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शिमला , 18 जून 2025 ! स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया,हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई सचिव कामरेड रितेश ने हरियाणा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय(हिसार) में पुरानी स्कॉलरशिप के लिए शांतिपूर्वक तरीके से धरना-प्रदर्शन दे रहे छात्र-छात्रों पर किये गए जानलेवा लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निन्दा करती हैं। हिसार में हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में हुई छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में धरना प्रदर्शन करते हुए कामरेड रितेश कहा कि बीते 10 जून को रात के समय यूनिवर्सिटी प्रशासन के द्वारा शांति प्रिय तरीके से अपनी पुरानी स्कॉलरशिप स्कीम के लिए धरना-प्रदर्शन दे रहे विद्यार्थियों के ऊपर लाठीचार्ज करना संविधान और लोकतंत्र के ऊपर हमला करने के बराबर है। रितेश ने कहा कि जब से भाजपा सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति-2020 लाई गयी हैं तबसे शिक्षा के क्षेत्र पर हमले तेज हुए हैं, शिक्षा का निजीकरण बढ़ रहा है। लगातार एसएफएस कोर्स में वृद्धि,फीस बढ़ाने के साथ-साथ केंद्र और राज्य स्तर पर स्कॉलरशिप में कटौती की जा रही है। जिसका सीधा प्रभाव गरीब मेहनतकश मज़दूर-किसानों के परिवारों से आने छात्रों की शिक्षा पर पड़ रहा हैं। इसी का एक ताज़ा उदाहरण हिसार यूनिवर्सिटी में 10 जून रात को स्कॉलरशिप की कटौती के खिलाफ विद्यार्थियों ने अपने अधिकार के लिए यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 4 के ऊपर इकट्ठा होकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया लेकिन इस प्रदर्शन को दबाने के लिए वहा के कुलपति महोदय ने तानाशाही तरीके से आंदोलन को कुचलने के लिए पुलिसिया लाठीचार्ज का समर्थन किया। जिसमें रजिस्ट्रार के सामने विश्वविद्यालय में लाठीचार्ज के दौरान पहचाने गए प्रोफेसर और दर्जनों सिक्योरिटी गार्ड्स ने विद्यार्थियों पर जानलेवा हमला किया। इस हमले में विद्यार्थियों के सर फूटे और गंभीर चोटे आई हैं! एस एफ आई इसकी कड़ी निंदा करती है और हरियाणा सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करती है कि इस छात्र विरोधी निर्णय को वापिस लिया जाए नहीं तो एस एफ आई छात्रों को लामबंद करते हुए ओर मजबूती के साथ लड़ेगी।
शिमला , 18 जून 2025 ! स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया,हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई सचिव कामरेड रितेश ने हरियाणा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय(हिसार) में पुरानी स्कॉलरशिप के लिए शांतिपूर्वक तरीके से धरना-प्रदर्शन दे रहे छात्र-छात्रों पर किये गए जानलेवा लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निन्दा करती हैं।
हिसार में हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में हुई छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में धरना प्रदर्शन करते हुए कामरेड रितेश कहा कि बीते 10 जून को रात के समय यूनिवर्सिटी प्रशासन के द्वारा शांति प्रिय तरीके से अपनी पुरानी स्कॉलरशिप स्कीम के लिए धरना-प्रदर्शन दे रहे विद्यार्थियों के ऊपर लाठीचार्ज करना संविधान और लोकतंत्र के ऊपर हमला करने के बराबर है।
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रितेश ने कहा कि जब से भाजपा सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति-2020 लाई गयी हैं तबसे शिक्षा के क्षेत्र पर हमले तेज हुए हैं, शिक्षा का निजीकरण बढ़ रहा है। लगातार एसएफएस कोर्स में वृद्धि,फीस बढ़ाने के साथ-साथ केंद्र और राज्य स्तर पर स्कॉलरशिप में कटौती की जा रही है। जिसका सीधा प्रभाव गरीब मेहनतकश मज़दूर-किसानों के परिवारों से आने छात्रों की शिक्षा पर पड़ रहा हैं।
इसी का एक ताज़ा उदाहरण हिसार यूनिवर्सिटी में 10 जून रात को स्कॉलरशिप की कटौती के खिलाफ विद्यार्थियों ने अपने अधिकार के लिए यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 4 के ऊपर इकट्ठा होकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया लेकिन इस प्रदर्शन को दबाने के लिए वहा के कुलपति महोदय ने तानाशाही तरीके से आंदोलन को कुचलने के लिए पुलिसिया लाठीचार्ज का समर्थन किया।
जिसमें रजिस्ट्रार के सामने विश्वविद्यालय में लाठीचार्ज के दौरान पहचाने गए प्रोफेसर और दर्जनों सिक्योरिटी गार्ड्स ने विद्यार्थियों पर जानलेवा हमला किया। इस हमले में विद्यार्थियों के सर फूटे और गंभीर चोटे आई हैं! एस एफ आई इसकी कड़ी निंदा करती है और हरियाणा सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करती है कि इस छात्र विरोधी निर्णय को वापिस लिया जाए नहीं तो एस एफ आई छात्रों को लामबंद करते हुए ओर मजबूती के साथ लड़ेगी।
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