

*उपमुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह 'ब्रेन ऑफ हिमाचल 2025' में की शिरकत*
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शिमला , 12 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज एस्पायर की ओर से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह 'ब्रेन ऑफ हिमाचल 2025' में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। छात्रों को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाए जा रहे हैं। पहले गांव में महिलाओं की शिक्षा का उतना विकास नहीं था, महिलाएं अंगूठा लगाती थी। उनके पास शिक्षा के अधिक अवसर नहीं होते थे लेकिन आज उन्हीं महिलाओं के बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करके अधिकारी, जज, शिक्षक बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है बच्चों को बेहतर सुविधाएं और अवसर मुहैया करवाई जाए। उनका मानना है कि अगर बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी तो हमारी बच्चे हर क्षेत्र में लोहा मनवाएंगे। हमारे बच्चों में हुनर की कमी नहीं है। प्रदेश में अगर आज आईआईटी, ट्रिपल आई टी, आईआईएम है तो इसका सारा श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को जाता है। देश में रोजगार देने के लिए सबसे बड़ी योजना मनरेगा भी उनकी का सपना था। आज प्रदेश में बड़े-बड़े संस्थान है। आज के छात्र प्रदेश के भविष्य है। आज प्रदेश के अंदर हर सुविधा गांव-गांव तक पहुंच चुकी है। पहले लोगों को पैदल सफर करके अपने गंतव्य पर पहुंचना पड़ता था मगर हिमाचल प्रदेश आज विकासशील राज्य की तरह बढ़ रहा है।उन्होंने कहा कि आज से 40 साल पहले डॉक्टर और इंजीनियर बनना प्रदेश में काफी चुनौती भरा होता था। लेकिन अब बहुत से निजी शिक्षण संस्थान कोचिंग के माध्यम से प्रदेश के छात्रों के करियर को बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे है। उन्होंने कहा कि इनाम का सर्टिफिकेट भी बहुत बड़ा होता है। उन्होंने कहा कि एस्पायर संस्थान छात्रों को छात्रवृत्तियां देकर कल्याणकारी कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए जा रहे है। इसी कड़ी में प्रदेश के 100 के करीब सरकारी स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड लागू करने का फैसल किया जा रहा है। स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी मीडियम शुरू किया जा रहा है। आज हिमाचल प्रदेश पूर्ण साक्षर राज्य बन चुका है। प्रदेश सरकार के प्रयास से हिमाचल गुणात्मक शिक्षा में 21वें से पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही है। राज्य भर में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाए जा रहे है। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि आज की युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहना चाहिए और बच्चों को अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही बच्चे खेलकूद व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में अपने हुनर को निखारे तभी वह अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे। कार्यक्रम के दौरान जमा दो कक्षा के अक्षत ठाकुर को ब्रेन ऑफ द हिमाचल चुना गया। इन्हें ऑल्टो कार इनाम के तौर पर दी गई। इस दौरान मुख्य अतिथि ने एस्पायर डिजिटल की लॉन्चिंग भी की। एस्पायर के एमडी योगेन्द्र मीना ने कहा की एस्पायर आईआईटी एन्ड मेडिकल की स्थापना वर्ष 2013 में प्रदेश के विद्यार्थियों को अपने ही राज्य में उच्च गुणवत्ता की कोचिंग प्रदान करने की दिशा में हुई थी ताकि उन्हें दिल्ली, कोटा या चंडीगढ़ जैसे शहरों में जाकर पढ़ाई न करनी पड़े। 2025 में एस्पायर के माध्यम से 141 से अधिक युवाओं का चयन नीट परीक्षा में और 52 का चयन जेईई परीक्षा में हुआ है। हर वर्ष एस्पायर विद्यार्थियों के लिए हिमाचल का सबसे बड़ा टैलेंट हंट एग्जाम “ब्रेन ऑफ हिमाचल” आयोजित करता है। यह परीक्षा छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना जगाने और उनकी प्रतिभा को पहचानने का सबसे बड़ा अवसर बन चुकी है। वर्ष 2025 में एस्पायर का 11 जिलों में परीक्षा का संचालन हुआ जिसके तहत 131 स्कूल परीक्षा केंद्रों में परीक्षा आयोजित की गई। प्रदेश में 1009 स्कूलों के विद्यार्थियों ने इसमें भाग लिया। इस परीक्षा में कुल 20567 छात्रों ने हिस्सा लिया। हिमफैड के चेयरमैन महेश्वर चौहान, एचपीयू के कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह, अश्विन श्रीवास्तव, डॉ सुभाष गुप्ता, पुलिस अधीक्षक शिव कुमार, राजेश मंढोत्रा सहित अभिभावक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
