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शिमला , 18 जून [ विशाल सूद ] ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि राज्य की आबादी का लगभग 14.5 प्रतिशत सैनिक, पूर्व सैनिक तथा उनके आश्रित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों तथा उनके परिवारों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात उन्होंने आज यहां सैनिक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश वीरभूमि है और सेनाओं में हिमाचल प्रदेश के वीर सपूतों का प्रतिनिधित्व जनसंख्या के अनुपात में सर्वाधिक रहा है। राज्य के बहादुर सैनिकों ने भारत की रक्षा एवं अखंडता के लिए सदैव अपने प्राणांे की परवाह किए बिना चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों में सीमाओं पर उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सैनिक कल्याण विभाग में रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों में निर्माणाधीन विभिन्न सैनिक सदन, प्रशिक्षण अकादमी, नूरपुर और फतेहपुर में बनने वाले शहीद स्मारक तथा सैनिक कल्याण से जुड़े अन्य संस्थानों का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। इनके निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला हमीरपुर में निर्माणाधीन वॉर मैमोरियल, मेजर सोमनाथ शर्मा की प्रतिमा तथा सैनिक विश्राम गृहों के रख-रखाव के लिए भी प्रदेश सरकार प्राथमिकता के आधार पर धनराशि उपलब्ध करवाएगी। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शीघ्र ही राज्य सैनिक बोर्ड तथा पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण कोष प्रबन्धन समिति का शीघ्र ही गठन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, गैर सैन्य स्टेशनों जैसे कि ज़िला ऊना, हमीरपुर, मंडी एवं बिलासपुर में वैटरन सहायता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थिति तथा कम जनसंख्या घनत्व के दृष्टिगत प्रदेश में अतिरिक्त सीएसडी कैंटीन तथा एक्सटेंशन काउंटर स्थापित करने का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। बैठक में अवगत करवाया गया कि इस वर्ष 15 जनवरी से 10 जून के बीच 118 पूर्व सैनिकों को आउटसोर्स आधार पर सुरक्षा सेवाओं से जुड़े रोज़गार उपलब्ध करवाए गए हैं। सीमेंट फैक्ट्रियों में पूर्व सैनिकों के 44 ट्रक कार्य पर लगाए गए हैं। भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना के तहत 8 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। हिमाचल प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में कुल 144 परियोजनाओं में प्रदेश के 4103 पूर्व सैनिकों को रोज़गार प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त, एम्ज बिलासपुर में 73 सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर मदनशील, विशेष सचिव हरबंस सिंह ब्रसकोन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
शिमला , 18 जून [ विशाल सूद ] ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि राज्य की आबादी का लगभग 14.5 प्रतिशत सैनिक, पूर्व सैनिक तथा उनके आश्रित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों तथा उनके परिवारों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात उन्होंने आज यहां सैनिक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश वीरभूमि है और सेनाओं में हिमाचल प्रदेश के वीर सपूतों का प्रतिनिधित्व जनसंख्या के अनुपात में सर्वाधिक रहा है। राज्य के बहादुर सैनिकों ने भारत की रक्षा एवं अखंडता के लिए सदैव अपने प्राणांे की परवाह किए बिना चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों में सीमाओं पर उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की हैं।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सैनिक कल्याण विभाग में रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों में निर्माणाधीन विभिन्न सैनिक सदन, प्रशिक्षण अकादमी, नूरपुर और फतेहपुर में बनने वाले शहीद स्मारक तथा सैनिक कल्याण से जुड़े अन्य संस्थानों का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए।
इनके निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला हमीरपुर में निर्माणाधीन वॉर मैमोरियल, मेजर सोमनाथ शर्मा की प्रतिमा तथा सैनिक विश्राम गृहों के रख-रखाव के लिए भी प्रदेश सरकार प्राथमिकता के आधार पर धनराशि उपलब्ध करवाएगी।
सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शीघ्र ही राज्य सैनिक बोर्ड तथा पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण कोष प्रबन्धन समिति का शीघ्र ही गठन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, गैर सैन्य स्टेशनों जैसे कि ज़िला ऊना, हमीरपुर, मंडी एवं बिलासपुर में वैटरन सहायता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थिति तथा कम जनसंख्या घनत्व के दृष्टिगत प्रदेश में अतिरिक्त सीएसडी कैंटीन तथा एक्सटेंशन काउंटर स्थापित करने का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।
बैठक में अवगत करवाया गया कि इस वर्ष 15 जनवरी से 10 जून के बीच 118 पूर्व सैनिकों को आउटसोर्स आधार पर सुरक्षा सेवाओं से जुड़े रोज़गार उपलब्ध करवाए गए हैं। सीमेंट फैक्ट्रियों में पूर्व सैनिकों के 44 ट्रक कार्य पर लगाए गए हैं। भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना के तहत 8 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
हिमाचल प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में कुल 144 परियोजनाओं में प्रदेश के 4103 पूर्व सैनिकों को रोज़गार प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त, एम्ज बिलासपुर में 73 सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर मदनशील, विशेष सचिव हरबंस सिंह ब्रसकोन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
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