आंकलन कर दें उचित मुआवजा, बैंक लोन की किस्तों में भी राहत की मांग।
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शिमला , 05 मई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में मई महीने में बेमौसमी बारिश ओर ओलावृष्टि से किसानों बागवानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। बीते दिनों हुई भारी ओलावृष्टि से शिमला सहित प्रदेश के कई ऊपरी क्षेत्रों में सेब की फसल तबाह हो गई है तो वहीं निचले क्षेत्रों में भी नकदी फसलों को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने अपनी सरकार से मांग की है कि किसानों बागवानों को नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए। ठियोग से कांग्रेस विधायक एवं एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि ओलावृष्टि से सेब और नकदी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार को इस मुश्किल घड़ी में किसान, बागवानो के साथ खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, कृषि व बागवानी मंत्री इसे गंभीरता से ले अधिकारी नुकसान का आंकलन करें और किसानों बागवानो को उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि से काफी नुकसान हो गया है ऐसे मे अच्छी फसल की उम्मीद काफी कम है। किसान, बागवान कृषि लोन की किस्त देने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने मांग की है कि सरकार बैंक को अगले साल तक ऋणों की अदायगी में रोक लगाए। प्राकृतिक आपदा से लगातार नुकसान हो रहा है इससे दीर्घकालिक नीतियां बनाने की जरूरत है।
शिमला , 05 मई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में मई महीने में बेमौसमी बारिश ओर ओलावृष्टि से किसानों बागवानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। बीते दिनों हुई भारी ओलावृष्टि से शिमला सहित प्रदेश के कई ऊपरी क्षेत्रों में सेब की फसल तबाह हो गई है तो वहीं निचले क्षेत्रों में भी नकदी फसलों को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने अपनी सरकार से मांग की है कि किसानों बागवानों को नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए।
ठियोग से कांग्रेस विधायक एवं एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि ओलावृष्टि से सेब और नकदी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार को इस मुश्किल घड़ी में किसान, बागवानो के साथ खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, कृषि व बागवानी मंत्री इसे गंभीरता से ले अधिकारी नुकसान का आंकलन करें और किसानों बागवानो को उचित मुआवजा दिया जाए।
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उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि से काफी नुकसान हो गया है ऐसे मे अच्छी फसल की उम्मीद काफी कम है। किसान, बागवान कृषि लोन की किस्त देने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने मांग की है कि सरकार बैंक को अगले साल तक ऋणों की अदायगी में रोक लगाए। प्राकृतिक आपदा से लगातार नुकसान हो रहा है इससे दीर्घकालिक नीतियां बनाने की जरूरत है।
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