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शिमला ! नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने आज यहां हिमुडा के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह नवाचार का युग है और हिमुडा को अपनी कार्य प्रणाली में नवाचार का समावेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लक्ष्य के साथ-साथ हिमाचल में सुनियोजित शहरीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरित पहल को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए ऑनलाइन प्रणाली किसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवाओं की नवीन पहलों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करने पर भी विचार किया जाएगा। इससे प्रदेश में स्टार्ट-अप इको सिस्टम का भी विकास होगा। उन्होंने हिमुडा को स्टार्ट-अप और प्रशिक्षुता की दिशा में कार्य करने पर बल देते हुए स्टार्ट-अप फंड की संभावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए। राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल में हिमुडा लोगों को किफायती और बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रहा है। हिमाचल प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है इसके मद्देनजर हिमुडा को प्रदेश की पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं का पूरा करना चाहिए ताकि लोगों और निवेशकों का विश्वास हिमुडा पर और अधिक बढ़े। उन्होंने अधिकारियों को थीम बेसड कॉलोनियों के निर्माण की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए ताकि हिमुडा की परियोजनाएं लोगों और निवेशकों को आकर्षित कर सकें। नगर एवं नियोजन मंत्री ने कहा कि शिमला में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए जाठिया देवी में निर्मित होने वाली माउंटेन सिटी परियोजना के प्रथम चरण का कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना के पूरा होने से शिमला शहर से भीड़-भाड़ की समस्या का समाधान होगा। विकास नगर में प्रस्तावित अत्याधुनिक बहुउद्देश्य भवन शिमला में सबसे आधुनिक भवनों में से एक होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरित और पर्यावरण अनुकूल भवनों के डिजाइन को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। बैठक में हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव डॉ. सुरेंद्र कुमार वशिष्ट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शिमला ! नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने आज यहां हिमुडा के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह नवाचार का युग है और हिमुडा को अपनी कार्य प्रणाली में नवाचार का समावेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लक्ष्य के साथ-साथ हिमाचल में सुनियोजित शहरीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरित पहल को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए ऑनलाइन प्रणाली किसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवाओं की नवीन पहलों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करने पर भी विचार किया जाएगा। इससे प्रदेश में स्टार्ट-अप इको सिस्टम का भी विकास होगा। उन्होंने हिमुडा को स्टार्ट-अप और प्रशिक्षुता की दिशा में कार्य करने पर बल देते हुए स्टार्ट-अप फंड की संभावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए।
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राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल में हिमुडा लोगों को किफायती और बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रहा है। हिमाचल प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है इसके मद्देनजर हिमुडा को प्रदेश की पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं का पूरा करना चाहिए ताकि लोगों और निवेशकों का विश्वास हिमुडा पर और अधिक बढ़े। उन्होंने अधिकारियों को थीम बेसड कॉलोनियों के निर्माण की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए ताकि हिमुडा की परियोजनाएं लोगों और निवेशकों को आकर्षित कर सकें।
नगर एवं नियोजन मंत्री ने कहा कि शिमला में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए जाठिया देवी में निर्मित होने वाली माउंटेन सिटी परियोजना के प्रथम चरण का कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना के पूरा होने से शिमला शहर से भीड़-भाड़ की समस्या का समाधान होगा। विकास नगर में प्रस्तावित अत्याधुनिक बहुउद्देश्य भवन शिमला में सबसे आधुनिक भवनों में से एक होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरित और पर्यावरण अनुकूल भवनों के डिजाइन को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। बैठक में हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव डॉ. सुरेंद्र कुमार वशिष्ट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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