- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 30 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग की विभिन्न पहलों और शैक्षिक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। रोहित ठाकुर ने निदेशालयों के पुनर्गठन, मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना, डिजिटल उपस्थिति, शिक्षकों के अंतरराष्ट्रीय शिक्षण भ्रमण, अपना विद्यालय योजना, राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल तथा स्कूलों की सीबीएसई से संबद्धता जैसी महत्वपूर्ण पहलों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग तीन वर्षों में राज्य सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अनेक परिवर्तनकारी पहल की हैं, जिनके परिणामस्वरूप प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अब तक विभिन्न श्रेणियों के लगभग 7000 नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां की जा चुकी हैं। इसके बाद 9000 से अधिक और पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है जिनमें 1170 टीजीटी, 1762 जेबीटी, 37 प्रवक्ता (पीडब्ल्यूडी), 69 सी.एंड.वी तथा 6292 एनटीटी शिक्षक शामिल हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए ताकि शैक्षणिक संस्थानों में रिक्त पदों को समय पर भरा जा सके। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए सुधारों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और राज्य की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने की रैंकिंग में सुधार हुआ है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने शिक्षा विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण पद्धतियों से अद्यतन रखने और उनके कोर्स पूरा करने के बाद उत्पन्न किसी भी ज्ञान-अंतर को दूर करने के लिए सरकार ने सभी नव-नियुक्त शिक्षकों के लिए इंडक्शन ट्रेनिंग आरंभ की है। इस कदम से शिक्षण क्षमता में वृद्धि होगी। रोहित ठाकुर ने जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमित विद्यालय निरीक्षणों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने उप- शिक्षा निदेशकों को निर्देश दिए कि वे विद्यालयों का नियमित रूप से दौरा करें ताकि बेहतर शिक्षण वातावरण सुनिश्चित किया जा सके। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने मानव संसाधन और भौतिक संसाधनों के सर्वाेत्तम उपयोग के लिए विभिन्न स्तरों पर विद्यालयों के बीच संसाधनों के साझा उपयोग की संस्कृति विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत के. शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक राजेश शर्मा तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
शिमला , 30 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग की विभिन्न पहलों और शैक्षिक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
रोहित ठाकुर ने निदेशालयों के पुनर्गठन, मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना, डिजिटल उपस्थिति, शिक्षकों के अंतरराष्ट्रीय शिक्षण भ्रमण, अपना विद्यालय योजना, राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल तथा स्कूलों की सीबीएसई से संबद्धता जैसी महत्वपूर्ण पहलों के क्रियान्वयन की समीक्षा की।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि पिछले लगभग तीन वर्षों में राज्य सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अनेक परिवर्तनकारी पहल की हैं, जिनके परिणामस्वरूप प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अब तक विभिन्न श्रेणियों के लगभग 7000 नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां की जा चुकी हैं।
इसके बाद 9000 से अधिक और पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है जिनमें 1170 टीजीटी, 1762 जेबीटी, 37 प्रवक्ता (पीडब्ल्यूडी), 69 सी.एंड.वी तथा 6292 एनटीटी शिक्षक शामिल हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए ताकि शैक्षणिक संस्थानों में रिक्त पदों को समय पर भरा जा सके।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए सुधारों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और राज्य की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने की रैंकिंग में सुधार हुआ है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने शिक्षा विभाग के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण पद्धतियों से अद्यतन रखने और उनके कोर्स पूरा करने के बाद उत्पन्न किसी भी ज्ञान-अंतर को दूर करने के लिए सरकार ने सभी नव-नियुक्त शिक्षकों के लिए इंडक्शन ट्रेनिंग आरंभ की है। इस कदम से शिक्षण क्षमता में वृद्धि होगी।
रोहित ठाकुर ने जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमित विद्यालय निरीक्षणों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने उप- शिक्षा निदेशकों को निर्देश दिए कि वे विद्यालयों का नियमित रूप से दौरा करें ताकि बेहतर शिक्षण वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने मानव संसाधन और भौतिक संसाधनों के सर्वाेत्तम उपयोग के लिए विभिन्न स्तरों पर विद्यालयों के बीच संसाधनों के साझा उपयोग की संस्कृति विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत के. शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक राजेश शर्मा तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -