Left hepatectomy (लिवर के बाएं हिस्से) और Right Radical Nephrectomy (दाईं किडनी) का एक साथ सफल ऑपरेशन
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शिमला , 06 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! किन्नौर निवासी 75 वर्षीय बुज़ुर्ग के शरीर में फुटबॉल के आकार का एक बड़ा ट्यूमर पाया गया, जिसके कारण उन्हें पेट में दर्द, चलने-फिरने में तथा खाने-पीने में परेशानी होने लगी। मरीज ने आईजीएमसी शिमला के कैंसर विभाग में डॉ. रश्मपाल ठाकुर से ओपीडी में परामर्श लिया। सीटी-स्कैन में मरीज को एक नहीं बल्कि दो अलग जगहों पर कैंसर होने की पुष्टि हुई—एक लिवर में और दूसरा दाईं किडनी में। बुज़ुर्ग की उम्र अधिक होने के साथ-साथ उन्हें सांस लेने में दिक्कत और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर समस्याएँ भी थीं, जिसके कारण ऑपरेशन बेहद जोखिम भरा था। लेकिन चूंकि इस बीमारी का उपचार ऑपरेशन के अलावा संभव नहीं था, इसलिए मरीज को ऑपरेशन के लिए तैयार किया गया। आईजीएमसी की विशेषज्ञ टीम ने मरीज के लिवर के बाएँ हिस्से को (Left Hepatectomy) और दाईं किडनी को (Right Radical Nephrectomy)निकालकर सफल ऑपरेशन किया। ट्यूमर का आकार फुटबॉल जितना बड़ा व वजन लगभग 3 किलोग्राम था। ऑपरेशन लगभग 6–7 घंटे तक चला और मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर 10वें दिन अस्पताल से छुट्टी पाकर घर भेज दिया गया। आमतौर पर एक ही मरीज में एक साथ दो कैंसर केवल 2–3 प्रतिशत मामलों में पाए जाते हैं। ऐसे मामलों का ऑपरेशन करना अपने-आप में बहुत बड़ी चुनौ ती मानी जाती है। इस बेहद जटिल ऑपरेशन में मरीज की उम्र, सांस की समस्या, हाई बीपी, और दोनों अंगों को एक साथ ऑपरेट करने की कठिनाई सबसे बड़ी चुनौती थी। ऐम्स दिल्ली से सुपर-स्पेशलाइजेशन कर चुके डॉ. रश्मपाल ठाकुर ने इस दुर्लभ और जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर आईजीएमसी का नाम राज्य में ही नहीं देश भर में स्थापित किया है। कैंसर सर्जरी विभाग के लगातार जटिल और सफल ऑपरेशन के कारण आज हिमाचल के मरीजों को एम्स या पीजीआई रेफर करने की जरूरत पहले से बहुत कम हो गई है। आईजीएमसी शिमला की कैंसर सर्जरी टीम किसी भी जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक करने में सक्षम है।
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