
लोगों को हिम केयर से नि:शुल्क इलाज देने की वजह शुल्क लगाने के रास्ते तलाश रही सरकार फिना सिंह पर परियोजना में हो रही धांधली को गंभीरता से लें मुख्यमंत्री पच्छाद में बलदेव भंडारी के घर पहुंच कर नेता प्रतिपक्ष ने व्यक्त की अपनी संवेदना
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शिमला , 24 जून [ शिवानी ] : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार अब प्रदेश में बीमार मरीजों को ही अपनी आय का साधन बना रही है। एक तरफ सरकार की नाकामी की वजह से प्रदेशवासियों का हिम केयर से निःशुल्क इलाज नहीं हो रहा है तो दूसरी तरफ सरकार अस्पतालों में तरह–तरह के शुल्क लगाती जा रही है। अब सरकार आईजीएमसी में मरीजों को मिलने वाले भोजन के शुल्क में भी बढ़ोतरी करने जा रही है। इसके साथ ही आईजीएमसी में मरीज को एडमिट किए जाने पर अलग से एडमिशन शुल्क लिए जाने की योजना भी बन गई है। यह योजना सिर्फ आईजीएमसी तक ही सीमित नहीं होगी बल्कि धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में भी लागू होगी। इसके पहले भी सरकार ने इसी तरीके से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों से रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर₹10 वसूलना शुरू किया था जो अब धीरे पूरे प्रदेश में जगह जगह वसूला जा रहा है। सरकार इसी तरह से बाकी शुल्क भी अस्पतालों में लागू कर देगी। जिसका भुगतान प्रदेश की जनता करेगी और मुख्यमंत्री अंजान बने रहेंगे और सरकार द्वारा थोपे गए शुल्क को झूठा बताकर आगे बढ़ जाएंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि मरीजों की सेवा करना मानवता भी है और सरकार का कर्तव्य भी। लेकिन वर्तमान सरकार बीमार को ही प्रदेश की आय का साधन बना रही है। जब से व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार सत्ता में आई है तब से प्रदेश में एक तरफ स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बंटाधार किया जा रहा है। आदमी को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाएं, स्वास्थ्य से संबंधित सरकारी योजनाएं पूरी तरीके से नाकाम हो गई हैं। चाहे नि:शुल्क मिलने वाली दवाएं हो या नि:शुल्क होने वाली जांच या फिर हिम केयर और आयुष्मान के तहत मिलने वाला नि:शुल्क इलाज, सरकार की नाकामी की वजह से सब बंद है। अस्पताल को आपूर्ति कर रही कंपनियां, संस्थान सरकार से अपने पुराने भुगतान के लिए गुहार लगाते ही देखे जा रहे हैं। भुगतान न मिलने की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। लोग सुविधाओं के लिए भटक रहे हैं या जीवित बचे रहने के लिए मजबूरी किसी तरह में इलाज करवा रहे हैं। सरकार उनकी जरूरत और मजबूरी का फायदा उठाकर बिना कोई सुविधा दिए ही सुविधा शुल्क पर शुल्क जोड़े जा रही है। मुख्यमंत्री से यह आग्रह है कि मरीजों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुधारने का मॉडल अपनाना बंद करें और एक जन कल्याणकारी राज्य के रूप में काम करें। जयराम ठाकुर ने कहा कि फिना सिंह परियोजना में हो रही धांधली के आरोपों को मुख्यमंत्री गंभीरता से लें और इस मामले की पूरी जांच करवाएं। जिससे परियोजना में लग रहे धांधली के आरोपों से पर्दा उठ सके। सरकार के हर प्रोजेक्ट में अनियमितता, नियमों में हेर फेर कर चहेतों को लाभ देने के आरोप लग रहे हैं यह अच्छी बात नहीं है। यह न परियोजना के हित में है और न ही प्रदेश के। इसलिए भ्रष्टाचार के आरोपों पर सरकार गंभीरता दिखाए, जनहित और प्रदेश का हित ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
शिमला , 24 जून [ शिवानी ] : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार अब प्रदेश में बीमार मरीजों को ही अपनी आय का साधन बना रही है। एक तरफ सरकार की नाकामी की वजह से प्रदेशवासियों का हिम केयर से निःशुल्क इलाज नहीं हो रहा है तो दूसरी तरफ सरकार अस्पतालों में तरह–तरह के शुल्क लगाती जा रही है।
अब सरकार आईजीएमसी में मरीजों को मिलने वाले भोजन के शुल्क में भी बढ़ोतरी करने जा रही है। इसके साथ ही आईजीएमसी में मरीज को एडमिट किए जाने पर अलग से एडमिशन शुल्क लिए जाने की योजना भी बन गई है। यह योजना सिर्फ आईजीएमसी तक ही सीमित नहीं होगी बल्कि धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में भी लागू होगी।
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इसके पहले भी सरकार ने इसी तरीके से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों से रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर₹10 वसूलना शुरू किया था जो अब धीरे पूरे प्रदेश में जगह जगह वसूला जा रहा है। सरकार इसी तरह से बाकी शुल्क भी अस्पतालों में लागू कर देगी। जिसका भुगतान प्रदेश की जनता करेगी और मुख्यमंत्री अंजान बने रहेंगे और सरकार द्वारा थोपे गए शुल्क को झूठा बताकर आगे बढ़ जाएंगे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मरीजों की सेवा करना मानवता भी है और सरकार का कर्तव्य भी। लेकिन वर्तमान सरकार बीमार को ही प्रदेश की आय का साधन बना रही है। जब से व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार सत्ता में आई है तब से प्रदेश में एक तरफ स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बंटाधार किया जा रहा है। आदमी को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाएं, स्वास्थ्य से संबंधित सरकारी योजनाएं पूरी तरीके से नाकाम हो गई हैं।
चाहे नि:शुल्क मिलने वाली दवाएं हो या नि:शुल्क होने वाली जांच या फिर हिम केयर और आयुष्मान के तहत मिलने वाला नि:शुल्क इलाज, सरकार की नाकामी की वजह से सब बंद है। अस्पताल को आपूर्ति कर रही कंपनियां, संस्थान सरकार से अपने पुराने भुगतान के लिए गुहार लगाते ही देखे जा रहे हैं। भुगतान न मिलने की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
लोग सुविधाओं के लिए भटक रहे हैं या जीवित बचे रहने के लिए मजबूरी किसी तरह में इलाज करवा रहे हैं। सरकार उनकी जरूरत और मजबूरी का फायदा उठाकर बिना कोई सुविधा दिए ही सुविधा शुल्क पर शुल्क जोड़े जा रही है। मुख्यमंत्री से यह आग्रह है कि मरीजों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुधारने का मॉडल अपनाना बंद करें और एक जन कल्याणकारी राज्य के रूप में काम करें।
जयराम ठाकुर ने कहा कि फिना सिंह परियोजना में हो रही धांधली के आरोपों को मुख्यमंत्री गंभीरता से लें और इस मामले की पूरी जांच करवाएं। जिससे परियोजना में लग रहे धांधली के आरोपों से पर्दा उठ सके। सरकार के हर प्रोजेक्ट में अनियमितता, नियमों में हेर फेर कर चहेतों को लाभ देने के आरोप लग रहे हैं यह अच्छी बात नहीं है।
यह न परियोजना के हित में है और न ही प्रदेश के। इसलिए भ्रष्टाचार के आरोपों पर सरकार गंभीरता दिखाए, जनहित और प्रदेश का हित ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
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