शिमला , 12 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज एस्पायर की ओर से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह 'ब्रेन ऑफ हिमाचल 2025' में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। छात्रों को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाए जा रहे हैं। पहले गांव में महिलाओं की शिक्षा का उतना विकास नहीं था, महिलाएं अंगूठा लगाती थी। उनके पास शिक्षा के अधिक अवसर नहीं होते थे लेकिन आज उन्हीं महिलाओं के बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करके अधिकारी, जज, शिक्षक बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है बच्चों को बेहतर सुविधाएं और अवसर मुहैया करवाई जाए। उनका मानना है कि अगर बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी तो हमारी बच्चे हर क्षेत्र में लोहा मनवाएंगे। हमारे बच्चों में हुनर की कमी नहीं है। प्रदेश में अगर आज आईआईटी, ट्रिपल आई टी, आईआईएम है तो इसका सारा श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को जाता है। देश में रोजगार देने के लिए सबसे बड़ी योजना मनरेगा भी उनकी का सपना था। आज प्रदेश में बड़े-बड़े संस्थान है।
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आज के छात्र प्रदेश के भविष्य है। आज प्रदेश के अंदर हर सुविधा गांव-गांव तक पहुंच चुकी है। पहले लोगों को पैदल सफर करके अपने गंतव्य पर पहुंचना पड़ता था मगर हिमाचल प्रदेश आज विकासशील राज्य की तरह बढ़ रहा है।उन्होंने कहा कि आज से 40 साल पहले डॉक्टर और इंजीनियर बनना प्रदेश में काफी चुनौती भरा होता था। लेकिन अब बहुत से निजी शिक्षण संस्थान कोचिंग के माध्यम से प्रदेश के छात्रों के करियर को बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे है। उन्होंने कहा कि इनाम का सर्टिफिकेट भी बहुत बड़ा होता है। उन्होंने कहा कि एस्पायर संस्थान छात्रों को छात्रवृत्तियां देकर कल्याणकारी कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए जा रहे है। इसी कड़ी में प्रदेश के 100 के करीब सरकारी स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड लागू करने का फैसल किया जा रहा है। स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी मीडियम शुरू किया जा रहा है। आज हिमाचल प्रदेश पूर्ण साक्षर राज्य बन चुका है। प्रदेश सरकार के प्रयास से हिमाचल गुणात्मक शिक्षा में 21वें से पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही है। राज्य भर में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाए जा रहे है।
उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि आज की युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहना चाहिए और बच्चों को अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही बच्चे खेलकूद व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में अपने हुनर को निखारे तभी वह अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे।
कार्यक्रम के दौरान जमा दो कक्षा के अक्षत ठाकुर को ब्रेन ऑफ द हिमाचल चुना गया। इन्हें ऑल्टो कार इनाम के तौर पर दी गई। इस दौरान मुख्य अतिथि ने एस्पायर डिजिटल की लॉन्चिंग भी की।
एस्पायर के एमडी योगेन्द्र मीना ने कहा की एस्पायर आईआईटी एन्ड मेडिकल की स्थापना वर्ष 2013 में प्रदेश के विद्यार्थियों को अपने ही राज्य में उच्च गुणवत्ता की कोचिंग प्रदान करने की दिशा में हुई थी ताकि उन्हें दिल्ली, कोटा या चंडीगढ़ जैसे शहरों में जाकर पढ़ाई न करनी पड़े। 2025 में एस्पायर के माध्यम से 141 से अधिक युवाओं का चयन नीट परीक्षा में और 52 का चयन जेईई परीक्षा में हुआ है।
हर वर्ष एस्पायर विद्यार्थियों के लिए हिमाचल का सबसे बड़ा टैलेंट हंट एग्जाम “ब्रेन ऑफ हिमाचल” आयोजित करता है। यह परीक्षा छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना जगाने और उनकी प्रतिभा को पहचानने का सबसे बड़ा अवसर बन चुकी है। वर्ष 2025 में एस्पायर का 11 जिलों में परीक्षा का संचालन हुआ जिसके तहत 131 स्कूल परीक्षा केंद्रों में परीक्षा आयोजित की गई। प्रदेश में 1009 स्कूलों के विद्यार्थियों ने इसमें भाग लिया। इस परीक्षा में कुल 20567 छात्रों ने हिस्सा लिया।
हिमफैड के चेयरमैन महेश्वर चौहान, एचपीयू के कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह, अश्विन श्रीवास्तव, डॉ सुभाष गुप्ता, पुलिस अधीक्षक शिव कुमार, राजेश मंढोत्रा सहित अभिभावक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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