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शिमला 21 नवम्बर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचआरटीसी) के पेंशनरों में सरकार के खिलाफ गहरी नाराजगी उभर आई है। शुक्रवार को शिमला के पुराने बस स्टैंड पर बड़ी संख्या में पेंशनरों ने एकजुट होकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। पेंशनरों का कहना है कि 20 नवंबर तक भी उनकी पेंशन जारी नहीं हुई, जिसके कारण उन्हें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। धरने में मौजूद पेंशनरों ने बताया कि न केवल पेंशन में देरी हो रही है, बल्कि महीनों से लंबित पड़े मेडिकल बिलों के भुगतान का भी कोई समाधान नहीं हुआ है। कई पेंशनरों ने कहा कि इलाज के लिए उन्हें अपनी बचत खत्म करनी पड़ रही है, जबकि सरकार उनकी समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रही है। धरने का नेतृत्व कर रहे एचआरटीसी पेंशनर्स कल्याण संगठन के महासचिव देवराज ठाकुर ने कहा कि लगातार अनदेखी के चलते पेंशनरों में भारी आक्रोश है। नवम्बर का आधा महीना बीत चुका है, लेकिन पेंशन जारी नहीं की गई। पुराने पेंशनरों को भी हर महीने भुगतान में देरी झेलनी पड़ रही है,” उन्होंने कहा। ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि 2016 के नए वेतनमान का एरियर, महंगाई भत्ता (डीए) और मेडिकल बिलों का भुगतान महीनों से अटका हुआ है, जिससे हजारों पेंशनरों का जीवन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एचआरटीसी की स्वर्ण जयंती पर कई घोषणाएं की थीं, लेकिन वे धरातल पर नहीं उतरीं। “कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने और पेंशनभोगियों के हितों की रक्षा का वादा किया था, लेकिन आज पेंशनधारक समय पर भुगतान के लिए भी तरस रहे हैं,” ठाकुर ने आरोप लगाया। धरने में पेंशनरों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और चेतावनी दी कि यदि जल्द उनकी पेंशन व मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया, तो वे 28 नवंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे। पेंशनरों का कहना है कि उनकी समस्याएं लंबे समय से अनदेखी का शिकार हैं और अब संघर्ष को मजबूरी में आगे बढ़ाना पड़ रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में करीब आठ हजार एचआरटीसी पेंशनर हैं, जिन्हें पेंशन, एरियर और भत्तों के भुगतान में लगातार देरी का सामना करना पड़ रहा है। पेंशनरों ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
शिमला 21 नवम्बर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचआरटीसी) के पेंशनरों में सरकार के खिलाफ गहरी नाराजगी उभर आई है। शुक्रवार को शिमला के पुराने बस स्टैंड पर बड़ी संख्या में पेंशनरों ने एकजुट होकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। पेंशनरों का कहना है कि 20 नवंबर तक भी उनकी पेंशन जारी नहीं हुई, जिसके कारण उन्हें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
धरने में मौजूद पेंशनरों ने बताया कि न केवल पेंशन में देरी हो रही है, बल्कि महीनों से लंबित पड़े मेडिकल बिलों के भुगतान का भी कोई समाधान नहीं हुआ है। कई पेंशनरों ने कहा कि इलाज के लिए उन्हें अपनी बचत खत्म करनी पड़ रही है, जबकि सरकार उनकी समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रही है।
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धरने का नेतृत्व कर रहे एचआरटीसी पेंशनर्स कल्याण संगठन के महासचिव देवराज ठाकुर ने कहा कि लगातार अनदेखी के चलते पेंशनरों में भारी आक्रोश है। नवम्बर का आधा महीना बीत चुका है, लेकिन पेंशन जारी नहीं की गई। पुराने पेंशनरों को भी हर महीने भुगतान में देरी झेलनी पड़ रही है,” उन्होंने कहा। ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि 2016 के नए वेतनमान का एरियर, महंगाई भत्ता (डीए) और मेडिकल बिलों का भुगतान महीनों से अटका हुआ है, जिससे हजारों पेंशनरों का जीवन प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एचआरटीसी की स्वर्ण जयंती पर कई घोषणाएं की थीं, लेकिन वे धरातल पर नहीं उतरीं। “कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने और पेंशनभोगियों के हितों की रक्षा का वादा किया था, लेकिन आज पेंशनधारक समय पर भुगतान के लिए भी तरस रहे हैं,” ठाकुर ने आरोप लगाया।
धरने में पेंशनरों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और चेतावनी दी कि यदि जल्द उनकी पेंशन व मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया, तो वे 28 नवंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे। पेंशनरों का कहना है कि उनकी समस्याएं लंबे समय से अनदेखी का शिकार हैं और अब संघर्ष को मजबूरी में आगे बढ़ाना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश में करीब आठ हजार एचआरटीसी पेंशनर हैं, जिन्हें पेंशन, एरियर और भत्तों के भुगतान में लगातार देरी का सामना करना पड़ रहा है। पेंशनरों ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
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