह अभी तक नहीं हो पाया हैं।
इसी तरह की स्थिति कुल्लू तथा मनाली की भी है । पण्डोह से आगे मनाली तक पिछले तीन दिनों से बिल्कुल संपर्क टूट गया है सड़के वहां पर टूट गई है आने-जाने का कोई माध्यम नहीं रह गया है और और पिछले कल रात को वहां पर कम्युनिकेशन स्थापित हो पाया है और इसी तरह से यदि लाहुल स्पीति की बात की जाए तो हजारों लोग वहां पर भी फंसे हुए हैं । मनाली में हजारों पर्यटकों के साथ-साथ में प्रदेश के लोग भी वहां पर फंसे हुए हैं ।
लेकिन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री विधानसभा को छोड़कर यहां से चले गए हैं। जानकारी प्राप्त हुई थी वह बिहार गए हैं बिहार में राहुल गांधी ने आग्रह किया है कि वहां पर मुख्यमंत्री पहुंचे क्योंकि उनका कोई राजनीतिक कार्यक्रम चला हुआ है जिस कार्यक्रम की झलक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में भी प्रदेश की तमाम जनता ने देखी जहां पर कपड़े फाड़ने तक की नौबत हार गई थी यहां पर भी वोट कर गाड़ी छोड़ का कार्यक्रम किया गया था जहां पर कांग्रेस हिमाचल प्रदेश से प्रभारी मौजूदगी में यह सब हुआ। प्रदेश में आई आपदा के चलते होना तो यह चाहिए था कि जिस तरह से भराड़वा में त्रासदी के कारण हजारों लोग फंसे हुए हैं और जिनकी अभी तक कोई जानकारी तक प्राप्त नहीं हो पाई है और ऐसी सूरत में मुख्यमंत्री को प्रदेश में रहकर राहत एवं बचाव कार्य की ओर ध्यान देना चाहिए था इसका घटना से यह प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार का बहुत ही गैर जिम्मेदार आना व्यवहार स्पष्ट दिखाई दे रहा है उन्हें जिंदगियां से कोई लेना देना नहीं है। वह तो अपनी सरकार में आनंद के महल में जी रहे हैं।
प्रदेश में जिस तरह से आपदा से चलते हालात बने हुए हैं होना तो यह चाहिए कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को तुरंत उसे कार्यक्रम को छोड़कर वापस आना चाहिए और प्रभावित क्षेत्र के दौरे करनी चाहिए प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य को मॉनिटर करना चाहिए प्रभावित क्षेत्रों में रहता के लिए क्या क्या कुछ किया जा सकता है उसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जानी चाहिए जबकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐसी संकट की घड़ी में हिमाचल को ऐसे हाल में छोड़कर के गए हैं जैसे कोई लेना-देना कि नहीं है।
वही इस अवसर पर प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री को भी बयानों के माध्यम से घेरते हुए कहा कि उनका पूर्व सत्र नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर तथा विपक्ष कोगाली देने में ही निकल गया है। पूरे सत्र के दौरान उनका कोई भी इस तरह का बयान नहीं है कि आपदा की घड़ी में राजस्व विभाग द्वारा क्या कम लोगों को रहा देने के लिए उठाई जा रहे हैं। केवल द्वेष की भावना से उन्होंने सदन के अंदर जो कुछ भी बयान दिए उसमें यह तप झलक रहा था कि वह व्यक्तिगत तौर पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को प्रदेश में यात्रा के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं ।
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